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24 अक्तूबर 2015

हिंदू रीति-रिवाजों पर सवाल उठाने वाली राइटर को रेप-एसिड अटैक की धमकी

फाइल फोटो- साउथ की लेखिका, स्क्रिप्ट राइटर और फिल्म मेकर चेतना तिर्थीहल्ली।
फाइल फोटो- साउथ की लेखिका, स्क्रिप्ट राइटर और फिल्म मेकर चेतना तिर्थीहल्ली।
बेंगलुरु. साउथ की मशहूर लेखिका, स्क्रिप्ट राइटर और फिल्म मेकर चेतना तिर्थीहल्ली को कुछ लोगों ने रेप और एसिड अटैक की धमकी दी है। हिंदू रीति-रिवाजों पर सवाल उठाने के बाद उन्हें फेसबुक पर लगातार धमकी भरे मैसेज मिल रहे हैं। इसके बाद शनिवार को लेखिका ने बेंगलुरु के हनुमंता नगर पुलिस स्टेशन में दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। चेतना ने कहा, 'कन्नड़ लेखक कलबुर्गी की हत्या के बाद मैं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हूं। कुछ लोग मेरा पीछा कर रहे हैं।' बता दें कि चेतना ने कुछ दिन पहले बेंगलुरु में आयोजित एक बीफ पार्टी में हिस्सा भी लिया था।
क्या है मामला?
चेतना ने बताया कि हिंदू रीति-रिवाजों से जुड़ा उनका एक आर्टिकल कुछ दिन पहले एक मैगजीन में छपा था। जिसके बाद से उन्हें फेसबुक पर धमकी भरे मैजेस मिलने लगे। पहले तो उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया, लेकिन लगातार रेप करने और एडिस अटैक की धमकी मिलने के बाद पुलिस के पास रिपोर्ट लिखाई।
क्या है शिकायत में?
पुलिस को दी गई शिकायत में लेखिका ने दो लोगों के नामों का खुलासा किया है, जिसके फेसबुक अकाउंट से उन्हें रेप करने की धमकी मिल रही थी। लेखिका के मुताबिक ये मैसेज सांप्रदायिक, महिला विरोधी और अश्लील होते हैं।
> पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ आईपीसी- 504, 506, और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाशी के लिए साइबर क्राइम सेल की मदद ली जा रही है।
हो चुकी हैं कई की हत्याएं
गौरतलब है कि हाल के कुछ सालों में कन्नड़ लेखक कलबुर्गी और गोविंद पानसरे समेत कई साहित्यकारों और लिबरल माने जाने वाले एक्टिविस्ट्स की हत्या हो चुकी है। इसके विरोध में दो दर्जन से ज्यादा लेखक और साहित्यकार साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा चुके हैं। इनमें उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी, मुनव्वर राणा शामिल हैं।

,फानूस बनके हिफाजत जिसकी हवा करे

किसी ने कहा है ,,,,,,,,,,,फानूस बनके हिफाजत जिसकी हवा करे,वो शमा क्या बुझेगी जिसे रोशन खुदा करे,,,,,,,,किसी ने यह भी कहा है ,,,,,,,,,,,नूरे हक़ शमे इलाही को बुझा सकता है कौन.... जिसका हामी हो खुदा उसको मिटा सकता है कौन... !,,जी हाँ दोस्तों यह दोनों शेर इन दिनों कांग्रेस के दिग्गज ,,राजस्थान के विकास और लोहपुरुष समझे जाने वाले शांतिधरीवाल के लिए खरे उतरते है ,,,शांतिधरीवाल जिन्होंने राजस्थान खासकर कोटा की तस्वीर बदल दी ,,राजस्थान का सौंदर्य कोटा की खूबसूरती देख लोगो के मुंह से खुद ब खुद वाह निकलती है ,,,,राजस्थान में पर्यटन को एक नई दिशा मिली है ,,गरीबो को मकान मिले है ,,तो अमीरो के करोडो के अतिक्रमण हटे है ,,,,बस बदले की भावना से भाजपा एक शेर का शिकार खेलने की कोशिश में है ,,लेकिन भाजपा को यह पता नहीं शांति धारीवाल अकेले नहीं है ,,पूरा राजस्थान उनके साथ है ,,भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रही ऐ सी बी को समझना होगा के एक निर्दोष विकास और लोह पुरुष को किसी भी झूंठे मामले में षड्यंत्रकारी कार्यवाही कर अगर फंसाया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे ,,राजस्थान की जनता इस नाइंसाफी के मामले में खामोश नहीं बैठेगी ,,,शानति धारीवाल वही मंत्री है जिनके बंगले और दफ्तर ,,घर के बाहर भाजपा के दिग्गज लोग चक्कर काटते नज़र आते थे ,,कई मंत्रियो ,,कई संतरियों को वहां गिड़गिड़ाते देखा है ,,आज भाजपा सरकार आई तो राजस्थान में किसानो की आवाज़ बुलंद करने वाले शांति धारीवाल के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है ,,ऐ सी बी आँख मिचोली खेल रही है ,,जो अफसर इस सर कहते थे वोह बेवजह सवाल जावाब कर रहे है ,,,,राजस्थान का विकास ,,राजस्थान का सोंदर्यकर्ण ,,कोटा का विकास कोटा का सौंदर्यकरण ऐतिहासिक है ऐसा विकास ना पहले हुआ था और ना ही भविष्य में कोई कर पायेगा बस ,,विकास की एक ईट का पत्थर अब तक नहीं रखने वाली यह सरकरर ईर्ष्यावश अनावश्यक शांतिधरीवाल की छवि धूमिल कर रही है ,,लेकिन छब्बीस अक्टूबर तारीख सोमवार को शांतिधरीवाल भाजपा सरकार की हर षड्यंत्रकारी हरकत का डट कर मुक़ाबला करेंगे और ,शांतिधारीवाल अकेले नहीं है इसके लिए उनके समर्थन में कोटा संभाग से हज़ारो हज़ार कार्यकर्ता जयपुर में मौजूद रहेंगे जबकि सारे राजस्थान के कार्यकर्ता ,,निष्पक्ष जनता और कुछ भाजपा से जुड़े लोग भी इस मामले में शांति धारीवाल के साथ है ,,,,इन दिनों त्योहारो का दिन रहा है ,,कोई मस्जिद ,,कोई मंदिर ,,कोई गुरुद्वारा ,,कोई चर्च ,,कोई मज़ार ऐसा नहीं जहाँ शानति धारीवाल के पक्ष में दुआ नहीं हुई हो ,,,,,,,,वैसे तो सभी जानते है साँच को आंच नहीं ,,पत्रावली में शांति धारीवाल के खिलाफ ऐ सी बी को कोई सुबूत अब तक नहीं मिला है ,,,वोह निश्चित तोर पर बा इज़्ज़त मुक्त होंगे ,,लेकिन अगर सरकार ने कोई षड्यंत्रकारी कार्यवाही की तो फिर राजस्थान की क़ानून व्यवस्था का भगवान ही मालिक है ,,,,, अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

साहित्यकारों को मीठी बाते कर अपने जाल में फंसाया जाएगा

मोदी समर्थक चाटुकार साहित्यकारों ,,पत्रकारों ने ,, ज़मीर वाले साहित्यकार जिन्होंने अपना सम्मान लौटाकर चाटुकार साहित्यकारों और सरकार की गतिविधियों को कटघरे में खड़ा किया है ,,उससे निपटने के लिए सरकार ने बिग बी प्लान बनाया है ,,इसके तहत ,,इन साहित्यकारों को मीठी बाते कर अपने जाल में फंसाया जाएगा ,,इनसे वार्ता की जायेगी ,,इन्हे साहित्य सम्मान वापस लेने के लिए तय्यार किया जाएगा ,,और फिर जो वायदे इनसे होंगे उन्हें भुला दिया जाएगा ,,ताके यह साहित्यकार जिनकी छवि देश के सामने बोलने सच लिखने की बनी है ,,एक पालतू कुत्ते की तरह इनकी छवि जनता के सामने साबित हो जाए ,,इस कार्यवाही में चाटुकार पत्रकार ,,साहित्यकारों ने समझाइश कार्यवाही में ऍन केन प्रकारेण प्रयास शुरू कर दिए है ,,कुछ सम्मान लौटाने वाले साहित्यकारों से तो सौदेबाज़ी भी हो चुकी है लेकिन वोह अभी एक दूसरे को तय्यार करने में लगे है ,,हो सकता है मोदी खुद इनकी फिर से सम्मान वापसी कार्यक्रम में मौजूद रहे ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दरगाह अजमेर के नाज़िम आली जनाब अशफ़ाक़ हुसेन राजस्थान प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत हो गए है ,,,

सुलतान ऐ हिन्द ,,ख्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह अजमेर के नाज़िम आली जनाब अशफ़ाक़ हुसेन राजस्थान प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत हो गए है ,,,,,,,इनके भाई लियाक़त अली आई पी एस से सेवानिवृत्त हुए है जबकि इनके भतीजे शाहिद अली भी राजस्थान प्रशासनिक सेवा में है ,,,,,,,सत्राह सितमबर उन्नीस सो अठावन में शेखावाटी में इनका जन्म हुआ ,,,,स्नातक पास करते ही पहली बार में इनका चयन चार जून उन्नीस सो चौरासी में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हो गया ,,इनकी कुशल कार्यक्षमता को देखते हुए इन्हे महत्वपूर्ण पदो पर नियुक्त किया गया ,,,,अशफ़ाक़ हुसेन जयपुर में कई प्रशासनिक पदो पर कार्यरत रहने के बाद अल्पसंख्यक विभाग में नियुक्त हुए फिर उन दरगाह अजमेर शरीफ का नाज़िम के पद के साथ रेवेन्यू बोर्ड का सदस्य बनाकर कोटा एकल बेंच की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिया ,,,,,,,,अशफ़ाक़ हुसेन की कार्यकुशलता और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए इन्हे वर्ष दो हज़ार तीन में चुनाव आयोग द्वारा मेरिट एवार्ड से नवाज़ा गया ,,,,,,,,,,साहित्यकार शरत चन्द्र चटर्जी इनके रोल मॉडल है जबकि इन्हे पढ़ने ,,लिखने ,,संगीत के अलावा फूटबाल खेलने का भी शोक है ,,,,क़ानून की मर्यादाओं में रहकर यह इनके प्रशासनिक पदो पर रहते हुए बिना किसी सिफारिश के शोषित उत्पीड़ित वर्ग को न्याय दिलवाने के मामले में अव्वल रहते है और इनके प्रशासनिक कार्यो को देखते हुए कई गरीब ,,शोषित ,,उत्पीड़ित आज भी उन्हें दुआएं देते नज़र आते है ,,,,,,,,अशफ़ाक़ हुसेन को उनकी भरतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति के लिए एक बार फिर मुबारकबाद बधाई ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डीएम साहब ने खिड़की का परदा हटाया।

एक बड़े जिले के डीएम साहब के बैडरूम की खिड़की सड़क की ओर खुलती थी।
रोज़ाना हज़ारों आदमी और वाहन उस सड़क से गुज़रते थे।
डीएम साहब इस बहाने जनता की परेशानी और दुःख-दर्द को निकट से जान लेते।
एक सुबह डीएम साहब ने खिड़की का परदा हटाया।
भयंकर सर्दी, आसमान से गिरती ओस, और भयंकर शीतलहर।
अचानक उन्हें दिखा कि बेंच पर एक आदमी बैठा है। ठंड से सिकुड़ कर गठरी सा होता।
डीएम साहब ने पीए को कहा- उस आदमी के बारे में जानकारी लो और उसकी ज़रूरत पूछो !!!
दो घंटे बाद। पीए ने डीएम साहब को बताया- सर, वो एक भिखारी है। उसे ठंड से बचने के लिए एक अदद कंबल की ज़रूरत है।
डीएम साहब ने कहा- ठीक है, उसे कंबल दे दो।
अगली सुबह डीएम साहब ने खिड़की से पर्दा हटाया।
उन्हें घोर हैरानी हुई। वो भिखारी अभी भी वहां जमा है। उसके पास ओढ़ने का कंबल अभी तक नहीं है।
डीएम साहब गुस्सा हुए और पीए पूछा- यह क्या है???
उस भिखारी को अभी तक कंबल क्यों नहीं दिया गया???
पीए ने कहा- मैंने आपका आदेश तहसीलदार महोदय को बढ़ा दिया था।
मैं अभी देखता हूं कि आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ।।।
थोड़ी देर बाद तहसीलदार साहब डीएम साहब के सामने पेश हुए और सफाई देते हुए बोले- सर, हमारे शहर में हज़ारों भिखारी हैं। अगर एक भिखारी को कंबल दिया तो शहर के बाकी भिखारियों को भी देना पड़ेगा। और शायद पूरे जिले में भी। अगर न दिया तो आम आदमी और मीडिया हम पर भेदभाव का इल्ज़ाम लगायेगा।।।
डीएम साहब को गुस्सा आया- तो फिर ऐसा क्या होना चाहिए कि उस ज़रूरतमंद भिखारी को कंबल मिल जाए???
तहसीलदार साहब ने सुझाव दिया- सर, ज़रूरतमंद तो हर भिखारी है।।।
प्रशासन की तरफ से एक 'कंबल ओढ़ाओ, भिखारी बचाओ' योजना शुरू की जाये।
उसके अंतर्गत जिले के सारे भिखारियों को कंबल बांट दिया जाए।।।
डीएम साहब खुश😊 हुए।।।
अगली सुबह डीएम साहब ने खिड़की से परदा हटाया तो देखा कि वो भिखारी अभी तक बेंच पर बैठा है।
डीएम साहब आग-बबूला😡 हुए।
तहसीलदार साहब तलब हुए।
उन्होंने स्पष्टीकरण दिया- सर, भिखारियों की गिनती की जा रही है ताकि उतने ही कंबल की खरीद हो सके।
डीएम साहब दांत पीस😁 कर रह गए।
अगली सुबह डीएम साहब को फिर वही भिखारी दिखा वहां।।।
डीएम साहब खून का घूंट पीकर😠 रहे गए।।।
तहसीलदार साहब की फ़ौरन पेशी हुई।
विनम्र तहसीलदार साहब ने बताया- सर, बाद में ऑडिट ऑब्जेक्शन ना हो इसके लिए कंबल ख़रीद का शार्ट-टर्म कोटेशन डाला गया है।
आज शाम तक कंबल ख़रीद हो जायेगी और रात में बांट भी दिए जाएंगे।।।
डीएम साहब ने कहा- यह आख़िरी चेतावनी👉🏾 है।।।
अगली सुबह डीएम साहब ने खिड़की पर से परदा हटाया तो देखा बेंच के इर्द-गिर्द भीड़ जमा है।।।
डीएम साहब ने पीए को भेज कर पता लगाया।।।।
पीए ने लौट कर बताया- सर कंबल नहीं होने के कारण उस भिखारी की ठंड से मौत हो गयी है।।।😤
गुस्से से लाल-पीले😡😠 डीएम साहब ने फौरन से पेश्तर तहसीलदार साहब को तलब किया।
तहसीलदार साहब ने बड़े अदब से सफाई दी- सर, खरीद की कार्यवाही पूरी हो गई थी। आनन-फानन हमने सारे कंबल बांट भी दिए, मगर अफ़सोस कंबल कम पड़ गये।।।
डीएम साहब ने पैर पटके- आख़िर क्यों???
मुझे अभी जवाब चाहिये।।।
तहसीलदार साहब ने नज़रें झुका कर कहा- सर, भेदभाव के इल्ज़ाम से बचने के लिए हमने अल्फाबेटिकल आर्डर(वर्णमाला) से कंबल बांटे।
बीच में कुछ फ़र्ज़ी भिखारी आ गए।
आख़िर में जब उस भिखारी नंबर आया तो कंबल ख़त्म हो गए।।।।
डीएम साहब चिंघाड़े- आखिर में ही क्यों???
तहसीलदार साहब ने बड़े भोलेपन से कहा- क्योंकि सर, उस भिखारी का नाम 'ज्ञ' से शुरू होता था।।।
ऐसे हो गए हैं हम और ये है आज का सरकारी सिस्टम

क़ुरआन का सन्देश

 
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