तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 नवंबर 2015
एक असलम जिसकी क़लम के बाउन्सर से सारे भ्रस्ट लोगों में हड़कम्प था
दोस्तों एक असलम जो शेर था ,,,,,,एक असलम जिसकी क़लम के बाउन्सर से सारे
भ्रस्ट लोगों में हड़कम्प था ,,एक असलम जो शेर की तरह अपनी बाउंसर पत्रिका
में दहाड़ते थे ,,एक असलम जिन्होंने साप्ताहिक समाचार पत्र को विकट
परिस्थितियों में भी प्रिंट मिडिया में दैनिक समाचार पत्रो के मुकाबले ऐसी
पहचान दी ,,,जिसके प्रकाशन का ,,जिसकी खबरों का लोग बेसब्री से इन्तिज़ार
करते थे ,,हालात कुछ ऐसे के असलम शेर की इस दहाड़ को पढ़ने के लिए लोग अख़बार
पर झपट्टा मारकर पढ़ना चाहते थे ,,एक ऐसा पत्रकार जिसने पत्रकारिता
की खबरों के मामले में बेहिसाब मुक़दमे झेले ,,जिनके खिलाफ सत्ता का
दुरूपयोग कर कई नेताओ ने बदले की भावना से करवाहिया करवाई ,,लेकिन यह शेर
डटा रहा ,,दहाड़ता रहा और इनकी खबरों से कई दर्जन अधिकारी ,,कर्मचारी
निलंबित हुए ,,कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पढ़ा ,,तो कई नेताओं के चुनाव
इनकी खबरों ने प्रभावित किये ,,,,कई नेताओ की जीती हुई बाज़ी हार में बदलने
में इनकी क़लम की ताक़त का सबने लोहा माना है ,,,आज भी इनकी क़लम की दहाड़ के
कारण कई खबरों पर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में मुक़दमे दर्ज होकर जाँचे चल
रही है ,,,,दोस्तों अफ़सोस के साथ लिखना पढ़ रहा है के इस असलम के शेर की
तरह दहाड़ने वाली क़लम अब हम ना पढ़ सकेंगे ना सुन सकेंगे ,,,,,कुल्लो नफ़सून
ज़ायक़ायतुल मोत ,,हर इंसान को मोत का मज़ा चखना है ,,इसी सच को स्वीकार कर
असलम शेर निर्भीक होकर दहाड़ते थे ,,,,,लेकिन दोस्तों कल शाम को असलम शेर ने
किसी खबर के मामले में मुझ से फोन पर बात की और सुबह अचानक मेरे पत्रकार
साथी के डी अब्बासी से खबर मिली के असलम शेर कल रात सोने के बाद साइलेंट
अटैक होने से हमारे बीच नहीं रहे ,,इन्ना लिल्लाहि व् इन्ना इलैहे राजेऊन
,,,,,ऐ अल्लाह तेरी अमानत थी तेरी सुपुर्दगी में सौंप दी है ,,,एक
साप्ताहिक समाचार पत्र के ज़रिये अपनी क़लम के नियमित जोहर दिखाने वाली इस
शख्सियत के तेवर हमेशा शेर की तरह से रहे ,,,कभी किसी के आगे नहीं झुकना
,,बढ़े बढ़े नेताओ ,कद्दावर लोगों से आमने सामने की लड़ाई लड़ना इनका शेर जैसा
स्वभाव था ,,इनकी क़लम शुरू में चमचे चापलूस लोगों को चाहे पसंद न आती हो
लेकिन वोह भी चोरी चोरी चुपके चुपके इनके अख़बार को मंगा कर पढ़ते और सोचते
के जो खबरे प्रकाशित हो रही है उन्हें रुकवा दी जाए ,,लेकिन ऐसे लोगों के
सभी प्रयास इस शेर के आगे नाकाम साबित होते थे ,,,बिना किसी सरकारी मदद के
पच्चीस सालो से एक साप्ताहिक अख़बार का नियमित प्रकाशन कोई मामूली बात नहीं
,,मियमित प्रकाशन ,,नियमित वितरण ,और अख़बार में लेखनी ऐसी के समाचार पत्र
अगर वितरित होने में थोड़ी भी देरी हो जाए तो लोग इस अख़बार को तलाशते नज़र
आते थे ,,,ऐसे असलम शेर जिसने पत्रकारिता को एक नियमतीकरण की नई दिशा ,,नए
तेवर दिए ,,निर्भीकता की एक मिसाल पेश की ,,ऐसे पत्रकार के अचानक निधन पर
पत्रकार समाज स्तब्ध है ,,आज कोटा किशोरपुरा स्थित उनके निवास से अधरशिला
चंबल गार्डन क़ब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ऐ ख़ाक किया गया ,,,,असलम शेर के
स्वेम की फातेहा कल सुबह किशोरपुरा स्थित ईदगाह के पास मस्जिद में रखे गए
है ,,,एक जांबाज़ शेर दिल पत्रकार को एक बार फिर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
टीपू सुल्तान के वंशज ने कहा PM दें दखल, BJP बोली- कर्नाटक में मार्च करें सोनिया
हिंदूवादी संगठनों ने कर्नाटक में टीपू सुल्तान पर बयान देने वाले गिरीश कर्नाड के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया।
बेंगलुरु/मैसूर. कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को
लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पूरे विवाद में गुरुवार को टीपू सुल्तान के
वंशज ने पीएम नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग की है। टीपू सुल्तान के
वंशज अनवर शाह ने कहा, ''टीपू सुल्तान के इतिहास को खराब करने के लिए
जानबूझकर ये प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस कंट्रोवर्सी को खत्म करने के लिए
पीएम दखल देें।'' इधर, बीजेपी ने कर्नाटक में हालिया झड़प के लिए कर्नाटक
की सरकार और कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी पर निशाना साधा है। बीजेपी
प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ''कांग्रेस शासित राज्य में पिछले तीन दिनों
से माहौल खराब है। तीन लोगों की मौत हो चुकी है। दो जानेमाने लोगों को जान
से मारने की धमकी दी गई है। क्या सोनिया गांधी कर्नाटक में भी जाकर मार्च
करेंगी? '' बता दें कि इन्टॉलरेंस पर कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च
किया था।
कर्नाटक बंद का एलान
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी ) ने एलान किया है कि वे शुक्रवार
को कर्नाटक बंद रखेंगे। बता दें कि झड़प में एक वीएचपी मेंबर की जान चली गई
थी।
कर्नाड को धमकी, कहा- उनका भी हाल कलबुर्गी जैसा होगा
इससे पहले, कर्नाड को धमकी दी गई कि उनका भी वही हाल होगा, जो कन्नड़
लेखक एमएम कलबुर्गी का हुआ था। बता दें कि कलबुर्गी की अगस्त में हत्या कर
दी गई थी। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कर्नाड ने धमकी मिलने के बाद अपने
बयान पर माफी मांग ली। दरअसल, कर्नाटक सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मना
रही है। वहीं, हिंदूवादी संगठन इसके विरोध में हैं।
किसने दी बीजेपी सांसद को धमकी?
मैसूर-कोडागू से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा को फेसबुक पर ‘मैसूर हूली
शाहिद मिल्लत महान टीपू सुल्तान भारतीय मुस्लिम’ नाम के संगठन की ओर से
धमकी दी गई है। पुलिस में की गई शिकायत में सिम्हा ने कहा है कि संगठन ने
झड़प में मारे गए वीएचपी मेंबर कुट्टापा की फोटो के साथ उनकी फोटो पोस्ट की
है। इसमें कहा गया है कि उन्हें सोचना चाहिए कि उनकी भी मौत ऐसे ही न हो।
सिटी पुलिस कमिश्नर से मिलकर इस मामले में सांसद ने विजयनगर पुलिस स्टेशन
में शिकायत दर्ज कराई।
कर्नाड ने क्या दिया था बयान?
> कर्नाड ने कहा था कि अगर टीपू सुल्तान हिंदू होते तो उनका भी कद मराठा शासक छत्रपति शिवाजी की तरह होता।
> कर्नाड ने मांग की थी कि बेंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाए। बता दें कि फिलहाल इस एयरपोर्ट का नाम विजयनगर के शासक रहे केंपेगौड़ा के नाम पर है।
> कर्नाड ने मांग की थी कि बेंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाए। बता दें कि फिलहाल इस एयरपोर्ट का नाम विजयनगर के शासक रहे केंपेगौड़ा के नाम पर है।
> गिरीश कर्नाड का तर्क था कि केंपेगौड़ा टीपू सुल्तान की तरह फ्रीडम फाइटर नहीं थे।
अब मांगी माफी
> कर्नाड बयान पर कई हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई थी।
> इस बयान को हिंदू और वोक्कालिगा समुदाय का अपमान बताते हुए बेंगलुरु पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
> बुधवार को बेंगलुरु में एक बयान जारी कर कर्नाड ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा, वह उनकी निजी राय थी। उन्होंने कहा, ''इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। अगर किसी को इससे दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगता हूं।''
क्यों है विवाद?
> कर्नाटक सरकार 18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू
सुल्तान की 265वीं जयंती मना रही है। बीजेपी से जुड़े संगठन आरएसएस और
वीएचपी इसका विरोध कर रहे हैं।
> टीपू को आरएसएस ने सबसे इन्टॉलरेंट शासक करार दिया है।
टीपू की जयंती मनाए जाने के विरोध में आरएसएस और तमाम हिंदू संगठन कर्नाटक
में प्रदर्शन कर रहे हैं।
> कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के आरएसएस नेता वी.
नागराज का दावा है कि टीपू सुल्तान ऐसा शासक था, जिससे कर्नाटक के लोग नफरत
करते थे। उसने चित्रदुर्गा, मंगलोर और मध्य कर्नाटक के लोगों पर जुल्म
ढाया था।
मरने वालों की संख्या तीन हुई
इस बीच, 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती पर कर्नाटक के कुर्ग में
हुई झड़प में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। गुरुवार को साहिल अहमद
नाम के शख्स ने हॉस्पिटल में दम तोड़ा। झड़प के दौरान उसके सिर पर चोट लगी
थी। जयंती मनाने के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 10 नवंबर को हुई हिंसा में
वीएचपी के एक सदस्य की मौत हो गई थी।अगर वोह देश की भावना के अनुरूप धर्मनिरपेक्षता बरक़रार रखने के लिए अढ़ते
भारत देश के जाने माने शिक्षाविद ,,पंडित जवाहरलाल नेहरू के अभिन्न मित्र
संकट मोचक रहे मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद के जन्म दिन पर अगर वोह देश की
भावना के अनुरूप धर्मनिरपेक्षता बरक़रार रखने के लिए अढ़ते ,,अगर वोह उनके
समाज के पिछड़े ,,दलित लोगों के साथ सियासी ,,मज़हबी नाइंसाफी के खिलाफ बोलते
,,अपने विलासिता भोगी जीवन को ठुकरा कर मंत्री पद छोड़ते तो में भी आज
उन्हें श्रद्धा से याद करता ,,लेकिन मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद की एक खामोशी
,,एक मोन समर्थन के कारण उनकी ही अपनी कॉम ,,उनके अपने मज़हब के लोग आज इस
मुल्क में पिछड़ गए है ,,उनके हक़ को उन्हें एक विशिष्ठ समाज का बताकर छीन
लिया गया है ,,और यह सब मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद की मौजूदगी में हुआ जिसका
ज़हर आज भी इस कॉम को पिछड़ा बनाये हुए है ,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर
रहा हूँ आज़ाद भारत में पिछड़े समाजो और कर्मकारो को आर्थिक पिछड़ेपन से
उबारने के पैकेज की ,,,आज़ाद भारत में काका केलकर से समाज और दस्तकारों के
बारे में सर्वेक्षण करवाया गया ,,,काका केलकर ने कहा के हमारे देश में कुछ
ट्राइबल एरिये और कुछ दस्तकार जैसे ,,,मांस का व्यवसाय करने वाले ,,चमड़े
का व्यवसाय करने वाले ,,,,कपडा बुनने वाले ,,कपड़ा रंगने वाले ,,कपड़े धोने
वाले सहित कई दस्तकार को पिछड़ा बताकर उन्हें विशेष पैकेज या योजना देकर
आर्थिक उत्थान की सिफारिश की गई ,,,,,,,राजस्थान में टोंक ,,बीकानेर
,,जैसलमेर ,,बाड़मेर ,,बिहार ,,उत्तरप्रदेश ,,कर्नाटक सहित कई स्थानो पर
अल्पसंख्यक समाज के लोग ट्राइबल थे उन्हें ट्राइबल में शामिल नहीं किया
गया ,,कोई बात नहीं लेकिन जब काका केलकर की रिपोर्ट के तहत पिछड़े लोगों के
कामकाज करने वालों को आरक्षण की बात आई तो ,,उस वक़्त उन्नीस सो इक्यावन
में परिपत्र जारी कर मांस का व्यवसाय करने वाले ,,कपड़े बुनने वाले ,, कपड़े
धोने वाले ,,रंगने वाले सहित कई दस्तकारों को आरक्षण देकर उनके आर्थिक और
सामाजिक उत्थान की बात की गई ,,हमारा देश धर्मनिरपेक्ष था ,,संविधान में
सभी को समानता का अधिकार था ,,धर्म मज़हब के आधार पर किसी पक्षपात पर
संवेधानिक पाबंदी थी लेकिन दोस्तों उस वक़्त काका केलकर की रिपोर्ट को आधार
बनाकर सभी दस्तकारों को आरक्षित सूचि में डाला गया ,,लेकिन अफ़सोस इन मौलाना
अबुल कलाम आज़ाद की मौजूदगी में इस परिपत्र में विशेष नोट अंकित किया गया
जिसमे लिखा गया केवल हिन्दुओ के लिए ,,तो जनाब हमारे खटीक भाई आरक्षित हो
गए ,,कुरैशी समाज के लोग इसका लाभ इसी व्यवसाय से जुड़े होने के बाद भी नहीं
ले सके ,,,कपड़ा बुनने वाले जुलाहे ,,अंसारी इसका लाभ नहीं ले सके जबकि
हमारे कोली समाज के भाई इससे लाभान्वित हुए ,,इसी तरह धोबी ,,नट ,,रंगरेज़
सहित कई दस्तकारों में येह पक्षपात हुआ काम एक सामाजिक दरिद्रता की स्थिति
एक लेकिन मुस्लिम समाज को आरक्षण से अलग रखा गया ,,उस वक़्त काका केलकर ने
इस परिपत्र में नाइंसाफी का विरोध किया लेकिन मौलाना अबुल कलाम आज़ाद उनके
इतने ऊँचे ओहदे पर होने के बाद भी खुद का बचाये रखने के लिए उनकी कॉम के
लोगों के साथ हुई नाइंसाफी पर चुप्पी साध गए ,,उन्होंने कोई विरोध नहीं
किया और आज अब्दुल कलाम आज़ाद की इस चुप्पी की सज़ा पुरे समाज के पिछड़ेपन को
भुगतना पढ़रही है ,,,काका केलकर ,,,,वेंकटचलैया ,,नीलम संजीव रेड्डी
,,,रंगनाथ मिश्र सहित कई लोगों ने इस नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाई है लेकिन
मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद खामोश बने रहे ,,बाद में इस परिपत्र में सिक्ख
,,ईसाई ,,बौद्ध जुड़े लेकिन मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद की इस चुप्पी की वजह से
आज भी देश का एक बढ़ा वर्ग नाइंसाफी के बोझ तले पिछड़ रहा है ,,ऐसे में में
इस कड़वे सच को जानता हूँ ,,देश का हर पढ़ा लिखा समाज इस कड़वे सच को जानता है
तो फिर कोई कारण नहीं के में इन्हे नमन करूँ ,,वैसे भी मेरी निजी राय है
के जब जब भी कोई मौलाना को कोई सियासी पद दिया है ,,उस मौलाना ने देश
,,समाज का तो भला नहीं किया हाँ समाज और कॉम की सौदेबाज़ी कर समाज और कॉम को
कमज़ोर ज़रूर किया है ,,क्योंकि सियासत करना मौलानाओ के बस की बात भी नहीं
होती ,,,,इनको तो बस शो पीस के रूप में रखकर इनके ज़रिये कॉम और कॉम मसाइलों
की सौदेबाज़ी ही होती है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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ये समझौते हुए:
>>लंदन में भारतीय रेलवे के लिए ‘रेलवे-रुपे बांड’ जारी करने का वादा।
>>गंगा सफाई और इंदौर, अमरावती और पुणे को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने में मदद का भरोसा।
>>...सबसे अहम-दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर।
कैमरन ने कहा-जो पहले हुआ, उस पर कानून अपना काम कर चुका है। अब वे विशाल जनादेश के साथ आए हैं।
मोदी ने कहा-मुझ पर पहले भी कोई प्रतिबंध नहीं था। मैं 2003 में भी यूके आया था। समयाभाव के कारण फिर नहीं आ सका।
जवाब में मोदी ने कहा-सवा सौ करोड़ लोगों के देश में एक घटना मायने रखती है या नहीं, मैं उसमें नहीं जाना चाहता। हर घटना गंभीर है। भारत वाइब्रंट डेमोक्रेसी है। यहां संविधान के तहत सामान्य से सामान्य नागरिक के जीवन को हर प्रकार की सुरक्षा, विचारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
भारत-ब्रिटेन मिलकर काम करेंगे : मोदी
दोनों देशों के बीच गुरुवार को छह करार किए गए। इनमें वोडाफोन के साथ किया गया समझौता भी महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन के कॉमर्स मिनिस्टर फ्रांसिस मौद ने लंदन में इसकी जानकरी दी। लंदन में पीएम मोदी और ब्रिटेन के बिजनेसमैन्स के साथ एक मीटिंग के बाद मौद ने कहा कि भारत के साथ छह करार हुए हैं। इनमें वोडाफान के साथ 1.98 अरब डॉलर का करार भी शामिल है। वोडाफोन समझौते के अलावा लाइटसोर्स , सोलर वोल्टिक एनर्जी जेनरेटर, इंटेलीजेंट एनर्जी, क्लीन एनर्जी और किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल समझौते भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने मीटिंग के बाद कहा कि सरकार भारत में बिजनेस करना आसान कर कर रही है। ऐसी नीतियां बनाई जा रही हैं ताकि हर काम में पारदर्शिता रहे।
लंदन पहुंचने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी ने सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की। पीएमओ ने एक ट्वीट किया, "ब्रिटेन यात्रा की शुरुआत लंदन में सिख समुदाय से मुलाकात के साथ हुई।” उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के नेताओं से औपचारिक मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने पंजाबी समुदाय के लोगों से मिलने का समय निकाला। पीएम के यहां के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री ह्यूगो स्वायर तथा भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनका काफिला जैसे ही जेम्स कोर्ट होटल में पहुंचा भारतीय समुदाय के लोगों ने खुशी का इजहार करते हुए उनका स्वागत किया।
इससे पहले, दो सौ से ज्यादा लेखकों ने इन्टॉलरेंस के मसले पर ब्रिटिश पीएम को लेटर लिखा है। लेटर के जरिए मांग की गई है कि कैमरन मोदी पर प्रेशर बनाएं, ताकि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी बची रहे। यह लेटर भेजने वालों में मशहूर लेखक सलमान रुश्दी, नील मुखर्जी और मैगी गिब्सन जैसी हस्तियां शामिल हैं। लेटर पेन इंटरनेशनल पर जारी हुआ है। इस बीच, जेम्स कोर्ट होटल के बाहर पहुंचते ही मोदी-मोदी के नारे लगे। पीएम ने सुरक्षा घेरा तोड़कर लोगों से हाथ भी मिलाया।
पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान ब्रिटिश सरकार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में एक डोजियर सौंपा जाएगा। इसमें दाऊद की लंदन स्थित संपत्ति का ब्यौरा दिया गया है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) अजीत डोभाल यह डोजियर ब्रिटिश सरकार को सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन से चर्चा के बाद दाऊद को पकड़ने की जिम्मेदारी वहां की खुफिया एजेंसी 'नेशनल क्राइम एजेंसी' को दी जा सकती है। डॉक्युमेंट्स के अनुसार, मोस्ट वॉंटेड दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की ब्रिटेन में 15 प्रॉपर्टी है, जिसकी कीमत करीब 1500 करोड़ रुपए है।
दाऊद के साथ ही डोभाल खालिस्तानी आतंकवाद से जुड़ा डोजियर भी ब्रिटिश अथॉर्टी को देंगे। इसमें ISI की मदद से चलाए जा रहे खालिस्तानी आतंकवाद का जिक्र है। ब्रिटेन में कुछ सिख संगठन हैं जो वहां भारत विरोधी गतिविधियों में लगे हैं। इन्हें ISI का समर्थन मिला हुआ है। ये खालिस्तानी आतंकी यहां रेडियो स्टेशन और सोशल मीडिया के जरिए ब्रिटेन में रह रहे युवाओं को आतंक की राह पर ले जा रहे हैं।
कैमरन के घर ठहरे हैं पीएम, सुबह दोनों करेंगे योग
पीएम मोदी ब्रिटेन के पीएम के सरकारी आवास 'चेकर्स' भी रुके हैं। मोदी यहां रातभर रहेंगे। सुबह दोनों (मोदी-कैमरन) का एक साथ योग करने का प्रोग्राम है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच डिफेंस, इन्वेस्टमेंट और क्लाइमेट चेंज को लेकर बातचीत होगी।
बकिंघम पैलेस में शुक्रवार को महारानी एलिजाबेथ ने मोदी के सम्मान में भोज रखा है। इसके बाद मोदी वेम्बले स्टेडियम में भाषण देंगे। फिर टाटा की जगुआर लैंड रोवर फैक्ट्री का दौरा करेंगे। शनिवार को वे लंदन में आंबेडकर हाउस का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। अंत में 12वीं सदी के महान दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
ब्रिटेन में मोदी एंट्री पर था बैन
- 2002 के गुजरात दंगों के बाद ब्रिटेन ने मोदी की एंट्री पर 10 साल तक बैन लगाए रखा। इसके बाद वे कैमरन ही थे जिन्होंने 2012 में मोदी की एंट्री से बैन हटाया।
- मोदी पहले चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग यूके दौरे पर थे। उन्होंने 62 अरब डॉलर के करार किए।
- मोदी 15 अरब डॉलर की डील कर सकते हैं। इस मामले में मोदी भले ही जिनपिंग से पिछड़ जाएं लेकिन ब्रिटेन जोरशोर से उनके वेलकम में लगा है।
- वेम्बले की स्पीच हो या क्वीन एलिजाबेथ के साथ लंच, लगभग हर प्रोग्राम में कैमरन मोदी के साथ ही रहेंगे।
भारत-यूके के लिए क्यों मायने रखता है यह दौरा?
- टीम मोदी ने इस दौरे की जबरदस्त तैयारी की है। फोकस यूके के साथ रिश्ते मजबूत करने के अलावा इंडियन कम्युनिटी पर भी है।
- ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, यूके के पीएम डेविड कैमरन भी हाल ही में हुए चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के दौरे से ज्यादा तवज्जो मोदी के दौरे को दे रहे हैं।
- 18 अरब डॉलर का ट्रेड भारत-यूके के बीच है।
- 15 लाख भारतीय ब्रिटेन में रहते हैं।
18 महीने में मोदी का 30वां विदेश दौरा
- मनमोहन सिंह 2004 से 2014 के बीच प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 10 साल में 40 देशों के कुल 70 से ज्यादा दौरे किए।
- यूपीए-1 की सरकार के वक्त 30 और यूपीए-2 की सरकार के वक्त उन्होंने 40 विदेश दौरे किए।
- 640 करोड़ रुपए का खर्च सिर्फ सिंह के विदेश दौरे पर आया। यह खुलासा तमिलनाडु के अारटीआई कार्यकर्ता डेनियल जेसुदास की अर्जी के जवाब में हुआ था। सिंह ने 15 विदेश दौरे ऐसे समय किए थे, जब संसद सत्र चल रहा था।
- वहीं, मोदी 18 महीने में 29 देशों के दाैरे कर चुके हैं।
- इनमें 16 शुरुआती विदेश दौरों का खर्च 37 करोड़ रुपए आया था।
- यही रफ्तार रही तो मोदी 5 साल में कम से कम 60 विदेश दौरे कर चुके होंगे।