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12 अक्तूबर 2015

जो तुमको हो पसंद

जो तुमको हो पसंद
वही बात हम कहेंगे
कोई परवाह नहीं
लोग अगर हमे तुम्हारा
ज़र खरीद गुलाम कहेंगे
तुम घमंडी हो तब भी
तुम्हे अखलाक़ वाला कहेंगे
तुम्हारी झिड़कियों को भी अब हम
लाजवाब लाजवाब कहेंगे
हम यही सब करेंगे तभी तो
हम आपकी पसंद बनेगे
इसी आदत पर लोग भी हमे
बढ़े अदब से सियासी कहेंगे ,,
जो तुमको हो पसंद ,,,,,,,,,,,,,अख्तर

घुमन्तु परिवार कहां करे मृतका केकी का दाह संस्कार ?

फैंकी तो नहीं जा सकती केकी
घुमन्तु परिवार कहां करे मृतका केकी का दाह संस्कार ?
लखन सालवी
शाहपुरा/Bhilwara - तहसील क्षेत्र की डाबला चांदा ग्राम पंचायत के बलांड गांव के पास स्थित भैरू खेड़ा बंजारा बस्ती के एक घर में केकी देवी (60 वर्ष) की लाश रखी हैं। रविवार (11 Oct 15) शाम को उसकी उसकी आकस्मिक मृत्यु हो गई। बंजारा परिवार के लोग शोक संतप्त हैं साथ ही चिंतित भी, कि केकी देवी का दाह संस्कार कहां करे।
श्मशान भूमि इस बस्ती से 5 किलोमीटर दूर हैं। वहां जाने के लिए रास्ता भी ठीक नहीं हैं और अब इस बस्ती के लोगों के कंधों में इतना दम नहीं रहा कि वे लाश को 5 किलोमीटर दूर ले जा सके। इस बस्ती के बाशिन्दों की प्रशासन व सरकार से मांग हैं कि बस्ती के पास स्थित राज्य सरकार की बिलानाम भूमि में से श्मशान के लिए भूमि मुहैया करवा दे।
बस्ती के जागरूक युवा कालूराम बंजारा प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर रहे हैं कि वे उक्त बिलानाम भूमि में से श्मशान के लिए भूमि दे दे और केकी देवी की अंत्येष्ठि वहां करने की स्वीकृति दे दे।
दूसरी और बिलानाम भूमि पर अपना कब्जा बताते हुए इस भूमि का पड़ौसी खातेदार रतन लाल तेली अन्य समुदायों के लोगों व गांव के लोगों को अपने पक्ष में लामबंद कर रहा हैं। वह चाहता हैं कि उसकी कृषि के पास बंजारा समुदाय का श्मशान न बनें।
अभी हाल ही में दो दिन पूर्व इसी बस्ती के गब्बा बंजारा की मृत्यु हो गई थी। बंजारा समुदाय के लोगों ने दाह संस्कार उसका दाह संस्कार राज्य सरकार की इसी बिलानाम भूमि पर कर दिया। दाह संस्कार की भनक जैसे ही इस भूमि का पड़ौसी खातेदार रतन लाल तेली को मिली वह अपने ट्रेक्टर में चारा भर कर वहां ले आया। उसने चारे को वहां डालकर जलाना चाहा। उसकी मंशा को भांपते हुए बंजारा समुदाय के लोग आगे आ गए। रतन लाल व उनके के बीच हल्की तू-तू मैं-मैं हो गई। इसके बाद रतन लाल तेली ने बंजारा समुदाय के लोंगो के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा दिया। वहीं बजारा समुदाय के लोगों ने भी रतन लाल तेली के विरूद्ध थाने में रिपोर्ट दे दी। पुलिस ने दोनों पक्षों के 8 लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
खैर विवाद के बावजूद गब्बा बंजारा का अंतिम संस्कार तो राज्य सरकार की बिलानाम जमीन में हो गया लेकिन अब केकी देवी का अंतिम संस्कार कहां करे। बस्ती के बंजारा समुदाय के लोगों ने बताया कि वे कल केकी देवी का अंतिम संस्कार बिलानाम भूमि में ही करेंगे।
बंजारा समाज के लोगों ने इस बिलानाम भूमि में से श्मशान भूमि अलोट करने की मांग व केकी देवी का दाह संस्कार इसी भूमि में करने की मांग जिला कलक्टर डॅा. टीना कुमार से की हैं। साथ ही तहसीलदार व पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी हैं।
फोटो - 1: दो दिन पूर्व बिलानाम भूमि पर गब्बा बंजारा की अंत्येष्ठि
फोटो- 2 : अंत्येष्ठि के दौरान उपस्थित बंजारा समुदाय के लोग

एपीएल धारको के गेहूं राशन सामग्री सीघ्र चालू हो – हुसैन


कोटा ,, एपीएल कार्ड धारकों के गेहूं और राशन सामग्री सीघ्र चालू करने की मांग को लेकर सोमवार को सामाजिक कार्यकर्त्ता पार्षद मोहम्मद हुसैन की अगुवाई में संभागीय आयुक्त कार्यालय पर संभाग में लापरवाह रसद अधिकारि अशोक सांगवा का पुतला फूंका और संभागीय आयुक्त ओंकार सिंह को ज्ञापन सौंपा इस से पहले सभी प्रदर्शनकारी कंट्रोल रूम के पास एकत्रित होकर रैली के रूप में रसद विभाग के खिलाफ जम कर नारे बाजी जी लोगों को हुसैन ने संबोधित करते हुए कहा की रसद विभाग द्वारा पूर्व में एपीएल कार्ड धारको को प्रति व्यक्ति के अनुसार पांच किलो गेहूं व अन्य राशन सामग्री दी जाती थी पर नए एपीएल बन कर आने के बाद से ही रसद विभाग ने गेहूं व अन्य राशन सामग्री देना बंद कर दिया एपीएल वालो को मौजूदा समय में सिर्फ केरोसिन दिया जा रहा है हुसैन ने संभागीय आयुक्त को पुरे मामले में संज्ञान लेकर संभाग के सभी जिलो में एपीएल पर गेहूं व अन्य राशन सामग्री शीघ्र शुरू करने तथा इसमें लापरवाही बरतने वाले रसद विभाग के अधिकारिओ पर कार्येवाही करने की मांग की हुसैन ने इसी तरह संभाग भर में मौजूदा समय में चल रही राशन की दुकाने जिनका लाइसेंस किसी और पते पर है जिसे चलाया कहीं और जा रहा है इसके कारण भी उपभोक्ताओ को दूर जाकर राशन सामग्री लेनी पड़ती है ऐसे दुकानदारों को भी सर्वे कर निर्धारित स्थान पर दूकान चलाने के लिए पाबंद करने की बात कही ज्ञापन लेने के बाद संभागीय आयुक्त ने आसवाशन दिया की ईस मामले में जिला कलेक्टर को कह कर एपीएल पर राशन सामग्री सुरु करने के प्रयास किये जायेंगे इस मौके पर महिला सुरक्षा मंच की बेबी आपा , मुस्लिम महा सभा के अफरोज खान , वाल्मीकि समाज के हेमराज वाल्मीकि ,दिलीप ,लखन , ज़हीर ,गफ्फार ,हेमलता शर्मा , कोटा भर से आये सेकड़ों महिलाऐं पुरुष बच्चे मौजूद रहे मौजूद रहे

क्या ,आप ये सब जानते और सिखाते है

🌹 بِسْمِ اللهِ الرَّحْمنِ الرَّحِيم🌹
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
बाप ! माँ ! भाई ! बहन !
बेटी ! बेटा ! बहू ! सास !
सब वाटस अप चलाना जानते है
मगर
क्या ,आप ये सब जानते और सिखाते है ?
🔹हमारे नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम
के बारे में...
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🔹हमारे नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम
का नाम-
👉हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही
वसल्लम
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🔹 हुज़ूर के वालीद/ वालदा का नाम-
हज़रत अब्दुल्लाह /हज़रत आमिना
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🔹 हुज़ूर के दादा और नाना का नाम-
हज़रत अब्दुल मुत्तलिब /हज़रत वहब
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🔹 हुज़ूर की पैदाईश का दिन-
१२ रबिउल अव्वल (२० अप्रैल 571 ई.)
असहाबे फ़ील के वाकिआ से ५५ दिन बाद
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🔹 हुज़ूर ने बचपन मे हज़रते सुवैबा /
हज़रत आमिना/हज़रते हलिमा का दुध पिया
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🔹 हुज़ूर की बिवीयो के नाम जो हर
मुसलमान की माँ है।-
हज़रते ख़दीजा/ हज़रते सौदह/ हज़रते आईशा/ हज़रते हफ्सा/ हज़रते उम्मे सल्मा/
हज़रते उम्मे हबिबा/ हज़रते ज़ेनब/ हज़रते
ज़ेनब बिन्ते खुज़ेमा/ हज़रते मैमुना/ हज़रते
जुवेरिया/ हज़रते सफ़िय्या रदियल्लाहु
तआलाअन्हा
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🔹 हुज़ूर के दो साहबज़ादो के नाम -
जिनका विसाल बचपन ही मे हो गया था।
हज़रते क़ासीम/हज़रते इबराहीम
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🔹 हुज़ूर की चार साहिबज़ादीयो के नाम-
हज़रते ज़ेनब/ हज़रते रूकय्या/ हज़रते
उम्मे कुलसूम/ हज़रते फातिमा
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🔹हुज़ूर के १२ चाचाओ के नाम-
हारिस/अबू तालिब/जुबैर/हम्ज़ा/अब्बास/
अबू लहब/गैदान/मुकव्विम/ज़िरार/
कुसम/अब्दुल कअब/जहल।
(इनमे से सिर्फ हज़रते हम्जा व हज़रते
अब्बास ने इस्लाम क़बूल किया ।)
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🔹 हुज़ूर के 3 नवासो के नाम-
हज़रत इमाम हसन /हज़रत इमाम हुसैन/
हज़रत इमाम मोहसिन
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🔹 हुज़ूर के 3 नवासीयो के नाम-
हज़रते ज़ैनब/हज़रते उम्मे कुल्सुम/
हज़रते रूकय्या
(हज़रते मोहिन व हज़रते रूकय्या का
विसाल बचपन मे हो गया था )
____________________________
🔹हुज़ूर की 6 फूफ़ियो के नाम-
हज़रते सफिय्या /अतिका/उमेमा/
उम्मे हकिम/बर्रह/अरवा/
(इनमे सिर्फ हज़रते सफिय्या इमान लाई)
__________________________________
🔹हुजूर के खुददामे खास के नाम-
हज़रत अनस/हज़रत रबिआ/ हज़रत ऐमन
/ हज़रत अब्दुल्लाह/ हज़रत उक्बा/ हज़रत
अस्लअ/ हज़रत अबुज़र गिफारी/ हज़रत
मुहाजिर मौला/ हज़रत हुनैन/ हज़रत
नुएम/ हज़रत अबुल ह़मर/ हज़रत
अबुस्समह़
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🔹दरबारे नुबूवत के ख़ास नात ख़्वा के नाम-
हज़रते कअब बिन मालिक/ हज़रत
अब्दुल्लाह बिन र वाहा/ हज़रत हस्सान
-----------------------------
🔹हुजूर के खुसूसी 4 मुअज़्जिन के नाम-
हज़रते बिलाल/ हज़रतअब्दुल्लाह/ हज़रत
सअद बिन आएद/ हज़रते अबू महज़ुरा
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🔹हुजूर ने किन सहाबी को कोनसी
मस्जिद जलाने का हुक्म दिया-
मस्जिदे ज़रार जो मुनाफिको,गुमराहो न
बनाई थी मुसलमानो को बहकाने के लिये /
हज़रते मालिक /हज़रते मअन को मस्जिदे
ज़रार को जलाने का हुक्म दिया था़
(इस के बारे सुरह तौबा आयत 107 मे
आया है )
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हुजूर के दामादो के नाम-
हजरत अबूल आस/ हज़रत उस्मान गनी/
हज़रत अली शेरे खुदा
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हुजूर के सुसर के नाम (जिनकी बेटीयो से आप
ने निकाह किया)-
खुवेल्दा बिन असद/ज़मआ/हज़रत अबू
बकर सिद्दिक/हज़रत उमर फारूक/हुजैफा/
अबू सुफयान/हारिस/हारिस बिन ज़रार/
हुय्यि बिन अख़तब/
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क़ुरआन का सन्देश

  
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