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17 नवंबर 2015

भारत पर मंडरा रहा ISIS का खतरा : 5 राज्य निशाने पर, एडवाइजरी जारी

फाइल फोटो: सीरिया के रक्का शहर में आईएसआईएस के आतंकी।
फाइल फोटो: सीरिया के रक्का शहर में आईएसआईएस के आतंकी।
नई दिल्ली. पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद भारत पर भी आतंकी संगठन ISIS का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। मंगलवार को सरकार की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है, इसमें राज्यों से अलर्ट रहने को कहा गया है। खबरों के मुताबिक, देश में कुछ खास जगहों को निशाना बनाया जा सकता है। देश के पांच राज्यों को खास तौर पर सतर्क रहने को कहा गया है। ये राज्य हैं- जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और असम। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया में आईएसआईएस को खतरा है।
होम मिनिस्ट्री ने जारी की एडवाइजरी
होम मिनिस्ट्री द्वारा जारी एडवाइजरी में यह कबूल किया गया है कि आईएस का खतरा बढ़ता जा रहा है और यह सीरिया तथा इराक से निकलकर दूसरे देशों में पैठ बना रहा है। बताया जाता है कि पांच राज्यों के अलावा चार शहर खास तौर पर इस आतंकी संगठन के निशाने पर हैं। हालांकि, इन शहरों के नाम नहीं बताए गए हैं। एडवाइजरी के मुताबिक, ज्यादा परेशानी की बात यह है कि आईएस देश की यंग जनरेशन को आतंकवाद की ओर धकेलने की कोशिश कर रहा है।
भारत के आतंकी गुटों की मदद लेने की कोशिश
> जानकारी के मुताबिक, आईएस भारत में सक्रिय कुछ आतंकी गुटों की मदद लेने की कोशिश कर रहा है ताकि देश में हमलों को अंजाम दिया जा सके। खबर यह भी है कि सरकार ने फ्रांस, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की और इजराइल की एम्बेसीज की सिक्युरिटी सख्त करने के आदेश भी दिए हैं।
> गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी माना है कि आईएस एक बड़ा खतरा है और इससे सरकार को निपटना होगा। उन्होंने मंगलवार को कहा, “भारत ही क्यों पूरी दुनिया पर इस आतंकी संगठन का खतरा है। इस चुनौती का हमें मिलकर मुकाबला करना होगा।”
> गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि हमें आईएस से सिम्पैथी रखने वाले लोगों पर पैनी नजर रखने की जरूरत है।

7th पे कमीशन: 20 नवंबर तक सौंपी जा सकती है रिपोर्ट, 15% मिल सकती है हाइक

7th पे कमीशन: 20 नवंबर तक सौंपी जा सकती है रिपोर्ट, 15% मिल सकती है हाइक
नई दिल्ली. सातवें वेतन आयोग (सेवंथ पे कमीशन) की रिपोर्ट 20 नवंबर तक केंद्र सरकार को सौंपी जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमीशन अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपेगा। इस रिपोर्ट के जरिए सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्प्लॉइज को सैलरी में 15% हाइक देने की सिफारिश की जा सकती है। अगर 900 पेज की यह रिपोर्ट मंजूर हो जाती हैं तो केंद्र के 48 लाख एम्प्लॉइज और 55 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
कब से होना है लागू?
> कमीशन के सुझावों को सरकार को 1 जनवरी 2016 से लागू करना है।
> 31 दिसंबर तक इन पर आखिरी फैसला होगा।
> कमीशन के चेयरमैन अशोक कुमार माथुर, सेक्रेटरी मीना अग्रवाल, सदस्य डॉ. राथिन राय और विवेक राक ने यह रिपोर्ट तैयार की है।
> यह कमिशन यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में बनाया था। इसे 18 महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन इसकी टर्म अगस्त 2015 में चार महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।
क्या हो सकती हैं नए पे कमीशन की अहम सिफारिशें?
बता दें कि दैनिक भास्कर ने इससे पहले सितंबर में ही बता दिया था कि कमीशन अपनी रिपोर्ट में हर एक जुलाई को इन्क्रीमेंट देने और सैलरी में 15% से 3 गुना तक हाइक देने की सिफारिश कर सकता है।
>अफसरों-कर्मचारियों की सैलरी में हर 1 जुलाई को इन्क्रीमेंट करने का प्रपोजल है।
>आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अफसरों की सैलरी को एक जैसा किया जा सकता है। इससे आईपीएस और आईआरएस अफसरों की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि उन्हें आईएएस से कम सैलरी मिलती है।
> इस वक्त कर्मचारियों के 32 पे-बैंड हैं। इन्हें घटाकर 13 किए जाने का प्रपोजल है। पे-बैंड कम हो जाने से आईएएस, आईपीएस और आईआरएस के पे-बैंड एक लेवल पर आ जाएंगे।

अब तक सो रहा था मुसलमान ,,इसीलिए उपेक्षित होकर रो रहा था मुसलमान

अब तक सो रहा था मुसलमान ,,इसीलिए उपेक्षित होकर रो रहा था मुसलमान ,,,अब तक इधर उधर भाई साहबों में बंटा था मुसलमान ,,इसीलिए सियासी उपेक्षा का शिकार था मुसलमान ,,,कोटा में शहर कांग्रेस अध्यक्ष या फिर देहात कांग्रेस अध्यक्ष में से किसी एक पद की मांग को लेकर कोटा का मुसलमान ,,अपने अपने भाईसाहबों की वफ़ादारी के साथ इस मुद्दे पर एक हुए है ,,तय किया है के वोह भाईसाहबों के बहकावे में आकर अब आपस में विवाद नहीं करेंगे ,,उलटे भाईसाहबों से कहेंगे प्लीज़ इस बार कोटा शहर या फिर देहात अध्यक्ष में से किसी एक पद पर हमारे भाई को अध्यक्ष बनवा दो ,,सभी लोगों की सोच है के कांग्रेस में उपेक्षा का शिकार मुस्लिम समाज सिर्फ वोटर बनकर रह गया है या फिर मुस्लिम कार्यकर्ताओं को भाई साहबों का पीछ लग्गू समझा जाने लगा है लेकिन इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे है ,,तटस्थ मुस्लिम वोटर नाराज़ होता जा रहा है ,,,चुनाव के वक़्त कांग्रेस के मुस्लिम प्रतिनिधि जब कांग्रेस के पक्ष में वोट मांगने जाते है तो वोटर उन्हें उपेक्षा के नाम पर दलाली के नाम पर ,,चमचागिरी के नाम पर खरी खरी सुनाते है ,,ऐसे में कोटा में आबिद कागज़ी ,,मंज़ूर तंवर ,,,,अल्सपंख्य्क विभाग के देहात अध्यक्ष साजिद जावेद ,,,गुड्डा कुरैशी ,,शाहिद मुल्तानी ,,,,सहित कुछ लोगों की पहल पर जब एक ज़िम्मेदारां लोगों की बैठक हुई तो सभी का गुस्सा फुट पढ़ा सभी ने संकल्प लिया के इस बार कोई समझोता नहीं ,,हर हाल में कोटा शहर कोटा देहात में एक अध्यक्ष हमारे मुस्लिम समाज का चाहिए ,,वोह किसी भी भाईसाहब का यस मेन हो इसमें भी किसी को कोई दिक़्क़त नहीं है ,,वैसे तो कोटा में कांग्रेस में पद प्राप्त करने के लिए आम मसलमान कई बार एक जुट होने की कोशिशो में लगा ,,लेकिन कभी बैठक में हडडंग करवाई गई ,,कभी माइक तुड़वाये गए ,,,कभी भाईसाहबों के इशारे पर समाज के लोग आपस में ही एक दूसरे के खून के दुश्मन बन गए ,,नतीजा बांटो और राज करो की नीति के तहत कोटा में सियासी तोर पर मुस्लिम समाज उपेक्षा का शिकार रहा ,,,लेकिन अब जब कांग्रेस का मुसलमान वोटर खिसक रहा है तो कांग्रेस को बचाने के लिए ,,कांग्रेस को फिर से अपनी पुरानी नीति ,,पुराने भाव में लाने के लिए कोटा में मुस्लिम वोटर्स को फिर अपनी आकर्षित करने के लिए यहां देहात या फिर शहर में से एक जिला अध्यक्ष समाज में से किसी को बनाना ज़रूरी हो गया है ,,कांग्रेस हाईकमान के पास इस तरह की रिपोर्ट पहले से ही है ,,,उच्चस्तर पर लगभग ऐसा फार्मूला भी बना ,,लेकिन अचानक कोटा के हाईकमान बने भाईसाहबों ने कहीं खुद का नाम आगे कर दिया तो कहीं ऐसे लोगों का जो कांग्रेस को सभी लोगों की नहीं अपनी जेबी कांग्रेस समझते है ,,इसीलिए यह विद्रोह शुरू हुआ है ,,सभी जानते है इस बैठक के बाद भाईसाहब लोग डेमेज कंट्रोल करेंगे ,,समझाने और धमकाने की बातें करेंगे ,,,लेकिन इस बार सभी ने क़सम ली है ,,अल्लाह का रसूल का वास्ता लिया है और संकल्प लिया है के आपस में नहीं झगड़ेंगे ,,,एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोलेंगे ,,भाईसाहबों और हाईकमान से सीधा कहेंगे अबकी बार समर्पित सो फीसदी वोटर्स को कांग्रेस में मिले जिला स्तरीय नेतृत्व का अधिकार ,,देखते है आगे क्या होता है ,,,मुस्लिम प्रतीनिधी ,,टूटते है ,,बिखरते है ,,एक जुट होते है ,,या फिर अपने मंसूबों में कामयाब होकर कांग्रेस को कोटा में ज़िंदाबाद करते है ,,,टूटने ,,बिखरने से बचाते है ,,लेकिन यह सच ,,कड़वा सच है के कल सोमवार की मुस्लिम प्रतिनिधियों की बैठक इस समाज को उपेक्षित रखकर जूतियों में बिठाकर खुश होने वाले कुछ भाईसाहबों के लिए गले की हड्डी बन गई है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सीरिया में ISIS के गढ़ पर चौतरफा हमले, फ्रांस के बाद रूस ने भी दागीं क्रूज मिसाइलें

फ्रांस का Charles de Gaulle न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर जिसे सीरिया के पास भेजा जाएगा।
फ्रांस का Charles de Gaulle न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर जिसे सीरिया के पास भेजा जाएगा।
पेरिस/मॉस्को. रूस ने एक बार फिर सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को रूस ने मैडेटेरियन सागर से इस्लामिक स्टेट के गढ़ रक्का को टारगेट कर एक बार फिर मिसाइल हमले किए हैं। फ्रांस और अमेरिकी सरकार के अफसरों ने क्रूज मिसाइल दागे जाने की पुष्टि की है। रॉयटर्स के मुताबिक, रूस ने सीरिया में सी लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल और लॉन्ग रेंज बॉम्बर्स से अटैक किया है। पेरिस अटैक के बाद फ्रांस ने ISIS हेडक्वार्टर्स रक्का में लगातार बम बरसा रहा है। बता दें कि मंगलवार को ही पुतिन ने माना था कि मिस्र में क्रैश हुआ रूसी प्लेन आतंकियों का निशाना बना था।
फ्रांस ने तेज किए हमले
न्यूज एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक, फ्रांस ने एक न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज मेडिटैरियन सागर में भेजने का फैसला किया है। यह इसी हफ्ते सीरिया या लेबनान के नजदीक पहुंच सकता है। इसे आईएसआईएस पर हमले तेज करने के मकसद से भेजा जाएगा।
पेरिस में हमलों के बाद 5 बड़े डेवलपमेंट्स
>पेरिस में बीते शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात मुंबई जैसे आतंकी हमलों में 128 लोगों की मौत हुई थी। आईएसआईएस ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।

>इसके बाद फ्रांस ने देशभर में सर्च ऑपरेशन चलाए हैं। 104 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बेल्जियम में रहने वाले अब्देलहामिद अबऔद की पहचान पेरिस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में हुई है। दो अन्य हमलावरों की भी पहचान कर ली गई है। इनमें से एक सीरिया और एक फ्रांस का है।

>हमले झेलने के दो दिन बाद ही फ्रांस ने रविवार देर रात आईएस के गढ़ रक्का में हवाई हमला कर दिया। 20 बम गिराए गए।

>फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद ने पार्लियामेंट में दी स्पीच में कहा कि फ्रांस आईएस के खिलाफ जंग शुरू कर चुका है।

>वहीं, यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने कहा है कि हम अपनी पुरानी स्ट्रैटजी पर कायम हैं। हम सीरिया में जमीनी सेना नहीं उतारेंगे।
फ्रांस ने फिर किए हमले, जहाज भेजा जाएगा
>जॉर्डन और यूएई से फ्रांस के 12 फाइटर जेट्स लगातार सीरिया के लिए उड़ान भर रहे हैं। यह साफ नहीं है कि फ्रांस ताजा हमलों में कितने बम सीरिया में गिरा चुका है। लेकिन जोरदार हमले जारी हैं। फ्रांस रात के वक्त रक्का में हमले कर रहा है।

>फ्रांस की जवाबी कार्रवाई के दौरान एक पहलू यह भी सामने आया है कि रक्का में रह रहे आम लोगों पर अब मौत का खतरा मंडरा रहा है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, पहले रूस और अब फ्रांस के हवाई हमलों के कारण रक्का में लाेग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे। आईएस के खिलाफ लड़ाई में बेकसूरों की भी जान जा रही है।

>फ्रांस ने एक न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज Charles de Gaulle मेडिटैरियन सागर में सीरिया की तरफ रवाना कर दिया है।

>यह न्यूक्लियर मिसाइलों से लैस है। इसमें 26 फाइटर जेट्स एकसाथ पार्क हो सकते हैं।

>कुछ ही दिनों में इस जहाज के सीरिया के नजदीक पहुंचते ही फ्रांस के पास सीरिया में कार्रवाई के लिए कुल 38 फाइटर प्लेन्स मौजूद रहेंगे क्योंकि 12 फाइटर्स पहले से उस इलाके में मौजूद हैं।
ओबामा ने कहा- यूएस अपनी स्ट्रैटजी पर कायम
इससे पहले, यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने तुर्की के अंताल्या में जी-20 समिट में कहा कि पेरिस पर बड़े हमले के बावजूद हम आतंकियों के खिलाफ जमीनी फौज न उतारने की स्ट्रैटजी पर कायम हैं। ओबामा ने अमेरिकी सरकार के इस रुख का फिर बचाव किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अगुआई में आईएस के ठिकानों पर हो रहे हवाई हमले कारगर साबित हो रहे हैं। ऐसे में सीरिया की जमीन पर जमीनी फौज उतारना एक गलती होगी।
ओबामा को क्यों देनी पड़ी सफाई?
>पेरिस हमले के बाद अमेरिका सवालों के घेरे में है। उस पर आरोप लग रहे हैं कि वह आईएसआईएस से निपटने के लिए असरदार कदम नहीं उठा रहा। तुर्की में चल रही जी20 समिट के दौरान भी ओबामा को इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स के कड़े सवालों का जवाब देना पड़ा। आलोचना करने वालों में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के अलावा फ्रांस भी है, जिसका मानना है कि आईएस से लड़ने में यूएस मिलिट्री को और ज्यादा अग्रेसिव अप्रोच अपनानी चाहिए।
>आलोचनाओं के बावजूद ओबामा आईएसआईएस के खिलाफ जमीनी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि 2003 में इराक में जमीनी सेना उतारने के बाद आई दिक्कतों के मद्देनजर ओबामा अब मिडल ईस्ट के देशों में जारी संघर्ष में अपनी जमीनी सेना को नहीं झोंकना चाहते। इराक में काफी अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।
>कुछ क्रिटिक्स मानते हैं कि अमेरिका सीरिया में बशर सरकार के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों को लगातार मदद करता रहा है। इस वजह से भी वो इस लड़ाई का सीधा हिस्सा नहीं बनकर सिलेक्टिव अप्रोच अपना रहा है। क्रिटिक्स का यह भी आरोप है कि अमेरिका के लचर रवैए की वजह से ही सिविल वॉर झेल रहे सीरिया में आईएसआईएस को सिर उठाने का मौका मिला।
फ्रांस ने कहा- सीरिया आतंक की फैक्ट्री
ओलांद ने फ्रेंच पार्लियामेंट में कहा, “फ्रांस ने इस संकट के शुरुआत में ही कहा था कि सीरिया मामले पर यूनिटी होनी चाहिए, जो आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बहुत जरुरी है। सीरिया आतंकवादियों की सबसे बड़ी फैक्ट्री बन चुका है और इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इसे लगातार देखा है।

कोटा किशोरपुरा पुलिस का टारगेट मोहम्मद हुसेन

कोटा किशोरपुरा पुलिस का टारगेट मोहम्मद हुसेन लगातार चल रहा है ,,इस टारगेट के तहत मोहम्मद हुसेन पार्षद किशोरपुरा ,,सजिदेहड़ा एक बार फिर जेल में है ,, पार्षद मोहम्मद हुसेन अपने वार्ड में हर दिल अज़ीज़ है ,,,वोह लोगों के दिन रात काम आते है ,,बेईमान नहीं है ,,हिंसक नहीं है ,,,विनम्रता उनका लहजा है ,,लेकिन आमजनता के हित में वोह अव्यवस्था और बेईमानी के खिलाफ आवाज़ उठाते है ,,,,,पिछले दिनों उन्हें अवैध रूप से लाल बत्ती लगाने वाली गाढ़ी रोकने के मामले में गिरफ्तार किया था ,,,अवैध रूप से लाल बत्ती लगाने के मामले में तो कोई कार्यवाही नहीं हुई ,,अवैध रूप से लाल बत्ती लगी हुई देख कर उपेक्षा का अपराध करने वाली पुलिस के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ,,इनकी शिकायतों के बाद एक जनप्रिनिधी होने के नाते पार्षद मोहम्मद हुसेन जनता की बात कहते रहे और बेवजह पुलिस ने उनसे गांठ बाँध ली ,,अभी हाल ही में मराठा बस्ती में आगजनी के बाद पुलिस ने जब मोहम्मद हुसेन पार्षद को बस्ती में जाने से रोक तब आम बस्तीवासियों ने मोहम्मद हुसेन का साथ देकर पुलिस को खदेड़ दिया ,,उसी दिन तय था के अब कभी भी मोहम्मद हुसेन पर गाज गिर सकती है ,,,कोटा का हर अधिकारी ,,हर कार्यकर्ता ,,आम जनता जानती है,,, के मोहम्मद हुसेन समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर और जागरूक है ,,,वोह विनम्र है ,,अभद्र नहीं है ,,,अपनी कड़वी बात भी उन्हें सलीक़े से कहने का हुनर है , ऐसे में वोह बदतमीज़ी ,,धक्का मुक्की ,,मार पिटाई करे कोई ख्वाबो में भी नहीं सोच सकता ,,,मोहम्मद हुसेन ने पिछले दिनों सभी थानो में सी सी टी वी कैमरे लगाने की मांग की थे अगर आज किशोरपुरा थाने में सी सी टी वी कैमरा होता तो दूध का दूध पानी का पानी होता ,,कहते है ज़ुल्म की इंतिहा के बाद ज़ालिम के खिलाफ भी कार्यवाही होती है ,,मोहम्मद हुसेंन जनता के चहेते है यह तो उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें मिले भारी जनसमर्थन से पता चलता है ,,लेकिन वोह अकेले निर्दलीय पार्षद है कांग्रेस भाजपा उनके खिलाफ एक जुट है वोह पक्ष ,,विपक्ष सभी से अकेले लड़ रहे है ,, लेकिन सभी पार्षदो और जनप्रतिनिधियों ,,दलालों को यह सोच लेना चाहिए के आज वोह चम्मच है इसलिए सुरक्षित है अगर उन्होंने भी पार्षद मोहम्मद हुसेन की तरह जनता की आवाज़ उठाई तो एक दिन उन्हें भी इसी तरह से षडयंत्रो का शिकार होना पढ़ेगा ,,अगर सभी लोग एक जुट होकर सी सी टीवी फुटेज ,,,कुछ वीडियोग्राफी ,,मोबाइल फोटोग्राफी देखकर दूध का दूध पानी कर वा दे तो ऐसे दूसरे जंगजू पार्षदो और प्रतिनिधियों का भविष्य ज़ुल्म से सुरक्षित हो सकता है वरना आज इसकी बारी है तो तुम्हारी चुप्पी रही अगर तो निश्चित कल तुम्हारी बारी है ,,,पार्षद मोहमद हुसेन ने अगर मारपीट ,धक्का मुक्की की है तो निश्चित तोर पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होना चाहिए ,,लेकिन कोई एक गवाह इतनी भीड़ में से आम पब्लिक का भी हो जो पुलिस का दलाल नहीं स्वतंत्र और तटस्थ हो वोह इस घटना की तस्दीक़ करे वरना सभी जानते है के एक पार्षद अकेला नहीं होता ,,घटना के दिन भी कई लोग स्वतंत्र वहां मौजूद होंगे उनके भी बयांन लिए जाए ,,,,दोषी है अगर तो उसे सज़ा मिले लेकिन निर्दोष को नहीं फंसाये यह भी सुनिश्चित किया जाए ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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