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10 अक्तूबर 2015

ये हैं बिहार के करोड़पति भिखारी, पांच एकाउंट करते हैं मेंटेन


फाइल फोटो- पटना में रेलवे स्टेशन पर पप्पू भिखारी।
फाइल फोटो- पटना में रेलवे स्टेशन पर पप्पू भिखारी।
पटना। बीते महीने पटना में रेलवे स्टेशन पर एक ऐसा भिखारी मिला था जिसके पास करोड़ों की संपत्ति है। मामला तब सामने आया जब जीआरपी ने पटना स्टेशन पर पर भिखारियों को पकड़ा। पप्पू भिखारी के पास से पीएनबी, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक के एटीएम मिले। जांच में पता चला कि इसमें लाखों रुपए जमा हैं। यह सारे बैंक एकाउंट उसी भिखारी पप्पू के थे। करीब सवा करोड़ रुपए का मालिक पप्पू, पटना जंक्शन पर भीख मांगता है।
जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले पप्पू को उसके पिता ने पढ़ाई के लिए डांट लगाई। इससे नाराज होकर मुंबई चला गया, कुछ महीने वहां रहा। उस दौरान एक दिन मुंबई में ट्रेन से सफर करते समय गिर पड़ा। उसका एक हाथ जख्मी होने पर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके सारे पैसे खत्म हो गए। पप्पू ने बताया कि वह मुंबई रेलवे स्टेशन पर खड़ा था, उसकी लचारी देख लोगों ने उसे भिखारी समझकर कुछ पैसे दे दिए। पहले दिन मिले पांच सौ रुपए से उसने भरपेट खाना खाया और नए कपड़े भी खरीदे। अगले दिन फिर उसी जगह पर जाकर बैठ गया। इस दिन भीख में उसे सात सौ रुपए मिले। इसके बाद वह रोज उसी जगह बैठने लगा और अच्छी-खासी कमाई होने लगी। जब मोटी रकम जमा हो गई तो वह पटना आ गया। उसके नाम पर पटना सिटी और दीघा में जमीन भी है, जिसकी कीमत लाखों रुपए है। पप्पू विवाहित है और उसका बेटा इंग्लिश मीडियम में पढ़ रहा है।

5 राज्यों से ग्राउंड रिपोर्ट: ग्रोथ से बुद्धू बीफ पर आए, विकास नहीं सिर्फ गोमांस पर चर्चा

प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में बीफ की अफवाह को लेकर एक मर्डर के बाद हिंसा हुई। उसके बाद ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके के बिसहड़ा गांव में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिए गए, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है।
विकास के मुद्दे से शुरू हुआ बिहार चुनाव बीफ पर चला गया है। कश्मीर में बीफ पार्टी देने पर पिटाई हुई तो केरल में बीफ बैन का समर्थन न करने पर प्रोफेसर को पीटा। अदालत में कहा जा रहा है कि देशी गाय की नस्ल समाप्त हो रही है। ऐसे में हमने पांच रिपोर्ट्स की मदद से जाना कि कैसा घमासान मचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश: बीफ कोई नहीं चाहता, विवाद सबसे ज्यादा
लखनऊ (विजय उपाध्याय). उप्र के दादरी में ‘बीफ’ खाने की अफवाह फैलने के बाद मोहम्मद इखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में राजनीति गर्म है। उप्र में गौवध निवारण अधिनियम 1955 लागू है, गौवध पर कानूनन पूरी तरह पाबंदी है। राज्य में आज तक किसी भी संगठन या धर्म के मानने वालों ने गोवध की अनुमति देने की मांग नहीं की है।
जबकि गाय और गंगा को लेकर भाजपा व उसके समर्थक संगठन लगातार सक्रिय रहते हैं। राज्य की राजनीति को गोमांस ने झकझोर रखा है। सच्चाई यह भी है कि उप्र से गौवंश की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। बीते नौ सितंबर को उप्र के बरेली में पशु तस्करों ने दरोगा मनोज मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इससे पहले नवंबर और दिसंबर 2014 में भी तस्करों ने पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या की गई थी।
इस मामले में सपा प्रवक्ता नावेद सिद्दकी का कहना है कि कौन क्या खाएगा और क्या पहनेगा यह दूसरे तय नहीं करेंगे, मुल्क में लोकतंत्र है। यहां कोई दूसरा अपनी इच्छा थोप नहीं सकता है। इसके पहले उप्र सरकार में मंत्री आजम खां ने कहा था कि हर गोभक्त आज के बाद किसी भी होटल के मेन्यू में बीफ की कीमत न लिखने दे।

अगर ऐसा होता है, तो उन सभी फाइव स्टार होटल्स की उसी तरह ईंट से ईंट बजा दें, जिस तरह बाबरी मस्जिद की बजाई थी। इस मुद्दे पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज कहते हैं कि गाय हमारी माता है, हम उसी तरह उसका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे जैसे भारत माता का नहीं करते हैं, जाएंगे लेकिन अपमान नहीं होने देंगे। एक और भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, हर हिंदू का कर्तव्य है।

गंगा हमारी पहचान का हिस्सा

वर्तमान भारत की संस्कृति सभ्यता राजनीति बयानों से धूमिल हो रहीं हैं।बयान भी ऐसे जहां शर्म भी खुद से शर्म महसूस करें !! हर जगह हर बिजेपी और संघ समर्थक बीफ बीफ की रट लगाए बैठें हैं।भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ हमेशा अपनी सांम्प्रदायिक भाषा के लिए प्रख्यात हैं"अब थोड़ा इस महामुर्ख की टिप्पणी सुनिए !! "गंगा अपवित्र बकरा ईद से होतीं हैं" अब थोड़ा बिना ज्ञान के पटपोली, बिना दिमाग के बकबोली नाथ थोड़ा सुप्रीम कोर्ट का बयान देख लीजिए.... और जहां तक हमने पढ़ा है और सुना हैं की,
मगर पिछले कुछ दशकों से मनुष्य ने विकास की अंधी दौड़ में गंगा के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अगर यही हाल रहा, तो आने वाले समय में गंगा सूख चुकी होगी और भारत की अस्मिता खतरे में पड़ जाएगी। सिर्फ पटना की बात करें, तो एक साल में गंगा के किनारे 9000 अंतिम संस्कार किए जाते हैं। करीब 400 टन राख गंगा में हर साल प्रवाहित की जाती है। इससे भी बुरा हाल गंगा का बनारस में है। वहां हर साल पैतीस हजार शव का अंतिम संस्कार गंगा के तट पर किया जाता है। कानपुर में तो गंगा की जो दुर्दशा है इसका बयान कना भी मुश्किल है। पटना में करीब 80 लाख लोग रोजी-रोटी के लिए गंगा पर आश्रित हैं।
ऐसा नहीं हैं कि गंगा को बचाने की पहल नहीं की गई। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1886 की धारा 15 ए में स्पष्ट लिखा हैं कि किसी भी संस्था या व्यक्ति द्वारा गंगा में गंदगी फैलाने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपए जुमाने देना होगा। इसके बावजूद गंगा मैली होती जा रही हैं। अतिक्रमण, प्रदूषण और भूजल दोहण ने गंगा का असली रूप छीन लिया है। हम मनुष्य यही चाहते हैं कि गंगा अपने मूल रूप से सदनीरा बनी रहे। पर जब तक हम इस नदी का आदर नहीं करेंगे, तब तक आम नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे। पर्यटन स्थलों पर नदियों में गंदगी फेंकने पर रोक लगाना बेहद जरूरी है।
उत्तराखंड में गंगा का दुरूपयोग साफ दिखाई देता हैं। यहां से निकलने वाली गंगा से खिलवाड़ किया जा रहा है। बिजली बनाने के नाम पर गंगा के अस्तित्व से छेड़छाड़ के लिए न सिर्फ आम नागरिक बल्कि वहां की सरकार भी उतनी ही जिम्मेदार है।आपकी केंद्र के अंदर सरकार है और उत्तरप्रदेश के अंदर समाजवादी की सरकार पहल कीजिए...हजारों करोड़ों रुपये डकार गई उमा भारती और दोष बकरा ईद का....हम भारतीय है और हर भारतीय ऐतिहासिक स्थल की देखरेख करना हमारा दायित्व है... एक मुसलमान दिखा दीजिए जिसने गंगा को अपवित्र किया ?????
गंगा हमारी पहचान का हिस्सा है। इसके बिना प्रयागराज और वाराणसी जैसे जगहों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। गंगा को साफ रखने की पहल हर किसी को करनी होगी। कचरा, गंदगी, मल-मूत्र का डिस्पोजन करने के लिए अलग इंतजाम करना पड़ेगा। गंगा की सफाई से पहले यमुना की सफाई ज्यादा जरूरी है वहां आप क्यों नहीं बोलते ????और रही बात बीफ की तो रिजूज जैसे मंत्री आपकी सरकार के अंदर रहते हुए कह रहें है"हाँ हम बीफ खाते है.... आप क्यों पद पर बैठाकर बैठें हैं ???? आज भारत के अंदर जितने भी बड़े कत्लगाह है वह सब ब्राह्मण लोगों के हैं ???? कुछ राज्यों में बीफ का कारोबार बैन किया गया। इसके पीछे मूल भावना यह रही कि गाय हिंदुओं के लिए एक पवित्र जानवर है, इसलिए इसका वध नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि तीन राज्यों को छोड़कर देश में लगभग सभी जगह गोहत्या पर 1976 से ही रोक लगी हुई है। इसके बावजूद गोवंश की तादाद घट रही है। 2012 में पशुओं की गणना हुई थी, तो गोवंश का दूसरे मवेशियों के मुकाबले प्रतिशत 37.28 था, जबकि 1951 में यह प्रतिशत 53.04 फीसदी था।
अगर गोवंश पर प्रतिबंध है और किसान हिंदू मान्यताओं में बंधे होने के कारण दूध नहीं देने वाली गायों को कसाइयों के हाथ नहीं बेचते तो संख्या में यह गिरावट क्यों? यह मान्यता भी गलत है कि बीफ का कारोबार सिर्फ मुसलमान करते हैं। इस व्यवसाय में अल-कबीर एक्सपोर्ट्स (मालिक- अतुल सभरवाल), अल नूर एक्सपोर्ट्स (मालिक- अजय सूद) और महेश जगदाले ऐंड कंपनी जैसे नाम साबित करते हैं कि इसमें हिंदुओं की भी भागीदारी है। इसके बावजूद बीफ के कारोबार को एक ही मजहब से जोड़कर देखना गलत है।
इसी तरह बीफ खाना अधर्म या गैरहिंदूवादी बात है, इसे लेकर काफी नाराजगी हाल में दिखी है। हाल में गोमांस बेचने और गोहत्या पर महाराष्ट्र में लगी पाबंदी पर विरोध जाहिर करते हुए बॉलिवुड ऐक्टर ऋषि कपूर ने ट्विटर पर लिखा - मैं गुस्से में हूं। कोई क्या खाता है, इससे उसके धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है। मैं हिंदू हूं और बीफ खाता हूं। क्या ऐसा करने से मैं कम धार्मिक हो जाता हूं?
अब बताइए यहां कोई मुसलमान होता या मुसलमान कहता तो ??????
" खैर"
इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें
जारी किया था, जिसमें धर्म निरपेक्षता और समाजवाद शब्द गायब थे। यह एक मानवीय चूक थी या जान-बूझकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया सोचा-समझा कदम, यह सवाल बहुतों के मन में उठा। राजनीतिक हलके में संभावना यह भी जताई गई कि बीजेपी सरकार ने एक योजना के तहत सरकारी विज्ञापन से इन दोनों शब्दों को हटाया था। दरअसल, बीजेपी और आरएसएस इन शब्दों को हटाकर आम जनमानस की प्रतिक्रिया से वाकिफ होना चाहते थे। राजनीतिक हलकों में जब इन शब्दों को हटाने को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया हुई, तो केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आश्वासन देना पड़ा कि केंद्र सरकार भविष्य में इन बातों को ध्यान में रखेगी। अब भी हम नहीं समझें खैर कोई बात नहीं हम भारतीय है जल्दी नहीं समझते !!
भारत में धार्मिक असहिष्णुता वैश्विक चिंता का सबब बनती जा रही है। इस चिंता ने तब और जोर पकड़ा, जब गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बनकर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने एक पखवाड़े में सावर्जनिक रूप से दो बार भारत में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता का जिक्र किया। दिल्ली में उन्होंने कहा कि लोगों को सांप्रदायिकता या अन्य आधार पर बांटने की कोशिशों के खिलाफ सतर्क होना ह

तुर्की: पीस मार्च से पहले सुसाइड अटैक, दो धमाकों में 86 की मौत dainikbhaskar.com Oct 10, 2015, 19:03 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 17 1 of 15 Next अंकारा। तुर्की की राजधानी अंकारा में शनिवार को पीस रैली निकलने से ठीक पहले दो बड़े ब्लास्ट हुए। इनमें अब तक 86 लोगों की मौत होने की खबर है। 186 लोग जख्मी हुए हैं। ब्लास्ट के ऐन वक्त का वीडियो भी सामने आया है। कहां हुआ हमला? लोकल मीडिया के मुताबिक, धमाके रेलवे स्टेशन के एग्जिट गेट पर हुए। यह तुर्की के बेहद बिजी इलाकों में से एक है। इस स्टेशन से रोजाना 181 ट्रेनें गुजरती हैं। हुर्रियत न्यूजपेपर के मुताबिक, दोनों ही हमले सुसाइड बॉम्बर्स ने किए। हमले के वक्त निकल रहा था मार्च बताया जा रहा है कि जिस जगह ब्लास्ट हुआ, वहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सपोर्टर्स पीस मार्च निकालने की तैयारी में थे और नारेबाजी कर रहे थे। यह मार्च लेबर यूनियन ने बुलाया था। इसका मकसद कुर्दिश आतंकियों और सेना के बीच चल रहे संघर्ष के खिलाफ प्रदर्शन करना था। इसमें कई एनजीओ भी पहुंचे थे। अब तक किसी भी संगठन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी नहीं ली है। हमले के बाद क्या हुआ? इस घटना के बाद ऑर्गेनाइजर्स ने मीटिंग बुलाकर मार्च में शामिल होने आए लोगों को अपने शहर लौट जाने को कहा। साथ ही, जख्मी लोगों को लिए अंकारा हॉस्पिटल में लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील की है। सुरुच में भी हुए थे ऐसे धमाके इससे पहले जुलाई में सुरुच के सेंट्रल सेंटर में भी ऐसे ही धमाकों को अंजाम दिया गया था। इसमें 30 लोगों ने जान गंवाई थी। 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। बता दें, कुर्द और तुर्की आर्मी के बीच पिछले कई दशकों से संघर्ष चल रहा है। कुर्द अपने लिए इंडिपेंडेंट स्टेट की मांग कर रहा है। इसी साल जुलाई में तुर्की ने सीरिया और इराक में आईएस और पीकेके के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए हैं। पीकेके को तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

अंकारा। तुर्की की राजधानी अंकारा में शनिवार को पीस रैली निकलने से ठीक पहले दो बड़े ब्लास्ट हुए। इनमें अब तक 86 लोगों की मौत होने की खबर है। 186 लोग जख्मी हुए हैं। ब्लास्ट के ऐन वक्त का वीडियो भी सामने आया है।
कहां हुआ हमला?
लोकल मीडिया के मुताबिक, धमाके रेलवे स्टेशन के एग्जिट गेट पर हुए। यह तुर्की के बेहद बिजी इलाकों में से एक है। इस स्टेशन से रोजाना 181 ट्रेनें गुजरती हैं। हुर्रियत न्यूजपेपर के मुताबिक, दोनों ही हमले सुसाइड बॉम्बर्स ने किए।
हमले के वक्त निकल रहा था मार्च
बताया जा रहा है कि जिस जगह ब्लास्ट हुआ, वहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सपोर्टर्स पीस मार्च निकालने की तैयारी में थे और नारेबाजी कर रहे थे। यह मार्च लेबर यूनियन ने बुलाया था। इसका मकसद कुर्दिश आतंकियों और सेना के बीच चल रहे संघर्ष के खिलाफ प्रदर्शन करना था। इसमें कई एनजीओ भी पहुंचे थे। अब तक किसी भी संगठन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
हमले के बाद क्या हुआ?
इस घटना के बाद ऑर्गेनाइजर्स ने मीटिंग बुलाकर मार्च में शामिल होने आए लोगों को अपने शहर लौट जाने को कहा। साथ ही, जख्मी लोगों को लिए अंकारा हॉस्पिटल में लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील की है।
सुरुच में भी हुए थे ऐसे धमाके
इससे पहले जुलाई में सुरुच के सेंट्रल सेंटर में भी ऐसे ही धमाकों को अंजाम दिया गया था। इसमें 30 लोगों ने जान गंवाई थी। 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। बता दें, कुर्द और तुर्की आर्मी के बीच पिछले कई दशकों से संघर्ष चल रहा है। कुर्द अपने लिए इंडिपेंडेंट स्टेट की मांग कर रहा है। इसी साल जुलाई में तुर्की ने सीरिया और इराक में आईएस और पीकेके के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए हैं। पीकेके को तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

कांग्रेस जन शान्ति धारीवाल के बचाव में एक जुट एक साथ

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव कांग्रेस के सर्वमान्य गांधीवादी विचारक पंकज मेहता ने आज पत्रकारों से रूबरू कार्यक्रम में साफ़ किया के पूर्व मंत्री शान्तीधारीवाल के विरुद्ध भ्रष्टाचार के प्रमाणित आरोपों से घिरी भाजपा सरकार ने अगर द्वेषतापूर्ण कार्यवाही करने का कुत्सित प्रयास किया तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी ,,,पंकज मेहता सहित सभी कांग्रेस जन शान्ति धारीवाल के बचाव में एक जुट एक साथ आक्रामक तेवरों के साथ नज़र आये ,पंकज मेहता ने कहा के इस मुद्दे पर हाड़ोती की कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस एक जुट होकर भाजपा की इस द्वेषतापूर्ण बदले की भावना की कार्यवाही का हर पर विरोध करेगी ,,,,,पंकज मेहता ने कहा के इस मामले में कोटा के सभी कांग्रेसजन आज एक मंच पर है जबकि तरह अक्टूबर को सुबह ग्यारह बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलेट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ,,पूर्वमंत्री शान्तिकुमार धारीवाल संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करेंगे ,,,,,,,,,,,पंकज मेहता ने आज इस गंभीर मुद्दे पर सभी कांग्रेस जनो को एक मंच पर ला खड़ा किया ,,,पत्रकार वार्ता में प्रदेश महासचिव पूनम गोयल ,,सचिव शिवकांत नंदवाना ,,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नईमुद्दीन गुड्डू ,,,पूर्व न्यास अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ,,राजेन्द्र सांखला ,डॉक्टर ज़फर मोहम्मद , पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा ,पूर्व उपमहापौर राकेश सोरल ,,कांग्रेस के कोटा देहात और शहर अध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी मीणा ,,,गोविन्द शर्मा ,,,युथ कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ,,प्रदेश युथ कांग्रेस सचिव इसरार मोहम्मद ,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,ललित चित्तौड़ा ,,दिनेश टुटेजा सहित कई कांग्रेस जन इस मामले में एक जुट हो कर पत्रकारों से रूबरू हुए ,नईमुद्दीन गुडु ने साफ़ कहा के विकास पुरुष शांतिधारीवाल के विरुद्ध कोई भी षड्यंत्र कारी कार्यवाही बर्दाश्त नहीं होगी ,,पंकज मेहता ने कहा के सरकार भ्रष्टाचार के प्रमाणित आरोपो से घिरी है ,खान घोटाले में भाजपा के मंत्री ,,अधिकारी ,,कई दलाल शामिल है उनके हस्ताक्षर पत्रावली में है लेकिन सरकार ने मंत्री से न तो इस्तीफा लिया न ही अब तक उन्हें पूंछतांछ के लिए बुलाया है ,,,खुद मुख्यमंत्री ,,उनके पुत्र ललित मोदी के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए है ,,मुख्यमंत्री ने विकास का एक पत्थर नहीं रखा ,,बेरोज़गारों पर लाठियां बरस रही है और इसीलिए सरकार अपनी नाकामियो को छुपाने के लिए इस तरह की द्वेषतापूर्ण कार्यवाही कर रही है ,,पंकज मेहता ने कहा के कोई भी पट्टे संबंधित कार्यवाही नगर विकास न्यास ,,जे डी ऐ ,नगरनिगम द्वारा की जाती है इसमें मंत्री का कोई रोल नहीं होता है ,,संबंधित पत्रावली सम्पूर्ण जांच के बाद मंत्री धारीवाल के पास औपचारिक स्वीकृति के लिए गई थी ,,,लेकिन उन्हें इस मामले में अनियमितता की शिकायत मिलते ही उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए पट्टा ख़ारिज करने के आदेश जारी किये और एफ आई आर तक लिखाने के आदेश दिए ऐसे में सद्भाविक कृत्य के लिए उन्हें बेवजह भ्रष्टाचाचार पुलिस का भाजपा के दबाव में दिया गया नोटिस ऐक सियासी द्वेषता का ही नतीजा है ,,,,,इस मामले में पहली बार कोटा के सभी कोंग्रेसी एक जुट ,,एक साथ दिखे और शांतिधारीवाल के संकट काल में कांग्रेस के प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू खुल कर उनके समर्थन में आन खड़े हुए है ,,,तेरह अक्टूबर को जयपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अशोक गेहलोत ,,सचिन पायलेट ,,शानति धारीवाल संयुक्त पत्रकार वार्ता में भाजपा की द्वेषता पूर्ण कार्यवाही का मुंहतोड़ जवाब देंगे जबकि कांग्रेस की एकजुटता का भी पैगाम इसी पत्रकार वार्ता से राजस्थान के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओ को मिलेगा ,,,,पत्रकार कै एल जैन ने चुटकी लेते हुए कहा के पूर्व भरत सिंह ने जो कहा वोह होने लगा है के गर्मी के ताप से बचने के लिए सभी कांग्रेसजन एक पैढ के नीचे आ बैठे है ,,,,,जयपुर की पत्रकार वार्ता में कोटा के पत्रकार भी जाएंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धारीवाल के विरुद्ध सम्पूर्ण पत्रावलियों के अध्ययन के बाद भी उन्हें फंसाने जैसा कोई भी प्रारम्भिक सुबूत पत्रावली में काफी कोशिशो के बाद भी भाजपा सरकार जुटा नहीं सकी है ,,इसलिए अंदरुनी तोर पर ऐसा लगता है के इस मामले में ऐ सी बी शांति धारीवाल का नाम गवाह सूचि में डाल दे ,,,,,,,,,,,,,शांति धारीवाल के खिलाफ भाजपा सरकार की इस षड्यंत्र कारी कार्यवाही मामले में सभी कांग्रेस जनो से एक जुट होकर स्थाई संघर्ष करने का आह्वान मेने अपनी सोशल मिडिया पोस्ट पर किया था ,,मुझे ख़ुशी है के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ने इसे गंभीरता से लिया ,,इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ,,सहित कई वरिष्ठ नेताओ से वार्ता की ,,कोटा में सभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ से आज आयोजित पत्रकार वार्ता में आने का आह्वान किया और हमे ख़ुशी है के सभी कांग्रेसजन कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे के साथ एक मंच पर एक साथ ,,,,पत्रकारों के सामने रूबरू हुए ,,और शान्ति धारीवाल के बचाव में एक साथ एक जुट आक्रामक मुद्रा में दिखे ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भारत में गो वंश संरक्षण क़ानून बनाने और गांय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के क्रम में ,,,

आदरणीय नरेंद्र मोदी साहब
प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार नई दिल्ली ,,भारत ,,
विषय ,,,,,भारत में गो वंश संरक्षण क़ानून बनाने और गांय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के क्रम में ,,,,,,,,,,,
मान्यवर ,,
उपरोक्त विषय में निवेदन है के हमारा भारत ,,हमारे भारत में रहवासी हिन्दू भाई गांय को माँ का दर्जा देकर ,,माता कहकर सम्मानित करते है ,,,एक तरफ एक धर्म के लोग गांय को माता कहते है ,,गांय का मान सम्मान करते है दूसरी तरफ भारत को होटलों में विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए गो मांस का कारोबार है ,,,रोज़ गांय बाज़ार में कत्लखानो के लिए बेचीं जा रही है ,,,आप खुद इस सत्य को जानते है और मानते है ,,अपने एक साक्षात्कार में आप इस सच को स्वीकार चुके है के कई जेन बंधु जो आपके मित्र है इस व्यवसाय में लगे है ,,आप गांय के क़त्ल और इसका मांस के व्यापार के प्रधानमंत्री बनने के पहले से ही घोर विरोधी रहे है ,,सभी हिन्दू भाई गांय को माँ का दर्जा देते है वोह अलग बात है के जिस तरह से महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा कैसे और कब मिला इसका दस्तावेजी सुबूत नहीं है ऐसे ही गांय को माँ कहना कब से शुरू किया इसके पीछे क्या सुबूत रहे लोगों को तलाशने पर भी नहीं मिल पाते हो लेकिन गो पूजन होती है ,,इसलिए पूजनीय हर जीव सत्कार योग्ये है ,,,हमारे भारत में अफ़सोस की बात है के आपकी सरकार आने के बाद भी एक भी गांय का क़त्ल करने वाला क़त्ल खाना बंद नीं हुआ ,,अफ़सोस की बात है गो संरक्षण के लिए एक भी योजना तैयार नहीं की ,,,गांय के मांस को पांच सितारा होटलों पर खिलाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई ,,,,,,,,,,,,,गांय का मांस बेचने वाले होटलों को बंद नहीं करवाया गया ,,,गांय के मांस के कारोबार को बंद नहीं करवाया गया ,,विदेशो में इसकी सप्लाई आज भी नहीं रोकी गई ,,सड़को पर एक पूजनीय माँ का दर्जा रखने वाली गांय जब भूखी भटकती है ,,नाली ,,गंदगी में मुंह डालती है ,,सड़क पर किसी वाहन चालक का रास्ता रोकती है ,,,किसी की सब्ज़ी खाने पर जब सब्ज़ी वाला गांय को लठ मारकर दुत्कारता है तो गांय माँ नहीं एक साधारण जानवर नज़र आती है ,,अफ़सोस होता है मालिक गांय से कमाता है ,,दूध बेचता है ,,खुद दूध पीता है और फिर दूध निकालकर ,,,दूध बढ़ाने का इंजक्शन लगाकर गांय का जिस्म छलनी करवाता है और पूजनीय सम्मानीय माँ तुल्य गांय को सड़क पर छोड़ देता है ,,,इस मामले में एक माँ का अपमान करने वालों को सज़ा नहीं मिलती ,,एक गांय को बेचा जाता है ,,उसके चमड़े के जूते बनाये जाते है ,,गांय के मरने पर सड़क पर कई दिनों तक सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है ,,कसाई की जगह यह मरी हुई गांय बढ़ी बेरहमी से बढ़ी बेहयाई से हड्डी ठेकेदार उठाते है ,,चीर फाड़ करते है ,,हड्डियां बेचते है ,,मांस अलग करते है ,,,आते ऑपरेशन के टाँके लगाने वाली फैक्ट्री को बेचे जाते है ,,हड्डियां कंघे ,,ज़ेवर बनाने के लिए बेचीं जाती है मांस कुत्ते बिल्ली के खाने के लिए बेचा जाता है ,,बिस्किट बनाने की फैक्ट्रियों में जाता है ,,,चमड़ा जूते बनाने के लिए बेच दिया जाता है ,,,अफ़सोस होता है एक पूजनीय गांय जिसे हमारे भाई माँ कहते है उसका इतना उपहास ,,इतना तिरस्कार ,,इतना अपमान ,,इतना व्यापार ,,दूसरी तरफ शेर जिसे हम राष्ट्रिय पशु कहते है उसकी मृत्यु पर उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ ,,सरकार के अधिकारियो की मौजूदगी में पूरा जलाकर नष्ट करने का क़ानून ,,हमारे हिन्दू भाइयो की माँ का जज़्बा गांय के साथ जुड़ा है और गांय का कोई सम्मान नहीं एक शेर जो मांसाहारी है उसका राजकीय सम्मान ,,राष्ट्रीय पशु की घोषणा कुछ समझ नहीं आता ,,पिछली सरकारों की गलतिया अब सुधारने का वक़्त है ,,मेरी गुज़ारिश है के निम्न क़ानून बनाया जाए ,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,भारत में गो संरक्षण संवर्धन क़ानून बने ,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,भारत में सभी तरह की प्रजाति की गांय और गांय के बेल बछड़े को राष्ट्रिय पशु घोषित किया जाए ,,
,,,,,,,,,भारत में गांय के मान सम्मान प्रतिष्ठा का पूरा ध्यान रखा जाए ,,,जो लोग गांय को दूध निकालकर सड़को पर लोगों के डंडे खाने ,,नलियो में मुंह डालने ,,कचरे में मुंह डालकर पोलिथिन खाकर मर जाने के लिए छोड़ देते है ऐसे सभी लोगों को तलाश कर गैर ज़मानती अपराध बनाकर जेल भेजा जाए जिसमे कमसे कम सात साल की सज़ा होना चाहिए ,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,गांय की हत्या करना ,,गांय का क़त्ल करना ,,प्रतिबंधित हो और इस कारोबार या इस काम में जो भी शामिल हो उसे कमसे कम उम्र क़ैद और अधिकतम फांसी की सज़ा का प्रावधान हो ,,क़त्ल के लिए बेचने वाले ,,क़त्ल के लिए खरीदने वाले ,,क़त्ल के बाद मांस खाने वाले ,,क़त्ल के बाद मांस बेचने वाले ,,मांस खिलाने वाले ,,खाल ,,हड्डी ,,,,सींग ,,आंतो का कारोबार करने वाले ,,,क़त्ल खानो में लाने ले जाने वाले ,,,आयात निर्यात करने वाले ,,किसी भी वाहन में लदान कर ले जाने लाने वाले सभी तरह के लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर उन्हें उम्र क़ैद या फिर मृत्युदंड का प्रावधान हो ,,,,,
,,,,,,,,,,,गांय को संरक्षित करने के लिए ,,गो वंश सरंक्षण पुलिस ,,का गठन किया जाए ,,हर ज़िले में इसके लिए पृथक थाना स्थापित हो और इस तरह के मामलो के लिए विशेष न्यायालय स्थापित हो जो त्वरित सुनवाई कर दोषी लोगों को जल्दी सज़ा दिलवा सके ,,,,,,,,गो संरक्षण पुलिस का हर राज्य में पृथक से पुलिस निदेशक हो ,,पृथक निदेशालय हो ,,स्टाफ हो ,,,,,,पुलिस कर्मियों को ज़िले में वार्डवार ,,पंचायत वार घर घर सर्वेक्षण कर गांय का दूध लेकर उसे सड़को पर छोड़ देने वालों को चिन्हित कर गिरफ्तार कर जेल भेजने के निर्देश हो ,,,,,,,सड़को पर जिन गांयों को लावारिस देखे उन्हें तुरंत गोशालाओं में भेजने का प्रावधान हो ,,सड़को पर उत्पात मचाने वाली गांय ,,बीमार ,,घायल गांयों के इलाज के लिए हर ज़िले में पृथक से सिर्फ गांय के इलाज के लिए आधुनिक उपकरणों और मुफ्त दवाओ वाला अस्पताल स्थापित हो जिसमे कुशल चिकित्सक तैनात किये जाने का प्रावधान हो ,,,,,,
,,,,,,,,,,,गांय की मृत्यु पर गांय का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ विशिष्ठ थानाधिकारी की मौजूदगी में हो ताके उसकी खाल ,,मांस ,,,,हड्डिया ,,आंतो का अपमान करने के लिए व्यापारियों और कुत्ते बिल्ली के बिस्किट बनाने वाले कारोबारियों के पास नहीं जाए ,,,,,,,,,इसका उलन्न्घन करने पर कठोर उम्रकैद के दण्ड का प्रावधान हो,,,
,,गांय के मांस का जो भी व्यापारी हो ,,गांय के क्रय विक्रय का जो भी व्यापारी कारोबारी हो ,,जो गांय का मांस खाते हुए ,,बेचते हुए पकड़ा जाए ,,गांय के हंडे या किसी भी चीज़ का कारोबार करता हुआ पकड़ा जाए ऐसे व्यक्ति को मृत्यु दण्ड दिए जाने का प्रावधान रखा जाए ,,,,
,,,,,,,,,,,,,,जिन होटलों में गांय का मांस बेचने का प्रावधान हो उन होटलों का लाइसेंस निरस्त कर पूरी होटल को सीज़ कर राजसात कर उसे नीलाम करवाकर उसका रुपया गो संरक्षण और गोशाला देखभाल में खर्च करने का प्रावधान बनाया जाए ,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,हर ज़िले में गो पूजा के दिन एक विशिष्ठ स्थान निर्धारित कर वहां सामूहिक पूजा का प्रावधान हो ,,,,घांस चारे वाले ,,धार्मिक चारा डालने वाले सभी लोगों को सड़को पर चारा नहीं डालने ,,गो माता को सड़को पर लावारिस हालत में नहीं छोड़ने एक साथ गोशाला में चारा डालने के बाध्यता क़ानून बनाया जाए जो भी इसका उलंग्घन करते हुए गो माता को प्रताड़ित करता हुआ ,,अपमानित करता हुआ नज़र आये उसके खिलाफ गैर ज़मानतीय क़ानून बनाकर उन्हें जेल भेजा जाए और कमसे कम सज़ा दिलवाई जाए ,,,,
,,,,,,,,,,,,गो वंश चाहे गो माता हो चाहे बेल बछड़ा हो जो भी हो किसी भी कार्य में नहीं लगाया जाए ,,बेलगाडी में बेल नहीं जोते जाए ,,खेती के काम में गांय ,,बेल ,,बछड़ो को लगाकर प्रताड़ित नहीं किया जाए ,,ज़ोर ज़बरदस्ती के नाम पर उन्हें लट्ठों से मारने से रोका जाए ,,कुरीतियों के नाम पर उनके कान छेदना ,,कान जलाना ,,पैरों के खुरो में लोहा लगाकर बढ़ी बढ़ी कीले ठोकने जैसे अमानवीय कृत्यों पर पाबंदी हो और इसके उलंग्घन पर कठोर सज़ा और गैर ज़मानतीय अपराध का प्रावधान रखा जाए ,,,,
,,,,,,,,,,,,गो वंश सरक्षण टैक्स पच्चीस लाख रूपये प्रति वर्ष से अधिक आमदनी वाले हर व्यापारी ,,उद्योगपति ,अधिकारी पर टैक्स अधिरोपित कर वसूलने का प्रावधान हो एक विशेष गो संरक्षण मंत्रालय केंद्र पृथक से बनाये और सभी राज्यों में पृथक से गो संरक्षण मंत्रालय का गठन किया जाए ,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,गो वंश संरक्षण क़ानून का उलंग्घन करने वालों के खिलाफ तफ्तीश करने और अतिरिक्त कार्यवाही करने के लिए टाडा ,,पोटा ,,विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम जैसे क़ानून के सख्त प्रावधान लागु किये जाए ताकि अपराधियो में खौफ का वातावरण बने और गो संरक्षण देश में स्थाई रूप से हो सके ,,,
,,,,,,,,,,गो संरक्षण आयोग को निर्देश हो के वोह गो वंश की गणना प्रति वर्ष करवाए ,,,प्रत्येक गो वंश की ,मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम के बाद विशिष्ट राजकीय सम्मान प्रावधान के तहत अंतिम संस्कार हो ,,गो वंश का जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान हो ताके गो वंश की प्रतिवर्ष गिनती के वक़्त गो वंश कहीं अवैध रूप से क्रय विक्रय तो नहीं किये जा रहे इसकी जानकारी वार्ड स्तर पर ,,जिला स्तर पर ,,क़स्बा और गाँव स्तर पर पता लग सके और इसे नियंत्रित कर अवैध कारोबारियों को पकड़ा जा सके ,,,,,,,,,,,,,,,,
आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय आप से सादर गुज़ारिश है के आप गोवंश संरक्षण और सम्मान के लिए इस प्रस्तावित गो वंश सरक्षण क़ानून में और कठोर प्रावधान जोड़ कर संशोधित कर इसे लागू करेंगे और मेरे सभी हिन्दू भाइयो के जज़्बात का मान सम्मान करेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शुक्रिया
अख्तर खान अकेला एडवोकेट
महासचिव
ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी
2 थ 15 विज्ञाननगर कोटा राजस्थान
मोबाइल ,09829086339

क़ुरान का सन्देश

  
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