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02 नवंबर 2015

किसी ने 80 तो किसी ने 150 महिलाओं से की शादी, एक भारतीय की 39 पत्नियां

भारत के मिजोरम में 39 पत्नियों के साथ रहने वाले जिओना चना।
भारत के मिजोरम में 39 पत्नियों के साथ रहने वाले जिओना चना।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मुस्लिम पर्सनल लॉ की समीक्षा करने की जरूरत बताते हुए टिप्पणी की है। इसके बाद ये बहस शुरू हो गई है कि क्या बहु विवाह प्रथा पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसको लेकर अलग-अलग लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के उन लोगों के बारे में जिन्होंने काफी संख्या में महिलाओं से शादी की। आपको बता दें कि भारत के अलावा दुनिया के कुछ हिस्सों में यह अब भी लीगल है, जबकि कई जगहों पर बैन किया जा चुका है।
मिजोरम: 70 साल के शख्स रहते हैं 39 पत्नियों के साथ
भारत के मिजोरम में रहने वाले जिओना चना 39 पत्नियों के साथ जिंदगी जीते हैं। उनके 94 बच्चे भी हैं। जबिक 14 बहू और 33 पोते भी उन्हीं के साथ रहते हैं। वे 100 कमरों वाले घर में रहते हैं। जिओना बारी-बारी से अपने कमरे में पत्नियों के साथ रहते हैं। कई रिपोर्टों में उन्हें दुनिया के सबसे बड़े फैमिली का हेड भी बताया गया है। वे मिजोरम के बकट्वांग गांव में रहते हैं। जिओना की उम्र अब करीब 70 साल हो गई है। एक तस्वीर में दिखाया गया है कि उनके कमरें में कई बेड लगाए गए हैं।

अब प्लेन भी मेड इन चाइना: चीन ने बनाया पहला पैसेंजर एयरक्राफ्ट, मिले 517 ऑर्डर

सोमवार को पब्लिक डिस्प्ले में चीन का पहला होममेड पैसेंजर प्लेन।
सोमवार को पब्लिक डिस्प्ले में चीन का पहला होममेड पैसेंजर प्लेन।
बीजिंग. अब दुनिया में मेड इन चाइना प्लेन भी नजर आ सकते हैं। चीन ने पहला होममेड पैंसेंजर एयरक्राफ्ट बना लिया है। सोमवार को शंघाई में पहली बार C919 पैसेंजर प्लेन को जनता के सामने पेश किया गया। इसे सरकारी संस्थान कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना लिमिटेड (कोमेक) ने बनाया है। कोमेक ने बताया कि उसे देश और विदेश से 21 क्लाइंट्स ने 517 एयरक्राफ्ट बनाने के ऑर्डर मिले हैं। थाइलैंड सिटी एयरवेज ने 10 प्लेन का ऑर्डर दिया है। चीन की इस छलांग से दुनिया की शीर्ष पैसेंजर प्लेन बनाने वाली कंपनीज बोइंग और एयरबस की चिंता बढ़ सकती है। 
 
क्या है खासियत?
 
> इसमें एक बार में 168 लोग सफर कर सकते हैं। इसकी स्टैंडर्ड फ्लाइट रेंज 4075 किलोमीटर है।
> इसके दो वेरिएंट होंगे। पहला वेरिएंट 4075 किमी, दूसरा 5555 किमीं फ्लाइट रेंज का है।
> इसकी लोडिंग कैपिसिटी 20.4 मीट्रिक टन और मैक्सिमम फ्लाइट हाइट 39, 800 फीट है।
> चीन इसका इस्तेमाल डोमेस्टिक एयरक्राफ्ट के तौर पर करेगा।
> कोमेक के प्रोजेक्ट की शुरुआत 28 अक्टूबर 2010 से की थी। 
 
अगले साल बनकर हो जाएंगे तैयार
 
C919 एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान अगले साल तक शुरू होने की संभावना है। तीन साल तक टेस्ट फ्लाइट करने के बाद 2019 में कमर्शियल यूज शुरू किया जाएगा। 
 
अभी इन देशों में बनते हैं पैसेंजर और कमर्शियल प्लेन
 
देश कंपनी
अमेरिका बोइंग
फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूके एयरबस
ब्राजील
एम्ब्रेयर
कनाडा बॉम्बार्डियर
चेक रिपब्लिक लेट कूनोवाइस
फ्रांस, इटली एटीआर
जापान मित्सुबिशी
रशिया यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन
यूक्रेन एंतोनोव
 
चीन की फ्यूचर प्लानिंग 
 
चीन की इस छलांग से दुनिया की शीर्ष पैसेंजर प्लेन बनाने वाली कंपनीज बोइंग और एयरबस की चिंता बढ़ सकती है। फिलहाल, इंटरनेशनल मार्केट पर इन दोनों ही कंपनियों का बड़ा शेयर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन डोमेस्टिक पैसेंजर प्लेन बनाकर एयरबस और बोइंग पर डिपेंडेंसी कम करना चाहता है।
 
50 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
 
C919 पर हुए खर्च के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन बैंक ऑफ चाइना के मुताबिक, उसने कोमेक को एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट्स के लिए 7.9 बिलियन डॉलर (50 हजार करोड़ रुपए) का फंड दिया था।
 
इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट बना चुका है चीन

इससे पहले चीन ने दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक पैसेंजर एयरक्राफ्ट भी इसी साल जून में बनाया था। इस प्लेन का बीएक्स1ई 14.5 मीटर विंगस्पैन अैर मैक्जिमम पेलोड 230 किलोग्राम वजनी थी। 
 
एविएशन में चीन की प्लानिंग
 
> चीन कंपनी कोमेक छोटे रीजनल जेट भी डेवलप कर रही है। हालांकि यह प्रोजेक्ट अपने तय शेड्यूल से करीब एक साल पीछे चल रहा है।
> यह 70 से 80 सीट का प्लेन होगा। इसकी टेस्ट फ्लाइट्स जारी है। कुछ कमियों की वजह से इसे यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिकी एयर स्पेस में ऑपरेशन की इजाजत नहीं दी है।
> इसके अलावा चीनी कंपनी एक विशाल एयरक्राफ्ट C929 बनाने की तैयारी में है। इसमें वह रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्प की मदद ले रही है।
> इसके लिए चीन एक नया एयरो इंजन डेवलप कर रहा है। जिसे बड़े सिविल एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल किया जाएगा।

नई दिल्ली में 7 दिसंबर को होगा देशव्यापी प्रदर्शन पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के गठन की मांग करेंगे बुलंद

नई दिल्ली में 7 दिसंबर को होगा देशव्यापी प्रदर्शन
पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के गठन की मांग करेंगे बुलंद
मीडिया काउंसिल और मीडिया आयोग की जताई जरूरत
देशभर में पत्रकारों की हत्याओं पर जताया आक्रोश
नई दिल्ली 2 नवंबर 2015:- नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की अगुवाई में आगामी 7 दिसंबर को पत्रकार सुरक्षा अधिनियम की गठन की मांग को लेकर देशभर के पत्रकार संसद का घेराव करेंगे। सोमवार 2 नंवबर, 2015 को एनयूजे के जंतर मंतर स्थित कार्यालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह घोषणा की गई। इस मौके पर प्रस्तावित घेराव का पहल पोस्टर भी जारी किया गया। इंटरनेशनल फैडरेशन आफ जर्नलिस्ट्स (ब्रूसेल्स) के अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम ‘‘यून डे टू एंड-ईम्पयून्टिी एगेस्ट जर्नलिस्ट्स‘‘ के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए बैठक में निर्णय लिया गया 2 नवंबर से 23 नवंबर, 2015 तक एनयूजेआई की सभी राज्य इकाईयां प्रदेश तथा जिला स्तर पर ज्ञापन देकर पत्रकारों की हत्याओं, शोषण और छंटनी के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन दिया गया।
बैठक में एनयूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासविहारी, महासचिव रतन दीक्षित, कोषाध्यक्ष दधिबल यादव, भारत सरकार की प्रेस एसोसिएशन के सचिव मनोज वर्मा, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के महासचिव आनंद राणा,एनयूजे कार्यकारिणी के सदस्य मनोज मिश्र, प्रमोद मजूमदार, मनोहर सिंह, के अलावा वरिष्ठ पत्रकार राकेश आर्य, अशोक किंकर, संजीव सिन्हा, पवन भार्गव ने अपने विचार रखे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रासविहारी ने पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के गठन को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि आज देश भर में पत्रकारों की हत्या और जानलेवा हमलों की वारदाते बेतहाशा बढ़ती जा रही हैं। पत्रकारों में असुरक्षा का महौल व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन की मांग भी संसद घेराव के दौरान पुरजोर ढंग से उठाई जाएगी। महासचिव रतन दीक्षित ने कहा कि इस प्रर्दशन में देशभर से करीब दो हजार पत्रकार हिस्सा लेगें। उन्होंने ‘‘एंड-ईम्पयून्टिी‘‘ में एनयूजे आई की भागीदारी का खाका पेश करते हुए बताया कि सभी राज्य इकाइयां संबंधित राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर पत्रकार सुरक्षा के लिए आवाज बुलंद करेंगी। ज्ञापन जिला स्तर पर भी दिया जाएगा। डीजेए महासचिव आनंद राणा ने संसद के घेराव और ‘‘यून डे टू एंड-ईम्पयून्टिी एगेस्ट जर्नलिस्ट्स‘‘ कार्यक्रम को लेकर चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी सोशल मीडिया कंपैन की प्रगति पर रिपोर्ट बैठक में रखी। बैठक में निर्णय लिया गया की आगामी एक महीने के दौरान राजनैतिक दलों, सांसदों और सामाजिक और श्रमिक संगठनों को पत्रकारों से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।

क़ुरआन का सन्देश

  
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