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18 अक्तूबर 2015

बीफ पर बयानों से मोदी नाराज, शाह ने खट्टर-सोम-साक्षी को बुलाकर दी वॉर्निंग

फाइल फोटोः साक्षी महाराज, मनोहर लाल खट्टर और संगीत सोम। (बाएं से दाएं)
फाइल फोटोः साक्षी महाराज, मनोहर लाल खट्टर और संगीत सोम। (बाएं से दाएं)
नई दिल्ली. गोहत्या, दादरी कांड और बीफ पर बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इसी मुद्दे को लेकर रविवार को बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सांसद साक्षी महाराज, मेरठ के सरधना के एमएलए संगीत सोम, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और महेश शर्मा को बीजेपी हेडक्वार्टर पर तलब किया। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में शाह ने उन्हें आगे इस तरह की बयानबाजी से परहेज करने की वॉर्निंग दी। हालांकि, मीटिंग के बाद संगीत सोम ने कहा कि वे पार्टी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमित शाह से मिले। बातचीत के टॉपिक के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी।
शाह ने क्या कहा?
>सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नेताओं को कहा कि नेताओं की इस तरह की बयानबाजी से मोदी सरकार का डेवलपमेंट का एजेंडा पीछे रह जाएगा।
>शाह ने यह भी कहा कि दादरी की घटना यूपी में कानून-व्यवस्था की नाकामी को जाहिर करती है और इसका बीजेपी से कोई लेनादेना नहीं है।
>शाह के मुताबिक, बीजेपी नेताओं के इन बयानों की वजह से लोगों और मीडिया का फोकस सपा सरकार से हटकर बीजेपी पर आ गया।
बीजेपी नेताओं के विवादित बयान
हाल के दिनों ने बीजेपी नेताओं ने बीफ पर कई बयान दिए।
खट्टर ने कहा- मुस्लिम इस देश में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें बीफ खाना छोड़ना होगा
खट्टर ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘गाय, गीता और सरस्वती देश के बहुसंख्यक समुदाय के लिए धार्मिक विश्वास के प्रतीक हैं। मुस्लिम रहें, मगर इस देश में बीफ खाना छोड़ना ही होगा उनको। यहां की मान्यता है गऊ।’ हालांकि, बाद में सीएम बयान से मुकर गए। सफाई भी दी। बीजेपी ने उनके बयान से किनारा कर लिया। (
मां का अपमान हुआ तो मर जाएंगे-मार देंगे : साक्षी महाराज

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा- हमारी मां का कोई अपमान करेगा तो हम मर जाएंगे। सहन नहीं करेंगे। हम मर जाएंगे-मार देंगे। हमारी भारत माता की तरफ कोई ऊंगली उठाता है तो हमारे लोग शहीद होते हैं। सामने वाले को मारते भी हैं। जैसे शरीर को जन्म देने वाली मां है, वैसे ही हमारी भारत माता है, वैसे ही हमारी गो-माता हैं। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए और उसके हत्यारों को फांसी देनी चाहिए। साक्षी ने शनिवार को भी एक बयान दिया। 
जो बीफ खाए, वह बीमार : आदित्यनाथ
बीजेपी सांसद महंत आदित्यनाथ ने बीफ विवाद पर कहा था- अगर कोई गोमांस खाने की वकालत करता है तो मैं उसे मानसिक विकृति मानता हूं। उसका इलाज होना चाहिए। यूपी सरकार ने दादरी की घटना का राजनीतिकरण किया है। मैंने अखबार में पढ़ा है कि वो व्यक्ति (अखलाक) पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदल गई थीं। क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है। इस घटना को यूएन में ले जाने की बात करना शर्मनाक है।
गाय काटने वालों को यूपी सरकार हवाई जहाज में बैठाती है : संगीत सोम
विवादों में रहने वाले बीजेपी विधायक संगीत सोम ने भी बीफ पर बयान दिया। उन्होंने दादरी घटना पर पिछले दिनों कहा- यूपी में हम कहते आ रहे हैं कि गोहत्या रोकें। लेकिन यहां सरकार कुछ नहीं कर रही। बिसहड़ा में भी गोकशी के बाद हिंसा हुई। यूपी सरकार गाय काटने वालों को हवाई जहाज में बैठाकर लखनऊ ले जाती है और 50 लाख रुपए भी देती है।
महेश शर्मा ने वारदात को बताया था गलतफहमी का नतीजा
कल्चर मिनिस्टर महेश शर्मा ने दादरी की घटना को गलतफहमी का नतीजा बताते हुए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। उन्होंने इस मामले को साजिश मानने से इनकार कर दिया था।
बीफ पार्टी देने वाले MLA को J&K विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने पीटा

बीफ के मुद्दे पर ही विधायक आपस में भिड़ गए। वह भी विधानसभा के अंदर। यह वाकया पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में हुआ। एक इंडिपेंडेंट एमएलए की विधानसभा के अंदर ही बीजेपी विधायकों ने पिटाई कर दी। निर्दलीय विधायक इंजीनियर शेख अब्दुल राशिद ने एक बीफ पार्टी दी थी। राशिद के इसी कदम से बीजेपी के विधायक नाराज थे। जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी विधायक राशिद से भिड़ गए।
क्या हुआ था दादरी में?
28 सितंबर को यूपी के दादरी के बिसहड़ा गांव में 52 साल के मोहम्मद अखलाक की पीटकर हत्या कर दी गई। उसके 22 साल के बेटे दानिश को अधमरा कर दिया गया। आरोप है कि इससे पहले गांव के मंदिर से एलान किया गया कि अखलाक का परिवार न केवल बीफ खाता है, बल्कि घर में स्टोर करके भी रखता है। इसके बाद, भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था।

तुम बेवफा हो तो क्या

तुम धोखेबाज़ हो तो क्या
तुम बेवफा हो तो क्या
तुम वायदों से
मुकरने वाले हो तो क्या
मुझे तो बस इतना पता है
तुम मेरी मोहब्बत थे
तुम मेरी मोहब्बत हो
तुम मेरी मोहब्बत रहोगे
तुम्हारे इशारो पर
तुम्हारी बेवफाई से पहले भी
नाचा था में
आज भी में
तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे
इशारो पर नाचूँगा ,,

बात ही कुछ ऐसी है

उस शख्स में
बात ही कुछ ऐसी है
उसका झूंठ
उसकी बेवफाई
उसका फरेब
उसकी शोखी
उसकी ज़राफ़त
उसकी वायदा खिलाफी
सब कुछ
मान लेना मजबूरी सी है ,,अख्तर

में भूखा था

में क्या करता
में भूखा था
भोग के लिए लड्डू थे
एक लड्डू मेरे मुंह में
दो लड्डू मेरे हाथो में थे
में क्या करता
भोग के लड्डू
मेरी भूख मिटा चुके थे
में क्या करता
मेरे दोनों हाथो में लड्डू थे ,,,अख्तर

यह डेंगू का मच्छर ,,

यह डेंगू का मच्छर ,,
यह प्लेग का चूहा ,,
किसी का रिश्तेदार तो नहीं
कहो तो हम मर जाए
कहो तो इसे मार दे
यह किसी के रिश्तेदार तो नहीं
फिर क्यों यूँ ही
सरकार अभी तक
डेंगू के मच्छर को
नहीं मार रही है
क्यों लोगों की ज़िंदगियाँ
लीरने के लिए
यह सरकार डेंगू के मच्छर
प्लेग के चूहे पाल रही है ,,,अख्तर

गोमांस का गोरखधंधा बिलकुल बंद होना चाहिए

हमारे देश में गोमांस का गोरखधंधा बिलकुल बंद होना चाहिए और जो लोग देश में मंत्री ,,अधिकारी ,,प्रधानमंत्री ,,राष्ट्रपति है उन पर भी पाबंदी होना चाहिए के वोह लोग ऐसे किसी भी देश की यात्रा पर ना जाए जहां गो मांस का गोरख धंधा होता है ,,,,,ऐसे सभी देश जहां गो मॉस का गोरख धंधा होता हो वहां से हमारे भारत को भारत के लोगों की भावनाओ का सम्मान रखते हुए सभी तरह के राजनितिक ,,,आर्थिक ,व्यापारिक संबंध तोड़ देना चाहिए ,,गो रक्षा भारत में ही नहीं विश्व में बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण अभियान होगा ,,अख्तर

कवि ,,साहित्यकार की कोई ज़ात ,,कोई धर्म ,,कोई समाज ,,कोई सियासी पार्टी नहीं होती

कवि ,,साहित्यकार की कोई ज़ात ,,कोई धर्म ,,कोई समाज ,,कोई सियासी पार्टी नहीं होती ,,कवि ,,साहित्यकार की सोच ऊँची उड़ान की होती है ,,निष्पक्ष होती है ,,राष्ट्रभक्ति से ,,राष्ट्र के लोगों की समस्याओ से जुडी होती है ,,कवि साहित्यकारों की सोच में देश और देश की समस्याएं होती है ,,देश का मान ,,सम्मान और देश की समस्याओ का समाधान होता है ,,यह निर्भीक ,,निडर होते है ,,पत्रकार बिकाऊ हो सकते है ,,लेकिन उच्च वर्गीय साहित्यकार ,,कवि बिकाऊ नहीं होते ,,वोह अपने इरादो के प्रति मज़बूत होते है ,,,,,,,इसीलिए अभी वर्तमान में देश में जो कुछ भी चल रहा है ,,देश के जो वर्तमान नफरत फैलाने के हालत है ,,,देश में गरीबी ,,भुखमरी ,,महंगाई के मुद्दो को जिस तरह से नज़र अंदाज़ किया जा रहा है ,,उसका विरोध करने के लिए लिखते लिखते थक जाने के बाद राष्ट्र हित में जब देश के पत्रकारों ,,टी वी रिपोर्टरों ने नहीं सोचा ,,जब देश के प्रधानमंत्री ,,विधायक ,,सांसदों ने नहीं सोचा ,,पार्टियो ने नहीं सोचा तो फिर साहित्य सम्मान लौटाने का फार्मूला ऐसी सरकार ,,ऐसे खामोश विपक्ष ,,,ऐसी नफरत वाली सोच ,,ऐसी अराजक और महंगाई वाली सोच के समर्थको को मुंह पर तमाचा है ,,,,,जवाब में कुछ लोगों का एक दर्द है जिसका में समर्थन करता हूँ ,,,वोह कहते है के कश्मीर से जब पंडितो को खदेड़ा गया ,,उन्हें मारा गया ,,गोधरा जब हुआ तब भी इन साहित्यकारों को ऐसी ही तत्परता दिखाना चाहिए थी वोह बात अलग है कश्मीर में पंडित भाइयो को अल्पसंख्यको का दर्जा है ,,पेंशन है ,,,सुविधाये है फिर अब तो वहां भाजपा समर्थित सरकार है ,,केंद्र में भी हमारी अपनी ज़िम्मेदार सरकार है ऐसे में कश्मीर के पंडितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए उनकी सुरक्षा के लिए कश्मीर में वापसी के लिए एक पुख्ता व्यवस्था ,,पुख्ता क़ानून होना चाहिए ,,ज़ुल्म ज़्यादती किसी के भी खिलाफ हो उसे जाति ,,धर्म ,,समाज ,,सियासत के ऐतेबार से नहीं देखना चाहिए ,,,ज़ुल्म सिर्फ ज़ुल्म होता है वोह गोधरा का हो ,,कश्मीर का हो ,,गुजरात का हो ,,दादरी का हो ,,कहीं का भी हो किसी का भी हो इसका खुले मन से विरोध करना चाहिए और वर्तमान साहित्यकारों ,,कवियों ने सरकार को जो जगाने ,,चिंतन करने के लिए व्यवस्था की है ,,सम्मान लौटाकर सरकार को जगाने की कोशिश की है यह बदस्तूर खेल सहित दूसरे सम्मानित लोगों द्वारा भी हर ज़ुल्म के मुद्दे पर किया जाना चाहिए ,,ताकि सरकार को अच्छाई ,,बुराई का अहसास हो सकै ,,वर्तमान हालातो में जब पत्रकार बिकाऊ हो गए है ,,एक तरफा तस्वीर रिश्वत लेकर दिखा रहे है ,,,सत्ता पक्ष के लोग सत्ता बचाने के लिए सत्ता के खिलाफ बोलते नहीं है ,,प्रतिपक्ष का विरोध न्यायसंगत नहीं होता सिर्फ सियासी वोटो की राजनीति का दिखावा मात्र होता है ,,ऐसे में देश ग़र्क़ में जा रहा है अच्छाई ,,बुराई की तमीज़ नहीं बची है ,,सरकारे ,,ज़ुल्म ज़्यादती और इसके समर्थन पर नंगा नाच कर रही है जबकि प्रतिपक्ष ऐसे में सिर्फ अगले पांच साल बाद चुनावी मुद्दे तलाशने की कोशिश में प्रतीपक्ष की सभी मर्यादाये भूल गया है ऐसे में ,,देश के साहित्यकारों और कवियों का पुरस्कार लौटाकर देश की सरकार और जनता ,,प्रतिपक्ष के जन जागरण का जो काम किया जा रहा है ,,बेशर्म बिकाऊ मिडिया को आयना दिखाने का जो काम किया जा रहा है वोह देश के नवनिर्माण और शोषण से मुक्ति की तरफ पहला न्याय संगत क़दम है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बस हर हर महादेव और अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने मे हम सबसे आगे हैं।

हिन्दू और मुसलमान दोनो धरती के बोझ है ?
250 वर्ष का इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि जो आधुनिक विश्व मतलब 1800 के बाद जो दुनिया मे तरक़्क़ी हुई, उस मे पश्चिम मुल्को यानी सिर्फ यहूदी और ईसाई लोगो का ही हाथ है। हिन्दू और मुस्लिम का इस विकास मे 1% का भी योगदान नही है।
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अब आप देखिये के 1800 से लेकर 1940 तक हिंदू और मुसलमान सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे। अगर आप दुनिया के 100 बड़े वैज्ञानिको के नाम लिखे तो बस एक या दो नाम हिन्दू और मुसलमान के मिलेंगे।
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पूरी दुनिया मे 61 इस्लामी मुल्क है, जिनकी जनसंख्या 1.50 अरब के करीब है, और कुल 435 यूनिवर्सिटी है। दूसरी तरफ हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब के क़रीब है और 385 यूनिवर्सिटी है, जबकि अमेरिका मे 3 हज़ार से अधिक, जापान मे 900 से अधिक यूनिवर्सिटी है। ईसाई दुनिया के 45% नौजवान यूनिवर्सिटी तक पहुंचते है, वही मुसलमान के नौजवान 2% और हिन्दू के नौजवान 8 % तक यूनिवर्सिटी तक पहुंचते है। दुनिया के 200 बड़ी यूनिवर्सिटी मे से 54 अमेरिका, 24 इंग्लेंड, 17 ऑस्ट्रेलिया, 10 चीन, 10 जापान, 10 हॉलॅंड, 9 फ़्राँस, 8 जर्मनी, 2 भारत और 1 इस्लामी मुल्क मे है।
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अब हम आर्थिक रूप से देखते है। अमेरिका का जी.डी.पी 14.9 ट्रिलियन डॉलर है जबकि पूरे इस्लामिक मुल्क का कुल जी.डी.पी 3.5 ट्रिलियन डॉलर है। वही भारत का 1.87 ट्रिलियन डॉलर है। दुनिया मे इस समय 38000 मल्टिनॅशनल कंपनी है, इन मे से 32000 कंपनी सिर्फ अमेरिका और युरोप मे है।
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अभी तक दुनिया के 10000 बड़ी अविष्कारो मे 6103 अविष्कार अकेले अमेरिका मे और 8410 अविष्कार ईसाई या यहूदी ने किये है। दुनिया के 50 अमीरो मे 20 अमेरिका से, 5 इंग्लेंड से, 3 चीन, 2 मक्सिको, 2 भारत और 1 अरब मुल्क से है। अब आप खुद अंदाजा लगाइये के हिन्दू और मुसलमान की इस धरती पे क्या औकात है।
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अब हम आप को बताते है के हम हिन्दू और मुसलमान जनहित, परोपकार या समाज सेवा मे भी ईसाई और यहूदी से पीछे है। रेडक्रॉस जो दुनिया का सब से बड़ा मानवीय संगठन है। इस के बारे मे बताने की जरूरत नही है।
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बिल- मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन मे बिल गेट्स ने 10 बिलियन डॉलर से इस फाउंडेशन की बुनियाद रखी है। जो कि पूरे विश्व के 8 करोड़ बच्चो की सेहत का ख्याल रखती है, जबकि हम जानते है कि भारत मे कई अरबपति है। मुकेश अंबानी अपना घर बनाने मे 4000 करोड़ खर्च कर सकते है, और अरब का अमीर शहज़ादा अपना स्पेशल जहाज पर 500 मिलियन डॉलर खर्च कर सकता है मगर मानवीय सहायता के लिये आगे नही आ सकता है।
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बस हर हर महादेव और अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने मे हम सबसे आगे हैं।

क़ुरआन का सन्देश

  
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