पेरिस. फ्रांस की राजधानी में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद फिर
से फायरिंग और धमाके हुए हैं। इस बार धमाके पेरिस के पास बेग्नोलेट में हुए
हैं। पुलिस चार संदिग्ध लोगों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि इनके
पास काफी एक्सप्लोसिव है। ये हमले पेरिस में हुए उन हमलों के करीब 12 घंटे
बाद हुए हैं जिनमें 128 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। 300 लोग
घायल हैं। 80 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुंबई जैसा है पेरिस अटैक
पेरिस में इस बार हमला मुंबई के 26/11 अटैक जैसा है। आतंकियों ने पहले
लोगों को बंधक बनाया और फिर रेस्टोरेंट, फुटबॉल स्टेडियम जैसे पब्लिक
प्लेस पर हमला किया। पेरिस में हमला करने आए आतंकी आईएसआईएस के स्लिपर सेल
से थे। आईएसआईएस का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आतंकी कह रहे हैं कि
वे फ्रांस को चैन से नहीं जीने देंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति भी थे निशाने पर
भारतीय वक्त के मुताबिक, आतंकियों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी
रात पेरिस में सात अलग-अलग जगहों पर हमला किया। जमकर फायरिंग हुई। सीरियल
ब्लास्ट भी हुए। अब तक 128 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। सैकड़ों
घायल हैं। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में 150 से अधिक लोगों के मारे
जाने का दावा किया जा रहा है। फ्रांस के कमांडोज ने आठ हमलावरों को मार
गिराया। इनमें सात सुसाइड बॉम्बर्स थे। इस बीच, लोकल मीडिया ने दावा किया
है कि नेशनल स्टेडियम के बाहर धमाका करने वाले हमलावर फ्रांस के राष्ट्रपति
फ्रांसुआ ओलांद को निशाना बनाने वाले थे।
आईएसआईएस के वीडियो में क्या है?
शनिवार को आईएसआईएस का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कहा जा रहा है
कि आतंकी संगठन फ्रांस को चैन से नहीं जीने देगा। हालांकि, वीडियो कब का
है, इसका पता नहीं चला है। संगठन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह
प्री-प्लान्ड अटैक था। इसके लिए रेकी की थी। आईएसआईएस ने धमकी देते हुए
कहा है, ''अगर बमबारी जारी रही तो फ्रांस चैन से नहीं बैठ पाएगा। यहां तक
कि फ्रांस के लोग बाजार जाने भी डरेंगे।'' बता दें कि फ्रांस अमेरिका के
साथ सीरिया-इराक में आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए है।
राहत : पेरिस के नेशनल स्टेडियम के बाहर दो जोरदार धमाके हुए।
स्टेडियम के अंदर फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांसुआ ओलांद 80 हजार लोगों के
साथ फ्रांस-जर्मनी का मैच देख रहे थे। आतंकी अंदर नहीं घुस पाए। नहीं तो 80
हजार लोगों की जान खतरे में होती। फ्रेंच मीडिया के मुताबिक, स्टेडियम के
बाहर हमले के मायने ये हैं कि फ्रांस के प्रेसिडेंट ही
आतंकियों के निशाने पर थे।
आफत : सबसे ज्यादा मौतें बाताक्लां म्यूजिक हॉल में हुईं। यहां
आतंकियों ने 100 लोगों को बंधक बनाया था। जवाबी कार्रवाई के बाद 120 लोगों
की मौत हुई।
मोदी ने यूके में पेरिस हमले को लेकर ये कहा
'कल पेरिस पर जो हुआ मानवता पर हमला हुआ। यह हमला फ्रांस की नागरिकों पर
नहीं बल्कि मनावता पर है। मानवतावादी विचारों पर है। मानवता में विश्वास
करने वाली सभी शक्तियों को एकजुट होकर ऐसी घटनाओं की निंदा करनी होगी। सबको
अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यूनाइटेड नेशंस अब समय न बिताएं। यूएन
टेरिरिज्म की परिभाषा तय करे। ताकि पता चले कि कौन आतंकवाद के साथ है। कौन
आतंकवाद की मदद करता है। कौन आतंकवाद का शिकार है। कौन आतंकवाद का विरोध
करते हैं? समय की मांग है कि अब इन घटनाओं से विश्व की मानवतावादी शक्तियां
एक हो जाएं। एकता के साथ ऐसी शक्तियां बनाएं।'
पेरिस में दहशतभरे 5.30 घंटे, कब और कैसे हुए हमले, जानिए
>2:30 AM IST : पेरिस में इस वक्त रात के 10 बज रहे थे। कुछ
कैफे-रेस्टोरेंट और म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल पर हमला हुआ। तुरंत 26 लोगों की
मौत की खबर आई।
>2:44 AM IST : बाताक्लां म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल में आतंकियों ने 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया।
>3:25 AM IST : नेशनल फुटबॉल स्टेडियम के बाहर जोरदार धमाका। प्लेयर्स ने ब्लास्ट की आवाज सुन मैच रोका। दर्शक मैदान में चले आए।
>3:30 AM IST : फुटबॉल स्टेडियम से बाहर आते ही प्रेसिडेंट
ओलांद ने देश में इमरजेंसी का एलान कर दिया। आतंकियों ने शहर में एके-47 और
मशीनगन से गोलियां बरसाईं। फ्रांस ने बॉर्डर सील किया।
>4:00 AM IST : बाताक्लां म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल के अंदर कमांडोज जवाबी कार्रवाई के लिए घुसे। जोरदार फायरिंग शुरू हुई।
>4:50 AM IST : कमांडो कार्रवाई खत्म हुई। थिएटर में 100 बंधकों की मौत। दो आतंकी भी मारे गए।
>5:00 AM IST : पेरिस में हमलों में मरने वालों की संख्या 120 हुई। आर्मी बुलाई गई। 1500 सैनिक पेरिस की सड़कों पर उतरे।
>6:00 AM IST : मारे गए आतंकियों की संख्या 6 हुई। फ्रांस के प्रेसिडेंट ने जी-20 समिट के लिए तुर्की का दौरा रद्द किया।
>8:00 AM IST : सभी आठ आतंकी मारे गए। पेरिस में वर्ल्ड
वॉर-II के बाद पहली बार कर्फ्यू लगा। पूरा यूरोप हाई अलर्ट पर। फ्रेंच
मीडिया ने बताया कि हमला आईएसआईएस के स्लिपर सेल ने किया।
जहां कल मोदी स्पीच दे रहे थे, वहां से 450 किमी दूर हुआ हमला
यह हमला पेरिस में हुआ। पेरिस और लंदन के बीच दूरी 450 किमी की है।
ट्रेन से 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है। बता दें कि लंदन के वैम्ब्ली
स्टेडियम में ही शुक्रवार को मोदी स्पीच दे रहे थे।
हमला मुंबई जैसा क्यों?
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने 12 जगहों
पर फायरिंग की थी और ब्लास्ट किए थे। इन हमलों में भी 164 लोग मारे गए थे
और 308 घायल थे। आतंकियों ने ताज और ओबेरॉय होटल में कई लोगों को बंधक
बनाया था। तीन दिन के ऑपरेशन के बाद 10 आतंकियों को मार गिराया गया था।
पेरिस में भी हमलों का तरीका ऐसा ही है।
5 सवालों के जरिए जानिए, पेरिस हमले में हुए अब तक के खुलासे...
1. कहां-कहां हुए हमले?
>पहले दो हमले - Le Petit Cambodge और Le Carillon : ये दोनों रेस्टोरेंट हैं। आतंकियों
ने सबसे पहले इन्हीं दो जगहों को निशाना बनाया। ठीक उसी तरह जैसे मुंबई
हमलों के वक्त आतंकियों ने सबसे पहले लियोपाल्ड कैफे को निशाना बनाया था।
आतंकी कार के अंदर बैठकर फायरिंग कर रहे थे।
>बाद के 2 हमले - Boulevard Beaumarchais अौर Boulevard
Voltaire। ये नॉर्थ पेरिस की मुख्य सड़कें हैं। इनका आगे का हिस्सा बिजनेस
और पीछे का हिस्सा रिहायश के लिहाज से काफी विकसित है। यहां पर आतंकियों ने
बम बरसाए और एके-47 से फायरिंग की।
>सबसे खौफनाक मंजर बाताक्लां म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल पर : यहां
सैकड़ों लोग अमेरिकी रॉक बैंड का शो देखने आए थे। एक के बाद एक पांच धमाके
हुए। आतंकियों ने 100 लोगों को बंधक बनाया। बाद में कमांडो कार्रवाई में
120 मौतों की पुष्टि हुई।
>Stade de France stadium : यह पेरिस का नेशनल फुटबॉल
स्टेडियम है। यहां 80 हजार लोग मौजूद थे। यहां जर्मनी-फ्रांस का फ्रेंडली
मैच चल रहा था। प्रेसिडेंट फ्रांसुआ ओलांद भी मैच देखने पहुंचे थे।
स्टेडियम के बाहर दो जबरदस्त धमाके हुए।
2. किसने ली जिम्मेदारी?
>फ्रेंच मीडिया का दावा है कि हमला आईएसआईएस ने ही किया। हालांकि,
आईएस ने अब तक इसका एलान नहीं किया है। लेकिन फ्रांस की सिक्युरिटी
एजेंसियों को इस बात का 100 फीसदी यकीन है।
3. कहां से आए थे आतंकी?
>यह साफ नहीं है। हालांकि, एक जगह पर मारे गए आतंकी के पास से सीरियाई पासपोर्ट मिला है।
>फ्रेंच मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये आतंकी फ्रांस के अंदर
मौजूद आईएसआईएस के स्लिपर सेल का हिस्सा थे। ये काफी वक्त से साजिश रच रहे
थे। इन्होंने शुक्रवार का दिन चुना। नेशनल स्टेडियम, रेस्टोरेंट और म्यूजिक
कॉन्सर्ट हॉल जैसे टारगेट तय किए और हमलों को अंजाम दिया।
4. कैसे आए थे आतंकी?
>फ्रेंच मीडिया के मुताबिक, चार आतंकियों के कार से आने की खबर है।
बाकी आतंकी हथियारों के साथ पैदल ही अपने टारगेट्स पर पहुंचे थे।
>उनके पास ग्रेनेड, सुसाइड जैकेट और एके-47 जैसे हथियार थे।
>मुंबई हमलों की ही तरह वे लंबे वक्त तक लड़ने की तैयारी से आए थे।
5. फ्रांस पर बार-बार क्यों हो रहे हैं हमले?
>फ्रांस सीरिया और इराक में अमेरिकी फौज का साथ देता रहा है। इसलिए आईएसआईएस उसे निशाना बना रहा है।
>पूरे यूरोप में फ्रांस में ही सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। ऐसे
में, आईएसआईएस यहां अपना स्लिपर सेल आसानी से एक्टिव कर लेता है।
माइग्रेंट्स के जरिए आसानी से गन, एक्सप्लोसिव और हथियारों की सप्लाई हो
जाती है।
ओबामा और पीएम मोदी ने की निंदा
>अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने बयान जारी कर पेरिस में हुए
हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, "फ्रांस में हुए हमले बेहद
दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मानवता पर हमला है। फ्रांस हमारा पुराना साथी है। इस
हमले की घड़ी में हम उसके साथ खड़े हैं।"
>वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "पेरिस में हुआ
हमला दुखद घटना है। इस घड़ी में हम फ्रांस के साथ खड़े हैं। हमले में मरने
वालों को श्रद्धांजलि।"
पहले भी हुए हैं फ्रांस में हमले
> जून 2015 : सेंट क्वेंटिन फैलेवर में गैस फैक्ट्री पर हमला, आतंकी ने एक शख्स का सिर कलम किया।
> जनवरी 2015 : इस्लाम पर एक कार्टून के विरोध में मैगजीन चार्ली हेब्दो के दफ्तर पर हमला।
> एक अनुमान के मुताबिक, फ्रांस में 2001 के बाद से अब तक 28 हमले हुए हैं। इनमें 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
'कल पेरिस पर जो हुआ मानवता पर हमला हुआ। यह हमला फ्रांस की नागरिकों पर नहीं बल्कि मनावता पर है। मानवतावादी विचारों पर है। मानवता में विश्वास करने वाली सभी शक्तियों को एकजुट होकर ऐसी घटनाओं की निंदा करनी होगी। सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यूनाइटेड नेशंस अब समय न बिताएं। यूएन टेरिरिज्म की परिभाषा तय करे। ताकि पता चले कि कौन आतंकवाद के साथ है। कौन आतंकवाद की मदद करता है। कौन आतंकवाद का शिकार है। कौन आतंकवाद का विरोध करते हैं? समय की मांग है कि अब इन घटनाओं से विश्व की मानवतावादी शक्तियां एक हो जाएं। एकता के साथ ऐसी शक्तियां बनाएं।'