पटना. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शनिवार को जबर्दस्त हमले किए। मीसा ने
बातचीत में पीएम को फिल्म 'थ्री इडियट्स' का कैरेक्टर चतुर रामलिंगम तक
बता डाला। मीसा ने पीएम की पढ़ाई-लिखाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे
हाईस्कूल पास नहीं हैं।
मीसा ने पीएम की जाति का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं समझ नहीं पा रही
हूं कि वे पिछड़े हैं, अति पिछड़े हैं या फिर दलित या फिर महादलित? भाजपा
को पहले इस चुनाव में यह साफ कर देना चाहिए।' मीसा यहीं नहीं रुकीं।
उन्होंने पीएम की पर्सनल लाइफ पर हमला बोलते हुए कहा, 'वह शख्स महिलाओं के
सम्मान की बात को महसूस नहीं कर सकता जो अपनी पत्नी को सम्मान नहीं दे सका
और जिसके कोई बच्चे नहीं हैं। वे किसे सेट करेंगे? प्रधानमंत्री मेरी चिंता
छोड़ें, मुझे सेट करने के लिए मेरे पिता हैं, पति हैं। अपनी चिंता करें और
अपनी पत्नी को सेट करें।' बता दें कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों पहले मीसा
भारती को लेकर कहा था कि लालू बेटी को सेट नहीं कर पाए, अब बेटों को सेट
करने में लगे हैं।
किस मुद्दे पर क्या बोलीं मीसा, पढ़िए:
भाइयों की डिग्री के सवाल पर क्या बोलीं?
मीसा के दोनों भाइयों की एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन पर विपक्ष सवाल उठा
रहा है। इस पर मीसा ने कहा, 'हाईस्कूल पास किए बगैर जब कोई देश का
प्रधानमंत्री बन सकता है तो फिर विधायक बनने में क्या परेशानी है? फिर भी
मैं साफ करना चाहती हूं कि मेरा बड़ा भाई इंटरमीडिएट पास है और वह ग्रैजुएशन
की पढ़ाई कर रहा है। पर्चा दाखिल करते समय आप उसी पढ़ाई का ब्योरा देते हैं
जो आप कर चुके हैं। रहा छोटे भाई तेजस्वी का सवाल तो उसने नौंवी तक की पढ़ाई
की है। उसका रुझान शुरू से ही खेलों की तरफ़ था, जिससे उसकी पढ़ाई रुक गई।'
मीसा भारती ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए
कहा कि प्रधानमंत्री को उनकी भी डिग्री बतानी चाहिए।
'पीएम की रिसर्च आधी-अधूरी'
प्रधानमंत्री की ओर से महागठबंधन के नेताओं-सोनिया, लालू और नीतीश को
'थ्री इडियट्स' बताए जाने पर मीसा ने कहा, 'प्रधानमंत्री का रिसर्च
आधा-अधूरा होता है। वह बयान दे देते हैं, लेकिन उसकी गहराई में नहीं जाते।
थ्री इडियट्स में तो थ्री इडियट्स ही फ़िल्म के हीरो हैं। प्रधानमंत्री ने
यह बयान देकर साफ कर दिया है कि इस चुनाव के हीरो महागठबंधन के लोग ही हैं।
प्रधानमंत्री ने खुद को खुद चतुर रामलिंगम साबित कर दिया है।'
'पीएम महिलाओं का सम्मान नहीं करते'
मीसा ने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री
मिला है जो महिलाओं का बिल्कुल सम्मान नहीं करते हैं। उनसे यह अपेक्षा भी
नहीं की जा सकती है क्योंकि वह आरएसएस के प्रचारक रहे हैं, जहां महिलाओं का
कोई स्थान नहीं है। आरएसएस में महिलाओं का स्थान केवल नेताओं के पैर धोने
तक ही सीमित है।'
लालू के शासन को जंगलराज कहे जाने पर क्या कहा?
भाजपा की ओर से लालू के शासनकाल को 'जंगलराज' बताए जाने पर मीसा ने
कहा, 'लालूजी एक बड़े जननेता हैं। इसलिए लोग उन पर निशाना साधते हैं। भाजपा
को लगता है कि लालूजी की जितनी नकारात्मक चीज़ें उछालेंगे तो ज़्यादा वोट
मिलेंगे।'
साथ रहेंगे नीतीश-लालू?
अगर महागठबंधन जीतता है तो क्या लालू और नीतीश लंबे समय तक साथ रह
पाएंगे? इस पर मीसा ने कहा, 'गठबंधन बनते वक़्त भी कई तरह के कयास लगाए जा
रहे थे, लेकिन अब तक सब कुछ आसानी से हुआ है। आगे भी सब ठीक चलेगा। विपक्ष
विधवा विलाप करता रहे।'
जीते तो क्या लालू के बेटों को बड़ा पद मिलेगा?
महागठबंधन की जीत पर क्या आपके भाइयों को बड़ा पद मिलेगा, इसके जवाब
में मीसा ने कहा, 'हम चुनाव साथ लड़े हैं। परिणाम समाने आने दें फिर हम सब
मिल बैठकर तय करेंगे कि किसको कौन सा पद मिलेगा?'
लालू के चुनाव प्रचार स्टाइल पर क्या कहा?
बीजेपी कहती रही है कि लालू चुनाव प्रचार में कॉमेडी करते हैं। इस पर
मीसा ने कहा, 'उनकी यही ख़ूबी है कि वह गंभीर मुद्दों को भी बेहद आसान
शब्दों और हंसी-मज़ाक में समझा जाते हैं। आप क्या विपक्ष से यह अपेक्षा
करेंगे कि वे लालू जी की तारीफ़ करेंगे?'
'रिजर्वेशन पर बहस की शुरुआत संघ ने की'
मीसा ने इस मुद्दे पर कहा, 'इसकी शुरुआत महागठबंधन की तरफ से नहीं
हुई, बल्कि भाजपा की ओर से की गई। चुनाव शुरू होते ही आरएसएस प्रमुख मोहन
भागवत जी ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। फिर हमने इस बात को अपना
एजेंडा बनाया।' मीसा कहती हैं कि भाजपा के लोग समाज बांटने का काम करते
हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण की समीक्षा की बात करते हैं तो,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज को बांटने के लिए संप्रदाय के नाम पर
आरक्षण की झूठी बात को हवा देते हैं। ताकि समाज बंट जाए।
पाकिस्तान वाले बयान को लेकर शाह पर भी हमला
मीसा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी हमला करती हैं। वे
कहती हैं, 'शाह ने कहा बिहार में महागठबंधन जीतता है तो पाकिस्तान में
पटाखे छूटेंगे। शाह यह बताएं कि जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी को
पाकिस्तान में क्या हुआ था, या फिर दिल्ली में भाजपा की हार हुई थी तो फिर
पाकिस्तान में क्या हुआ था?'