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31 अक्तूबर 2015

मायावती ने की मूर्ति-स्‍मारकों से तौबा, कहा- अब यूपी में डेवलपमेंट होगा एजेंडा



डॉ. भीमराव अंबेडकर में लगी मायावती और कांशीराम की मूर्ति।
डॉ. भीमराव अंबेडकर में लगी मायावती और कांशीराम की मूर्ति।
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती को 2012 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार का मलाल आज तक है। यही वजह है कि अब उन्‍होंने पत्‍थरों के स्‍मारकों और म्‍यूजियम बनाने से तौबा कर ली है। पार्कों पर करोड़ों रुपए फूंकने वाली बीएसपी सरकार की मुखिया ने कहा है, ''अगर अब उनकी सरकार सत्‍ता में आती है, तो प्रदेश में स्‍मारक और म्‍यूजियम नहीं बनाए जाएंगे। सरकार का पूरा ध्‍यान प्रदेश की कानून-व्‍यवस्‍था को सुधारने में होगा। साथ ही प्रदेश के डेवलपमेंट पर ध्‍यान दिया जाएगा।''
हालांकि, बीते चुनावों में मिली हार के पीछे का कारण मायावती स्‍मारकों को बनवाना नहीं मानती हैं। उन्‍होंने कहा, ''अब हमारी सरकार प्रदेश की गरीब जनता के लिए काम करेगी। गुंडों, असामाजिक तत्‍वों को जेल भेजा जाएगा। बीएसपी किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।''
मूर्ति बनवाना नहीं है हार का कारण
लखनऊ में मीडिया से बातचीत में माया ने कहा, ''दलित गुरुओं और विभूतियों को कभी सम्‍मान नहीं दिया गया। उनके आदर-सम्‍मान के लिए ही स्‍मारक और म्‍यूजियम बनवाए गए थे। यह इसलिए भी जरूरी था क्‍योंकि बीएसपी अपने गुरुओं के बताए रास्‍तों पर चलती है। अगर यह हमारी हार का कारण होता तो हमारा वोट पर्सेंटेज नहीं बढ़ता।''
दलितों का हो रहा शोषण
मायावती ने कहा, ''बीजेपी एंड कंपनी की वजह से ही दलितों का समाज में शोषण हो रहा है। जब से बीजेपी की केंद्र में सरकार बनी, तभी से दलितों, आदिवासियों और अतिपिछड़ों को सामाजिक और आर्थ‍िक आधार पर नीचा गिराने की कोशिश की जा रहा है। बीजेपी और आरएसएस के लोग मौकापरस्‍त हैं। मोदी सरकार पूरे देश को सवर्ण व्‍यवस्‍था में झोंकना चाहती है और देश को हिंदू राष्‍ट्र बनाना चाहती है।''
क्‍या कहना है बीजेपी का?
इस मामले में बीजेपी प्रवक्‍ता विजय पाठक का कहना है, ''लिखे गए पन्नों को पढ़तीं बीएसपी प्रमुख की करीब घंटे भर चली प्रेस कांफ्रेंस स्मारक, पार्कों पर जनता की कमाई का दुरुपयोग किए जाने का माफीनामा है। माया हताश और निराश होकर अनर्गल बयानबाजी कर रही हैं।''

लालू की बेटी मीसा ने PM को बताया चतुर रामलिंगम, पूछा-वे किसे सेट करेंगे?


पटना. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शनिवार को जबर्दस्त हमले किए। मीसा ने  बातचीत में पीएम को फिल्म 'थ्री इडियट्स' का कैरेक्टर चतुर रामलिंगम तक बता डाला। मीसा ने पीएम की पढ़ाई-लिखाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे हाईस्कूल पास नहीं हैं।
मीसा ने पीएम की जाति का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं समझ नहीं पा रही हूं कि वे पिछड़े हैं, अति पिछड़े हैं या फिर दलित या फिर महादलित? भाजपा को पहले इस चुनाव में यह साफ कर देना चाहिए।' मीसा यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने पीएम की पर्सनल लाइफ पर हमला बोलते हुए कहा, 'वह शख्स महिलाओं के सम्मान की बात को महसूस नहीं कर सकता जो अपनी पत्नी को सम्मान नहीं दे सका और जिसके कोई बच्चे नहीं हैं। वे किसे सेट करेंगे? प्रधानमंत्री मेरी चिंता छोड़ें, मुझे सेट करने के लिए मेरे पिता हैं, पति हैं। अपनी चिंता करें और अपनी पत्नी को सेट करें।' बता दें कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों पहले मीसा भारती को लेकर कहा था कि लालू बेटी को सेट नहीं कर पाए, अब बेटों को सेट करने में लगे हैं।
किस मुद्दे पर क्या बोलीं मीसा, पढ़िए:
भाइयों की डिग्री के सवाल पर क्या बोलीं?
मीसा के दोनों भाइयों की एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। इस पर मीसा ने कहा, 'हाईस्कूल पास किए बगैर जब कोई देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो फिर विधायक बनने में क्या परेशानी है? फिर भी मैं साफ करना चाहती हूं कि मेरा बड़ा भाई इंटरमीडिएट पास है और वह ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। पर्चा दाखिल करते समय आप उसी पढ़ाई का ब्योरा देते हैं जो आप कर चुके हैं। रहा छोटे भाई तेजस्वी का सवाल तो उसने नौंवी तक की पढ़ाई की है। उसका रुझान शुरू से ही खेलों की तरफ़ था, जिससे उसकी पढ़ाई रुक गई।' मीसा भारती ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को उनकी भी डिग्री बतानी चाहिए।
'पीएम की रिसर्च आधी-अधूरी'
प्रधानमंत्री की ओर से महागठबंधन के नेताओं-सोनिया, लालू और नीतीश को 'थ्री इडियट्स' बताए जाने पर मीसा ने कहा, 'प्रधानमंत्री का रिसर्च आधा-अधूरा होता है। वह बयान दे देते हैं, लेकिन उसकी गहराई में नहीं जाते। थ्री इडियट्स में तो थ्री इडियट्स ही फ़िल्म के हीरो हैं। प्रधानमंत्री ने यह बयान देकर साफ कर दिया है कि इस चुनाव के हीरो महागठबंधन के लोग ही हैं। प्रधानमंत्री ने खुद को खुद चतुर रामलिंगम साबित कर दिया है।'
'पीएम महिलाओं का सम्मान नहीं करते'
मीसा ने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो महिलाओं का बिल्कुल सम्मान नहीं करते हैं। उनसे यह अपेक्षा भी नहीं की जा सकती है क्योंकि वह आरएसएस के प्रचारक रहे हैं, जहां महिलाओं का कोई स्थान नहीं है। आरएसएस में महिलाओं का स्थान केवल नेताओं के पैर धोने तक ही सीमित है।'
लालू के शासन को जंगलराज कहे जाने पर क्या कहा?
भाजपा की ओर से लालू के शासनकाल को 'जंगलराज' बताए जाने पर मीसा ने कहा, 'लालूजी एक बड़े जननेता हैं। इसलिए लोग उन पर निशाना साधते हैं। भाजपा को लगता है कि लालूजी की जितनी नकारात्मक चीज़ें उछालेंगे तो ज़्यादा वोट मिलेंगे।'
साथ रहेंगे नीतीश-लालू?
अगर महागठबंधन जीतता है तो क्या लालू और नीतीश लंबे समय तक साथ रह पाएंगे? इस पर मीसा ने कहा, 'गठबंधन बनते वक़्त भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब तक सब कुछ आसानी से हुआ है। आगे भी सब ठीक चलेगा। विपक्ष विधवा विलाप करता रहे।'
जीते तो क्या लालू के बेटों को बड़ा पद मिलेगा?
महागठबंधन की जीत पर क्या आपके भाइयों को बड़ा पद मिलेगा, इसके जवाब में मीसा ने कहा, 'हम चुनाव साथ लड़े हैं। परिणाम समाने आने दें फिर हम सब मिल बैठकर तय करेंगे कि किसको कौन सा पद मिलेगा?'
लालू के चुनाव प्रचार स्टाइल पर क्या कहा?
बीजेपी कहती रही है कि लालू चुनाव प्रचार में कॉमेडी करते हैं। इस पर मीसा ने कहा, 'उनकी यही ख़ूबी है कि वह गंभीर मुद्दों को भी बेहद आसान शब्दों और हंसी-मज़ाक में समझा जाते हैं। आप क्या विपक्ष से यह अपेक्षा करेंगे कि वे लालू जी की तारीफ़ करेंगे?'
'रिजर्वेशन पर बहस की शुरुआत संघ ने की'
मीसा ने इस मुद्दे पर कहा, 'इसकी शुरुआत महागठबंधन की तरफ से नहीं हुई, बल्कि भाजपा की ओर से की गई। चुनाव शुरू होते ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। फिर हमने इस बात को अपना एजेंडा बनाया।' मीसा कहती हैं कि भाजपा के लोग समाज बांटने का काम करते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण की समीक्षा की बात करते हैं तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज को बांटने के लिए संप्रदाय के नाम पर आरक्षण की झूठी बात को हवा देते हैं। ताकि समाज बंट जाए।
पाकिस्तान वाले बयान को लेकर शाह पर भी हमला
मीसा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी हमला करती हैं। वे कहती हैं, 'शाह ने कहा बिहार में महागठबंधन जीतता है तो पाकिस्तान में पटाखे छूटेंगे। शाह यह बताएं कि जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी को पाकिस्तान में क्या हुआ था, या फिर दिल्ली में भाजपा की हार हुई थी तो फिर पाकिस्तान में क्या हुआ था?'

केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, 'ओसामा के मरने पर पूरी रात रोई थीं सोनिया'


केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, 'ओसामा के मरने पर पूरी रात रोई थीं सोनिया'
कानपुर. केंद्र सरकार के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है, ''आतंकी ओसामा के मरने पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी रात भर रोईं थीं, उन्‍हें नींद भी नहीं आई थी।'' केंद्रीय मंत्री ने यह बयान कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) नेता वृंदा करात के ट्वीट के बाद दिया। दरअसल, करात की ओर से कहा गया था कि अगर बीजेपी बिहार में हारती है तो पाकिस्‍तान ही नहीं पूरे भारत में जश्‍न मनाया जाएगा। नकवी ने यह बातें शनिवार को कानपुर में मीडिया से बातचीत में कहीं।
अमित शाह के बयान पर बोले केंद्रीय मंत्री
बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह से शुरू हुआ बयान अब नया रुख लेता जा रहा है। दरअसल, शाह ने बिहार में एक मंच से कहा था, ''अगर बिहार में बीजेपी की हार हुई तो पाकिस्‍तान में पटाखे फोड़े जाएंगे।'' शाह‍ के इसी बयान पर तंज कसते हुए वृंदा करात ने ट्वीट किया था। नकवी ने कहा, ''अगर बिहार में शाह बोलते हैं तो लोग कहते हैं कि धर्मनिरपेक्षता पर खतरा है। ऐसे लोगों को तो पता ही नहीं होगा कि ओसामा के मरने पर सोनिया गांधी को कितना दुख हुआ था, वे तो रात भर सो भी नहीं पाईं थीं। आज एनडीए सरकार को बने 17 महीने बीत चुके हैं। विरोधियों को कोई हथियार नहीं मिला तो वह अब कहने लगे हैं कि हिंदुस्‍तान की स्थिति पाकिस्तान की तरह हो गई है। देश में भय का माहौल है। शायद लोग यह भूल गए हैं कि कांग्रेस के समय में कितने दंगे होते थे।''
पीएम मोदी में दिखती है सरदार पटेल की छवि
सरदार पटेल की जयंती के मौके पर कानपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा, ''आज देश को सरदार पटेल की जरूरत है, जिसकी छवि पीएम नरेंद्र मोदी के अंदर दिखती है। सरदार पटेल ने जिस तरह देश की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष किया था, उसी तरह पीएम मोदी भी काम कर रहे हैं। इसी क्रम में मोदी ने सरदार पटेल की जयंती को राष्‍ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। कुछ लोगों यह एक अजूबा लग रहा है, क्योंकि अभी तक सिर्फ इंदिरा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी की ही जयंती मनाई जाती रही हैं।''

क़ुरआन का सन्देश

  
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