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04 नवंबर 2015

सूडान में टेकऑफ के कुछ देर बाद प्लेन क्रैश, 8 माह का बच्चा जिंदा बचा, 42 की मौत

जुबा. साउथ सूडान में बुधवार एक प्लेन टेक ऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गया। इस रुसी कार्गो प्लेन के हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 8 माह का एक बच्चा समेत 3 लोग बच गए। जिंदा बचने वालों में एक महिला और पायलट है। प्लेन में 45 लोग सवार थे। प्लेन ने जुबा एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद वह नील नदी के किनारे गिरा। जमीन पर इसकी चपेट में आने से किसी नागरिक की मौत की खबर नहीं है।
क्रैश की वजह ओवरलोडिंग?
> साउथ सूडान ट्रिब्यून के मुताबिक, मौके पर मौजूद एक्सपर्ट ने क्रैश के पीछे ओवरलोडिंग या तकनीकी खामी को जिम्मेदार ठहराया है।
> प्लेन जुबा एयरपोर्ट से 800 मीटर की दूरी पर क्रैश हो गया।
> लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 7 बच्चे व एक महिला शामिल है।
> चश्मदीदों का कहना है कि क्रैश साइट पर 40 से ज्यादा शव बिखरे पड़े हैं।
नदी किनारे फैला मलबा
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, हादसा जुबा एयरपोर्ट के पास व्हाइट नील नदी के पास हुआ। चश्मदीदों का कहना है कि जुबा एयरपोर्ट से टेक ऑफ करने के कुछ ही देर बाद प्लेन क्रैश कर गया। प्लेन का मलबा नदी किनारे बिखरा पड़ा है। इसकी तस्वीर भी सामने आई है। साउथ सूडान ट्रिब्यून के मुताबिक, यह एक कार्गो प्लेन था। इसमें पांच रूसी क्रू मेंबर समेत सात लोग सवार थे। ट्रिब्यून ने भी दो के जिंदा होने की जानकारी दी है।
कहां है साउथ सूडान?
साउथ सूडान दुनिया के सबसे नए देशों में एक है। यह अफ्रीकी महाद्वीप के सेंटर में स्थित है और छह देशों की सीमा से सटा हुआ है। नेचुरल ऑयल के लिहाज से यह एक संपन्न देश है। 2011 में सूडान से अलग होने के बाद यहां गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। यह दुनिया के सबसे कम विकसित इलाकों में शामिल है।

13 साल की लड़की रेप के बाद मां बनी, रिपोर्ट हुई तो समाज ने किया जाति से बाहर

डेमो फोटो
डेमो फोटो
रायपुर. शहर के आरंग के पास रीवां गांव में 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। खुलासा होने पर समाज के कुछ ठेकेदारों ने फैसला दिया कि पीड़िता दुष्कर्मी के साथ उसकी दूसरी पत्नी बनकर रहे। बच्ची बिन ब्याही पत्नी बनकर दुष्कर्मी के साथ रहने लगी। इस फैसले के बाद उस पीड़िता के साथ रोजाना दुष्कर्म होने लगा। इस बीच उसने एक बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता का यह भी आरोप है कि इस बच्ची को दुष्कर्मी की पत्नी ने जमीन पर पटककर मारने की कोशिश की। पीड़िता ने रिपोर्ट लिखाई। समाज ने दबाव डाला कि रिपोर्ट वापस नहीं ली, तो जात से बाहर कर दिया जाएगा।
आरोपी का नाम गोवर्धन (25) है। उसने पीड़ित बच्ची को खेत में बहलाकर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब गर्भ का पता चला, तो पीड़िता के घरवाले समाज के पास गए। समाज के तथाकथित प्रमुख लोगों ने फैसला दिया कि चूंकि बच्ची मां बनने वाली है, लिहाजा उसे दुष्कर्मी की पत्नी के रूप में उसके साथ रहना होगा। आरोपी गोवर्धन की शादी पहले ही हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी हैं। अब गोवर्धन ने बच्ची को घर के बाहर कोठार में रहने की जगह दे दी। इसी में ही पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया।
पीड़िता कहती है कि दो माह के बच्चे को गोवर्धन की पत्नी ने गुस्से में आकर जमीन पर पटक दिया, जिससे बच्ची का पैर टूट गया। बच्ची ने अपने घरवालों को सारी बात बताई। घरवालों ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई और गोवर्धन को गिरफ्तार किया। अब समाज वालों ने पीड़िता के माता-पिता पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि समाज का मामला है, रिपोर्ट वापस लो। ऐसा नहीं करने पर उनका हुक्कापानी बंद कर दिया गया और बहिष्कृत कर दिया गया। बाल आयोग की मदद से फिलहाल बच्ची बालिका गृह और उसकी 6 महीने की बेटी रायपुर के एक अडॉप्शन सेंटर में है। इस मामले में जब समाज के प्रमुखों से बात करने की कोशिश की, तो कोई सामने नहीं आया।
13 साल की पीड़िता का दर्द
मैं छेना लेकर जा रही थी, वह मुझे खेत में ले गया। मेरे साथ जबरदस्ती की। इसके बाद सब लोगों ने कहा कि अब मैं उसकी पत्नी बन गई हूं। मेरी शादी नहीं हुई, लेकिन मैं पत्नी बन गई। मेरी सौत मुझे मारती थी। मेरा पति गंदा आदमी है, मैं उसे पति नहीं बनाउंगी।
परिवार ने कहा हमें काम नहीं देते
जून 2014 में बच्ची से दुष्कर्म हुआ। रिपोर्ट लिखवाने के बाद परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया। समाजवाले कहते हैं कि जब तक समझौता नहीं होगा काम नहीं मिलेगा। पीड़िता की दो छोटी बहनों से भी दुष्कर्म करने की धमकी दी जा रही है।
शिकायत मिली तो हमने कार्रवाई की
परिवार ने हमें बताया कि समाज के लोग उसे धमकी दे रहे हैं कि रिपोर्ट वापस नहीं ली, तो पीड़ित बच्ची की दोनों छोटी बहनों के साथ भी ऐसा ही होगा। हमने कार्रवाई की और पीड़िता व उसकी बच्ची को सही जगह पहुंचाया।'' - शताब्दी पांडे, अध्यक्ष, बाल संरक्षण अधिकार आयोग
इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी
सरकार पीड़ित बच्ची की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक की व्यवस्था करे। नवजात को गोद लेने में मदद करे। समाज ऐसे मामलों में अपनी भूमिका के बारे में सोचे।

क़ुरआन का सन्देश

 
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