आपका-अख्तर खान

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25 अक्तूबर 2015

तुम कहते थे ,,

तुम कहते थे ,,,,हम तुम्हारी ज़िंदगी हो ,,,,झूंठ कहते थे ,,तुमने ना तो हमारी ख्वाहिश पूरी की ,,,ना हमारी चाहत पूरी की ,,,,,बस यूँ ही ही तड़पने के लिए छोड़ दिया ,,,,मेने भी कहा था ,,तुम ने ठुकरा दिया तो किया में तुम्हारे बगैर रह लूंगा ,,लेकिन सच यही है में तुम्हारे बिना सिसक रहा हूँ ,,तड़प रहा हूँ ,,ज़िंदगी की डोर हाथ से छूट रही है ,,,,तुम ने मुझे ज़िंदगी कहा और छोड़ दिया तुम भी झूंठे ,,मेने तुम्हारे बगैर खुश रहने का दावा किया नहीं रह सका ,,में भी झूंठा तुम भी झूंठे बस फ़र्क़ है तुम्हारी और मेरी झूंठ में ,,मेरी झूंठ में प्यार ,,चाहत है ,,तुम्हारी झूंठ में मुझ से पीछा छुड़ाने के बाद की खुशियां ,,आज़ादी शामिल है ,,बधाई हो मुबारक हो ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश में नरेंद्र मोदी की चमत्कारिक कामयाबी के बाद हर वर्ग ,,हर जाती ,,हर समाज में एक विशेष सिंड्रोम ,,मानसिक रोग की बीमारी पनप रही है

हमारे देश में नरेंद्र मोदी की चमत्कारिक कामयाबी के बाद हर वर्ग ,,हर जाती ,,हर समाज में एक विशेष सिंड्रोम ,,मानसिक रोग की बीमारी पनप रही है और देश में वर्तमान में विकास की डोर थम जाने के पीछे यही सिंड्रोम ,,मानसिक रोग है ,,,एक वर्ग गौरवान्वित होकर यह समझने लगा है के ,,हम जो चाहेंगे कर लेंगे ,,क़त्ल भी करेंगे हम तो हमारा मुंसिफ हमे बचा लेगा ,,राज हमारा तो मनमर्ज़ी हमारी ,,,ना कोई क़ानून ,,ना कोई मर्यादा ,,,ना कोई सलीक़ा ,,,,बस इसी लिए इस बीमारी ,,इस सिंड्रोम से ग्रसित लोग सड़को पर ,,चौराहों पर ,,गलियों में ,,गांव में हर जगह नंगा नाच कर रहे है ,,,यह वर्ग इस सिंड्रोम के तहत खुद को पूरी तरह से सुरक्षित किसी भी तरह की क़ानूनी कार्यवाही से मुक्त मानने लगा है ,,,,,दूसरी तरफ वोह वर्ग है जिसे असुरक्षा का सिंड्रोम हो गया है ,,,ज़रा सी बात पर वोह बढ़ी चिंता प्रकट कर रहा है ,,,उसे सुरक्षित सिंड्रोम के उत्पातियों से खतरा लगने लगा है और असुरक्षित सिंड्रोम के मरीज़ डरे ,सहमे से हो गए है उनके मन में देश के संविधान ,,देश के क़ानून ,,देश की पुलिस ,,देश की सरकार से भरोसा उठा हुआ है वोह सोचते है के सुरक्षित सिंड्रोम के मरीज़ ,,असुरक्षित सिंड्रोम के मरीज़ों के साथ जो भी चाहे कर लेंगे उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा ,,इसके लिए यह लोग उदाहरण भी देते है ,,,दोस्तों इस सुरक्षित और असुरक्षित सिंड्रोम की बीमारी से देश लगातार पिछड़ रहा है ,,देश में विकास के मुद्दे तार तार हो गए है ,,,प्रधानमंत्री नरेदंर मोदी इस सिंड्रोम के लिए ज़िम्मेदार नहीं है ,,यह अचानक पनपा सिंड्रोम है लेकिन यह बिमारी लाइलाज नहीं है इसका इलाज सम्भव है और इसका कोई विशेषज्ञ डॉक्टर कोई मनोचिकित्सक नहीं खुद डॉक्टर नरेंद्र मोदी होंगे ,,अगर वोह सुरक्षित सिंड्रोम के लोगों को यह बता दे के क़ानून तोड़ने पर कोई भी दुनिया की ताक़त उन्हें नहीं बचाएगी क़ानून अपना काम करेगा और अपना पराया का भेद भुलाकर अगर कुछ लोग जेल में चले जाए तो उनका यह सुरक्षित सिंड्रोम मानसिक रोग की बीमारी ठीक हो जायेगी ,,इधर असुरक्षित सिंड्रोम को डॉक्टर नरेंद्र मोदी यह विश्वास दिलाये के कानून अपना काम कर रहा है ,,किसी को घबराने की ज़रूरत नहीं ,,देश का क़ानून सभी के लिए है देश में क़ानून का राज है जंगल राज नहीं ,,,निश्चित तोर पर कुछ अराजकता तो फैलेंगी लेकिन एक बार इस नुस्खे से देश के हालात बदल जाएंगे और सच नरेंद्र मोदी एक लोकप्रिय नेता के साथ लोकप्रिय मनोचिकित्स्क भी बन जाएंगे ,,,,,,,,लेकिन क्या नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान की एकता , ,,अखंडता ,,,,सहिष्णुता ,यहां के विकास ,,सुख शांति के लिए ऐसा कर सकेंगे ,,इसका इन्तिज़ार है ,,,हमने तो भाई इस मुल्क की नब्ज़ देखकर नुस्खा बता दिया ,,बीमारी बता दी ,,इलाज बता दिया अब डॉक्टर नरेंद्र मोदी इलाज करे तो ठीक नहीं तो फिर अराजकता के इस माहोल में तीन साल तो और जीना ही है फिर नए डॉक्टर आएंगे उनसे दरख्वास्त करेंगे और क्या ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नोजवानो को उकसाने और गुमराह करने वालों से बचना चाहिए वोह किसी एजेंसी के मुखबिर होकर अपराध करवाकर या फिर अपराध की साक्ष्य एकत्रित कर झूंठे मामलों में फंसा सकते है

मुस्लिम नोजवानो को उकसाने और गुमराह करने वालों से बचना चाहिए वोह किसी एजेंसी के मुखबिर होकर अपराध करवाकर या फिर अपराध की साक्ष्य एकत्रित कर झूंठे मामलों में फंसा सकते है ,,यह सीख आज कोटा इस्लामिक सेंटर में आयोजित ,,भारत का आतंकवाद से मुक्ति ,,अभियान के तहत मानवाधिकार कार्यकर्ता सुहेल के के ने कही ,,,,,,,,,,,सुहेल के के आतंकवाद में झूंठा फंसाने के मामले पर काफी शोधपत्र भी लिख चुके है और डॉक्यूमेंट्री फिल्मे भी बना रहे है वोह क़ुईल फाउंडेशन ऑफ़ इन्डिया के निदेशक ,,मानवाधिकार कार्यकर्ता ,,,है तथा मुस्लिम छात्र संगठन के राष्ट्रिय अध्यक्ष भी रह चुके है ,,,,,,,,,,सुहेल के के ने आज प्रगतिनगर नयापुरा स्थित खचाखच भरे इस्लामिक सेंटर में कहा के अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर आतंकवाद की घटनाये प्रायोजित भी होती है बेववजह भी होती है ,,उन्होंने कहा के अमेरिका ने इराक़ के खिलाफ रासायनिक हथियार के झूंठे साक्ष्य एकत्रित कर संयुक्त राष्ट्र संघ को कथित रूप से इराक़ को आतंकवादी बता कर उसे बर्बाद करने में राज़ी कर लिया लेकिन बाद में सभी साक्ष्य झूंठे निकले ,,ब्रिटेन ने इसकी तहक़ीक़ात करवाई तो सभी साक्ष्य झूंठे और मनघडन्त साबित हुए ,,,सुहेल ने कहा के न्यूयार्क में एक बांग्ला देश के मुस्लिम नौजवान को एक मोलवी जैसे आदमी ने बुलाया नमाज़ के लिए कहा ,,वोह नमाज़ नहीं पढ़ता था लेकिन उसे नमाज़ की शिक्षा दी ,,यह नौजवान नमाज़ पढ़ने लगा ,,हुलिया मुसलमान का बना लिया ,,उसे इस मोलवी ने अमेरिका के खिलाफ काफ़िर होने की वजह से जंग करने के लिए कहा वोह नौजवान तय्यार हो गया ,,इस नौजवान को आतंकवादी से मिलाया ,,बम प्लान हुए और जहाँ बम फ्टना था वहां नंबर दबाने के बाद भी बम नहीं फ्ता लेकिन एफ बी आई और नौजवान को बढ़ी आतंकवादी घटना के मामले में पकड़ लिया गया ,,इस नौजवान की हर तस्वीर विडिओ जांच एजेंसी ने जब अदालत में पेश की तो एक अख़बार की तहक़ीक़ात के बाद पता चला के वोह मोलवी एफ बी आई का एजेंट था वोह अातंकवाद का इस्लाम से संबंध जोड़ने के लिए साक्ष्य एकत्रित करने के लिए इस नौजवान को उकसाकर ऐसा कर रहा था ,,सुहेल खान ने कहा के भारत में करकरे की मोत के मामले में अगर घटनाये देखे तो साफ़ है ,,करकरे ने सभी अपराधियो को पकड़ कर अपनी जाँच में रिपोर्ट तय्यार कर ली थी के ,,अभिवन भारत के ज़रिये अमेरिका ,,इज़राइल और नेपाल मिल कर भारत में आतंकवादी हमले करवा रहे है और इस्लाम को बदनाम कर रहे है ,,अभिनव भारत के लोग इन देशो से दो हज़ार बीस तक भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करवाने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मदद चाहते थे ,,लेकिन इन देशो ने हथियार तो दिए ,,नक़द मदद दी लेकिन हिन्दू राष्ट्र मामले में चुप्पी साध गए ,,,उन्होंने कहा यह दस्तावेजी सुबूत है ,,,संसद पर हमले के मामले में अफज़ल गुरु के लिए अदालत ने खुद लिखा है इनके खिलाफ कोई सीधी साक्ष्य नहीं है लेकिन जनता की संतुष्ठी के फांसी देना ज़रूरी है ,,अफज़ल गुरु को भी जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने पहले किसी को बुलाकर दिल्ली छोड़ने के लिए कहा फिर उसे साक्ष्य के नाम पकड़वा दिया ,,उन्होंने कहा के मुखबिर बनाकर ,,मुखबिर बनकर ,,या फिर जांच एजेंसिया हमारे अपने लोगों का हुलिया बनाकर आती है ,,नोजवानो को उकसाती है और जो नौजवान उकसाने में आजाता है फिर उसके खिलाफ साक्ष्य के साथ उसे पकड़वा देते है ,,,उन्होेन कहा के हमले अाखिर विवाद के वक़्त क्यों होते है ,,संसद में ताबूत घोटाला चल रहा था ,,हमला हो गया ताबूत घोटाला गायब ,,,उन्होंने कहा मुंबई बम ब्लास्ट करकरे जांच के किसी नतीजे पर पहुंच रहे थे ,,आतंकवादी घटना हुई करकरे की मोत ,,,अभिनव भारत के खिलाफ मिडिया चुप ,,कोई जांच पड़ताल नहीं सब बंद ,,उहोने कहा के हम मुसलमान है इस्लाम से ताल्लुक़ रखते है ,,हमारा आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है ,,हमे हमारे अखलाक़ , ,आचरण ,,दूसरे समाज के लोगों से दोस्ताना व्यवहार के साथ उनका विश्वास जीतना होगा ,, जो लोग हमे भड़काते है उनके भड़कावे में नहीं आये दूसरे सभी समाजो के साथ उठे बैठे हिलमिल कर रहे ,,उनपर विश्वास करे उनका विश्वास जीते ,,इस मुल्क की अमन ,,, ,,सुकून की ज़िम्मेदारी हमारी है ,,इस मुल्क के लिए हम अपनी ज़िम्मेदारी समझे ,,उन्होंने कहा के हम हमारे नौजवान ऐसे बहकाने वालो से दूर रहे जो उकसा कर इस्लाम की तस्वीर बदनाम करना चाहते है ,,,उन्होंने कहा के हमे भारत में जो लोग अपराधिक घटनाओ से जुड़े है ,,जो लोग आतंकी घटनाओ से जुड़े है उनसे अलग थलग होकर ,,भारत को आतंकवाद मुक्त ,,देश घोषित करवाने में मदद करना है ,, सेमीनार में कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद,,,,गुलशेर अहमद ,,,गफ्फार मिर्ज़ा ,,अज़ीज़ अंसारी ,, अब्दुल रशीद क़ादरी ,,,तबरेज़ पठान मदनी सहित कई प्रबुद्ध लोग मौजूद थे ,,,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाजी निज़ाम कुरैशी कांग्रेस से दलित और अल्सपसंख्य्कों को जोड़ कर कांग्रेस की मज़बूती का अभियान चलाएंगे

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के सुप्रीमो हाजी निज़ाम कुरैशी कांग्रेस से दलित और अल्सपसंख्य्कों को जोड़ कर कांग्रेस की मज़बूती का अभियान चलाएंगे ,,इस मामले में उन्होंने राजस्थान के सभी जिला अध्यक्षों और संभागीय अध्यक्षों की बैठक बुलाई है ,,,,,राजस्थान अल्सपंख्य्क विभाग के को ऑर्डिनेटर युवा नेता मक़सूद अहमद ने बताया के बुधवार अठाईस अक्टूबर को इस मामले में जयपुर में एक मेराथन बैठक बुलाई गई है ,बैठक में राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति का फीड बेक लेकर ,,कांग्रेस को कैसे मज़बूत किया जाए इस पर चर्चा होगी ,,दलित और अल्पसंख्यक गठबंधन कांग्रेस के पक्ष में कैसे हो ,,अल्पसंख्यको को सरकारी सुविधाओ को अधिकतम लाभ कैसे दिलवाया जाए ,,उनकी समस्याओ का तत्काल कैसे समाधान हो ,,वर्तमान में उनके प्रमुख समस्याएं क्या है ,,इन सभी मामलों में प्रदेश अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी समीक्षा करेंगे और जिला स्तर पर सम्मेलन कराने ,,,कांग्रेस के जिला अध्यक्षों पर पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम आयोजित करने ,,संभाग सम्मेलन करवाने और बाद में प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन पर भी विचार विमर्श होगा ,,इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए भी विचार लिए जाएंगे ,,,,,,,,,,,बैठक में राजस्थान के सभी संभागीय चेयरमेन ,,जिला अध्यक्ष मौजूद रहेंगे ,,लेकिन मेरे लखनऊ कार्यक्रम होने से में अध्यक्ष महोदय को अवकाश की अर्ज़ी दे दी है ,,जो क़ुबूल भी हो गई है ,,इसीलिए में कोटा संभाग चेयरमेन बैठक में उपस्थित नहीं रहूंगा ,,,,सभी संभाग चेयरमेन ,,सभी जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों को मेरी तरफ से शुभकामनाये बधाई ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा की ताज़ा यादें -


1. बलात्कार छोटी घटना है :- अरुण जेटली
2. मध्यम वर्ग अपना ख्याल खूद रखे :- अरुण जेटली
3. पेड पोधो को पेशाब पिलावो पानी नही :- नितिन गडकरी
4. लड़की बेचे आचार तो ज्यादा बिकेगा :- नरेन्द्र मोदी
5. बिहार बिमारु राज्य है :- नरेन्द्र मोदी
5. ब्लात्कार के लिये लड़की जिम्मेदार :- हरियाणा मुख्यमंत्री खट्टर
6. किसान आत्महत्या लव अफेर्स और नपुंसकता की वजह से करते है :- केन्द्रीय कृषि मंत्री
7. सरकार हनुमान नही है जो इराक मे फसे भारतीयों को ले आयेगी :- वी.के सिंह
8. बलात्कार कुछ हद तक अच्छा है कुछ हद बुरा है :- बाबू लाल गौर
9. रेल किराये महेंगे हो गये यह बड़ी बात नही छोटी बात है :- किरिट सौमैया
10. 25 % Inflation बराबर है :- राधा राम मोहन सिंग
11. बिना प्रोटेक्शन ऐइड्स को दूर भगायेंगे :- हेल्थ मिनिस्टर हर्ष वर्धन
12. जवान डकैत है :- वी.के सिंग
13. महिलाएँ चार पांच बच्चे पैदा करे :- साक्षी महाराज सांसद
14. लडकियों को मर्यादा मे रहना होगा तब जाकर बलात्कार नही होंगे :- विजय वर्गीय ( भाजपा नेता)
15. व्यापम स्केम बडी बात नही :- विजय वर्गीय
16. नितिश का DNA खराब है :- नरेन्द्र मोदी
17. किसान मरते है तो मरने दो हम क्या करे :- भाजपा सांसद संजय दोत्तरे
18. दाल और सब्जी के भाव बढना महेंगाइ नही है :- अरुण जेटली
19. विदेशों मे कितना कालाधन है मुझे पता नही :- नरेन्द्र मोदी
20. चुनाव मे कालेधन की बात जुमला थी :- अमित शाह
21. राम मंदिर के लिये 320 सिट चाहिए :- अमित भाइइइइ शाह
22. मुझे पहले शर्म आती थी भारत देश मे पैदा होने के लिये :- नरेन्द्र मोदी
23. भारत सपेरो का देश था :- नरेन्द्र मोदी
24. अच्छे दिन 25 साल बाद आयेंगे :- अमित शाह
25. पाकिस्तान को बिजली देंगे :- नरेन्द्र मोदी
26. 370 हटाना नामुमकिन :- राजनाथ सिंह
27. चीन गलती से हमारी सिमा मे घूस जाता है :- राजनाथ सिंह
28. भ्रष्टाचार ऐसे करो के किसी को पता न चले :- विजयवर्गीय
29. देश के जवानों से बडा काम हम करते है, शहीद होना बडी बात नही :- अमित शाह
30. जवान से ज्यादा जोखिम व्यापारी उठाता है :- नरेन्द्र मोदी
31. ज्यादातर बंगाल और बिहार की विधवा महिलाएँ भिख मांगती है मथुरा मे :- हेमा मालिनी
32. लाल गाल वाले टमाटर खाते है , गरीब नही :- प्रभात झा.
34. लडकीया अपने फिगर बनाने के चक्कर मे कुपोषण का शिकार बनती है :- नरेन्द्र मोदी
35. दलित और दलित महिलाएँ को मार मारने पर ही सिधे चलते है :- पुरुषोत्तम रूपाला
36. बढते क्राइम रेट के लिये यु.पी और बिहार के लोग जिम्मेदार :- नितिन पटेल
37. गालियाँ वेद वाक्य है :- राजनाथ सिंह

Communal Violence In Kanpur After Kannauj And Fatehpur यूपी के 9 जिलों में सांप्रदायिक हिंसा, 2 मरे, कानपुर में पुलिसवालों को मारी गोली dainikbhaskar.com Oct 25, 2015, 16:31 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 114 1 of 17 Next कानपुर. यूपी के 9 जिले सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में हैं। कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, बलरामपुर, फतेहपुर, संतकबीरनगर, कन्नौज, बांदा और गाजीपुर से हिंसक झड़पों की खबर है। इस हिंसा में सिद्धार्थनगर और कन्नौज में दो लोगों की जान चली गई। कानपुर में दो पुलिसवालों को गोली लगी है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस बीच, झारखंड के चार जिलों में शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक की मौत हो गई है। नौ पुलिसवाले घायल हो गए हैं। हजारीबाग और लातेहार जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। (पूरी खबर यहां पढ़ें) क्या हुआ कानपुर में? शहर में कथित तौर पर धार्मिक बैनर फाड़ने और कुछ लोगों के मुहर्रम का जुलूस रोकने के एलान करने के बाद शुक्रवार देर शाम शुरू हुई हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शनिवार सुबह से कहीं पथराव तो कहीं फायरिंग की खबरें सामने आईं। गाड़ियों में आग लगा दी गई। शहर में धारा-144 लागू होने के बावजूद हालात बेकाबू हो गए। मंडनपुरवा के चंद्रिका देवी इलाके में इंस्पेक्टर डीके सिंह और आरआई एमपी शर्मा को दंगाइयों की चलाई गोली लग गई। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट दागे। पथराव और तोड़फोड़ में कई घायल हो गए। जिन पुलिसवालों को गोली लगी, अब वे सुरक्षित हैं। 2000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा: पुलिस ने फजलगंज, सीसामऊ, नौबस्ता और चमनगंज थाने में करीब 20 नामजद और 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दर्जनभर लोग अभी तक गिरफ्तार किए गए हैं। रविवार को भी शहर में तनाव रहा। बेकनगंज, यतीमखाना और जरीब चौकी इलाकों में बाजार बंद रहे। पुलिस फ्लैग मार्च कर लोगों से घरों से न निकलने की अपील की। क्या हुआ सिद्धार्थनगर में? सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में शनिवार को मंदिर के सामने से ताजिया जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़क गई। इसके बाद कई दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। घटना में गंभीर रूप से घायल 60 साल के सूर्य लाल अग्रहरी की अस्पताल में मौत हो गई। हिंसा में दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। क्या हुआ कन्नौज में? कन्नौज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर गुरुवार को भड़की हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शुक्रवार शाम को फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद हिंसा और भड़क उठी थी। शनिवार को यहां रुक-रुककर झड़प, पथराव और आगजनी के मामले सामने आए। पूरे शहर में तनाव बना हुआ है। क्या हुआ बलरामपुर में? शहर के पचपेड़वा कस्बे में गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक शख्स की घर में घुसकर की गई पिटाई के बाद तनाव का माहौल था। शनिवार को यह तनाव हिंसा में बदल गई। हिंसा उस वक्त भड़क उठी, जब कुछ लोगों ने ताजिया विसर्जन के दौरान पथराव कर दिया। पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। क्या हुआ कुशीनगर में? कुशीनगर जिले के कसया में शनिवार को दुर्गा प्रतिमा पंडाल के सामने से ताजिया निकालने को लेकर विवाद हो गया। रास्ता संकरा होने की वजह से दुर्गा प्रतिमा पंडाल कटवाकर जुलूस का रास्ता निकाला गया। जानकारी के मुताबिक, यहां से यहां से ताजिया निकालने की परमीशन ही नहीं थी। दो पक्ष आमने-सामने आ गए। पथराव शुरू हो गया। मौके पर पहुंची फोर्स ने लाठियां भांजकर किसी तरह हालात को काबू में किया। आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। पुलिस और पीएसी तैनात की गई है। क्या हुआ फतेहपुर में? सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के मंडवा गांव में गुरुवार को देवी प्रतिमाएं निकालने को लेकर दो गुटों के बीच बवाल हो गया था। शनिवार को मुहर्रम और विसर्जन जुलूस के आमने-सामने पहुंचने पर किसी ने पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। लोगों ने कुछ घरों और गाड़ियों में आग लगा दी। फायरिंग और पथराव में दर्जन भर लोग घायल हो गए। क्या हुआ गाजीपुर में? गाजीपुर के जमानियां तहसील के पचोखर में शनिवार को ताजिया का जुलूस निकाले जाने के वक्त दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। हालात काबू करने के लिए कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि ताजिया के जुलूस में कुछ युवकों ने देश विरोधी नारे लगाए। इसी बात पर मारपीट शुरू हो गई। हालांकि, पुलिस ने नारेबाजी की वजह से हिंसा भड़कने को खारिज किया है। क्या हुआ संतकबीरनगर में? संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद में मुहर्रम का जुलूस मंदिर के रास्ते ले जाने को लेकर शुक्रवार रात बवाल हो गया था। भीड़ के पथराव में चार पुलिसवाले घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है। क्या हुआ बांदा में? बांदा जिले के अतर्रा में शुक्रवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़ कंट्रोल कर रहे सिपाही की लाठी से मूर्ति टूटने के बाद बवाल हो गया। सिपाही सहित सीओ और कोतवाली प्रभारी के माफी मांगने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे पुलिस पर पथराव करने लगे। इसमें सीओ अर्तरा और एसडीएम गंभीर रूप से घायल हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान मची भगदड़ में कई लोगों को चोटें आईं।



यूपी के 9 जिलों में सांप्रदायिक हिंसा, 2 मरे, कानपुर में पुलिसवालों को मारी गोली

कानपुर. यूपी के 9 जिले सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में हैं। कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, बलरामपुर, फतेहपुर, संतकबीरनगर, कन्नौज, बांदा और गाजीपुर से हिंसक झड़पों की खबर है। इस हिंसा में सिद्धार्थनगर और कन्नौज में दो लोगों की जान चली गई। कानपुर में दो पुलिसवालों को गोली लगी है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस बीच, झारखंड के चार जिलों में शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक की मौत हो गई है। नौ पुलिसवाले घायल हो गए हैं। हजारीबाग और लातेहार जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
क्या हुआ कानपुर में?
शहर में कथित तौर पर धार्मिक बैनर फाड़ने और कुछ लोगों के मुहर्रम का जुलूस रोकने के एलान करने के बाद शुक्रवार देर शाम शुरू हुई हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शनिवार सुबह से कहीं पथराव तो कहीं फायरिंग की खबरें सामने आईं। गाड़ियों में आग लगा दी गई। शहर में धारा-144 लागू होने के बावजूद हालात बेकाबू हो गए। मंडनपुरवा के चंद्रिका देवी इलाके में इंस्पेक्टर डीके सिंह और आरआई एमपी शर्मा को दंगाइयों की चलाई गोली लग गई। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट दागे। पथराव और तोड़फोड़ में कई घायल हो गए। जिन पुलिसवालों को गोली लगी, अब वे सुरक्षित हैं।
2000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा: पुलिस ने फजलगंज, सीसामऊ, नौबस्ता और चमनगंज थाने में करीब 20 नामजद और 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दर्जनभर लोग अभी तक गिरफ्तार किए गए हैं। रविवार को भी शहर में तनाव रहा। बेकनगंज, यतीमखाना और जरीब चौकी इलाकों में बाजार बंद रहे। पुलिस फ्लैग मार्च कर लोगों से घरों से न निकलने की अपील की।
क्या हुआ सिद्धार्थनगर में?
सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में शनिवार को मंदिर के सामने से ताजिया जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़क गई। इसके बाद कई दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। घटना में गंभीर रूप से घायल 60 साल के सूर्य लाल अग्रहरी की अस्पताल में मौत हो गई। हिंसा में दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है।
क्या हुआ कन्नौज में?
कन्नौज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर गुरुवार को भड़की हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शुक्रवार शाम को फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद हिंसा और भड़क उठी थी। शनिवार को यहां रुक-रुककर झड़प, पथराव और आगजनी के मामले सामने आए। पूरे शहर में तनाव बना हुआ है।
क्या हुआ बलरामपुर में?
शहर के पचपेड़वा कस्बे में गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक शख्स की घर में घुसकर की गई पिटाई के बाद तनाव का माहौल था। शनिवार को यह तनाव हिंसा में बदल गई। हिंसा उस वक्त भड़क उठी, जब कुछ लोगों ने ताजिया विसर्जन के दौरान पथराव कर दिया। पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
क्या हुआ कुशीनगर में?
कुशीनगर जिले के कसया में शनिवार को दुर्गा प्रतिमा पंडाल के सामने से ताजिया निकालने को लेकर विवाद हो गया। रास्ता संकरा होने की वजह से दुर्गा प्रतिमा पंडाल कटवाकर जुलूस का रास्ता निकाला गया। जानकारी के मुताबिक, यहां से यहां से ताजिया निकालने की परमीशन ही नहीं थी। दो पक्ष आमने-सामने आ गए। पथराव शुरू हो गया। मौके पर पहुंची फोर्स ने लाठियां भांजकर किसी तरह हालात को काबू में किया। आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। पुलिस और पीएसी तैनात की गई है।
क्या हुआ फतेहपुर में?
सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के मंडवा गांव में गुरुवार को देवी प्रतिमाएं निकालने को लेकर दो गुटों के बीच बवाल हो गया था। शनिवार को मुहर्रम और विसर्जन जुलूस के आमने-सामने पहुंचने पर किसी ने पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। लोगों ने कुछ घरों और गाड़ियों में आग लगा दी। फायरिंग और पथराव में दर्जन भर लोग घायल हो गए।
क्या हुआ गाजीपुर में?
गाजीपुर के जमानियां तहसील के पचोखर में शनिवार को ताजिया का जुलूस निकाले जाने के वक्त दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। हालात काबू करने के लिए कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि ताजिया के जुलूस में कुछ युवकों ने देश विरोधी नारे लगाए। इसी बात पर मारपीट शुरू हो गई। हालांकि, पुलिस ने नारेबाजी की वजह से हिंसा भड़कने को खारिज किया है।

क्या हुआ संतकबीरनगर में?

संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद में मुहर्रम का जुलूस मंदिर के रास्ते ले जाने को लेकर शुक्रवार रात बवाल हो गया था। भीड़ के पथराव में चार पुलिसवाले घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
क्या हुआ बांदा में?
बांदा जिले के अतर्रा में शुक्रवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़ कंट्रोल कर रहे सिपाही की लाठी से मूर्ति टूटने के बाद बवाल हो गया। सिपाही सहित सीओ और कोतवाली प्रभारी के माफी मांगने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे पुलिस पर पथराव करने लगे। इसमें सीओ अर्तरा और एसडीएम गंभीर रूप से घायल हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान मची भगदड़ में कई लोगों को चोटें आईं।

ब्लेयर ने इराक वॉर के लिए मांगी माफी, कहा-जंग बना ISIS के सामने आने की वजह

ब्लेयर ने इराक वॉर के लिए मांगी माफी, कहा-जंग बना ISIS के सामने आने की वजह

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर।
लंदन. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इस्लामिक स्टेट के बढ़ते असर के लिए इराक वॉर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पहली बार इराक वॉर को लेकर माफी भी मांगी है। ब्लेयर ने कहा कि सद्दाम को सत्ता से उखाड़ फेंकने वालों में शामिल देशों को इराक के मौजूद हालात के लिए कुछ जिम्मेदारी तो लेनी होगी, क्योंकि इसी संघर्ष के चलते आईएसआईएस वजूद में आया। बता दें, केमिकल वीपन के शक में 2003 में अमेरिका और ब्रिटेन समेत गठबंधन सेनाओं ने इराक पर हमला किया था।
'सीरिया जैसे होते हालात'
हालांकि, ब्लेयर ने इराक पर हमले का बचाव करते हुए ये भी कहा कि सद्दाम को अगर सत्ता से बेदखल नहीं किया गया होता तो वहां सीरिया जैसे हालात होते। टोनी ब्लेयर का ये बयान सर जॉन चिलकोट के उस एलान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने युद्ध को लेकर अपनी जांच के पूरी होने के टाइमटेबल का जिक्र किया है।
क्या कहा इंटरव्यू में?
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को दिए गए एक इंटरव्यू में टोनी ने कहा कि वे जंग से जुड़े कई मसलों के लिए माफी मांगते हैं। इंटरव्यू के दौरान रिपोर्टर फरीद जकारिया ने सवाल किया था कि क्या इराक वॉर एक गलती थी। इस पर ब्लेयर ने कहा, ''मैं उस बात के लिए माफी मांगता हूं कि इंटेलिजेंस के जरिए गलत जानकारी मिली थी। साथ ही, प्लानिंग को लेकर भी गलतियां हुई थीं।'' उन्होंने कहा,'' निश्चित तौर पर हमसे वहां के हालात को समझने में गलती हुई कि इस शासन को उखाड़ फेंकने के बाद कैसे हालात बनेंगे।''
इराक वॉर में हुआ नुकसान
इराक वॉर में अमेरिकी सेना के साथ 45,000 ब्रिटिश जवान शामिल थे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संघर्ष में 10 हजार इराकी नागरकि, 4000 से ज्यादा अमेरिकी जवान और 179 ब्रिटिश सर्विस के सदस्य मारे गए थे।
2002 में पड़ी ISIS की नींव
तौहिद वा अल-जिहाद के तौर पर जॉर्डन के अबु मुसाद अल-जरकावी ने 2002 में ही आईएसआईएस की नींव रख दी थी। एक साल बाद 2003 में इराक में अमेरिकी गठबंधन सेना के हमले के बाद जरकावी ने ओसामा बिन लादेन के प्रति वफादारी की शपथ ली और अलकायदा से जुड़ गया। 2006 में जरकावी की मौत के बाद अलकायदा ने इसे सहयोगी संगठन के तौर पर इस्लामिक स्टेट इन इराक (आईएसआई) का नाम दिया। 2013 में आईएसआईएस के मौजूदा चीफ अबु बक्र अल बगदादी ने इस आतंकी संगठन में इराक के साथ सीरिया को भी शामिल कर लिया और इसका नाम आईएसआईएस हो गया।
बुश ने भी मानी थी गलती
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश ने भी अपना कार्यकाल खत्म होने के दौरान इस बात को माना था कि इराक वॉर उनके कार्यकाल की बड़ी गलतियों में से एक है। बुश ने अपनी किताब में भी इस बात जिक्र किया है। किताब में दिए अंश के मुताबिक, जब उन्हें इस बात का पता चला कि इराक में कोई केमिकल वीपन नहीं है तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वो एक डूबते जहाज के कैप्टन हैं।

क़ुरआन का सन्देश

  
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