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19 नवंबर 2015

राहुल का मोदी को चैलेंज- 6 महीने में जांच कराएं, कुछ मिले तो मुझे अरेस्ट करें

प्रेसिडेंट से मिलते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी।
प्रेसिडेंट से मिलते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी।
नई दिल्ली. कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चैलेंज देते हुए कहा है कि मोदी सरकार उन पर आरोप लगाने के बजाए उनकी 6 महीने में जांच कराए और उनके खिलाफ कुछ भी मिले तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। राहुल गांधी ने यह चुनौती पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के 98 वीं जयंती के मौके पर आयोजित यूथ कांग्रेस के एक प्रोग्राम के दौरान दी। इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना बैन किए जा चुके मुस्लिम संगठन सिमी से की।बता दें कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है।
'मेरे परिवार पर कचरा फेंकना ठीक नहीं'
राहुल ने कहा, 'मोदी जी आपकी सरकार है। आप के पास एजेंसियां है। आप मेरे खिलाफ इन्वेस्टिगेशन करो और कुछ मिले तो 6 महीने के भीतर मुझे गिरफ्तार करो। ये जो आप मेरे ऊपर मेरे परिवार के ऊपर पर कचरा फेंकते हो ये ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मैं मोदी जी से जरा-सा भी नहीं डरता, वो आरोप लगाकर मुझे रोकना चाहते हैं, लेकिन मैं किसानों के लिए लड़ूंगा, गरीबों के लिए लडूंगा और हिंदुस्तान के लिए लड़ता रहूंगा।"
'गिनती से नहीं सोच से फर्क पड़ता है'
राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी जी और उनके तमाम नेता कहते हैं कि कांग्रेस के मात्र 44 सांसद हैं। सांसदों की गिनती से नहीं, फर्क पड़ता है सोच से।' उन्होंने कहा कि हमारी सोच गरीबी, किसानों और मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ने की है।
यूथ कांग्रेस नेता को मंच पर बैठाया
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के 98 वीं जयंती के मौके पर हुए कार्यक्रम में राहुल जब कांग्रेस को कमजोर और गरीबों की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी बता रहे थे तो मंच के पास ही एक युवा नेता ने खुद को कमजोर बताते हुए राहुल गांधी से गरीबों की लड़ाई लड़ने को कहा। उसने कहा, 'मैं कमजोर हूं आप मेरी लड़ाई लड़िए।' जिसके बाद राहुल ने उसे मंच पर बुलाया और अपने पास बैठा लिया।
सीनियर नेताओं को सराहा
कार्यक्रम के दौरान बिहार चुनाव में मिली जीत का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, 'वहां हमारे सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद और सीपी जोशी काम कर रहे थे। उन्हें चुनाव लड़ने का एक्सपीरियंस है। यूथ कांग्रेस के लोगों ने चुनाव में काम किया उनमें जोश था।' राहुल ने कहा कि मैं इस एक्सपीरियंस और जोश को जोड़ना चाहता हूं, एक साथ लाना चाहता हूं ताकि कांग्रेस गरीबों और मजदूरों की लड़ाई लड़ सके। राहुल ने कहा कि हम जोड़ने की राजनीति करते हैं और वो तोड़ने की राजनीति करते हैं। उन्होने कहा कि हमारे पास बीजेपी और आरएसएस का विरोध करने के कई कारण हैं। भाषण के बीच में उन्होंने इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया।
जांच चल रही है- बीजेपी
सिटीजनशिप के मुद्दे पर पीएम को कार्रवाई कर खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती देने वाली राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने रिएक्शन दिया है। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राहुल गांधी को इस मामले में पीएम को चुनौती देने की जरूरत नहीं है, मामले की जांच चल रही । उन्होने कहा कि जांच में जो भी सामने आएगा उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
'पुलिस उन्हें उठाकर ले जाएगी' - स्वामी
राहुल गांधी की सिटीजनशिप का मुद्दा सामने लाने वाले बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राहुल गांधी को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच चल रही है जिसमें उनकी मर्जी से कुछ नहीं होगा। उन्हें तब पता चलेगा जब पुलिस आकर उन्हें उठाकर ले जाएगी। स्वामी ने कहा कि राहुल उनके दो सवालों का जवाब दे दें तो सब अपने आप ही साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने ब्रिटेऩ में कंपनी खोली जिसके कंपनी सेक्रेटरी रहे और कई कागजातों पर उनके साइन हैं। भारत के कानून के मुताबिक वे ऐसा नहीं कर सकते। दूसरा कंपनी खोलने के लिए न तो फेमा से परमीशन ली न फॉरेन एक्सचेंज के लिए फेरा को बताया, उन्होंने अपने एफिडेविट में इसका जिक्र क्यों नहीं किया और लगातार कई सालों तक इस बात को क्यों छुपा कर रखा।
फरीदकोट फायरिंग की न्यायिक जांच हो- राहुल गांधी
गुरूवार को पंजाब कांग्रेस का एक डेलीगेशन राहुल गांधी की अगुवाई में प्रेसिडेंट से मिला। प्रेसिडेंट से मुलाकात के दौरान पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने पिछले महीने फरीदकोट में सिख संगत पर हुई फायरिंग के मामले की ज्यूडिशल इनक्वायरी की मांग की है। डेलीगेशन में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा, सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवार राष्ट्रपति से मिलना और उनसे बातचीत करना चाहते हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने पंजाब के फरीदकोट जिले में कोटकपुरा के एक गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब का अपमान किए जाने पर हुए बवाल के बाद पुलिस फायरिंग में 2 लोग मारे गए थे और कई पुलिसवाले घायल हुए थे। मामले में पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने डीजीपी को धरना प्रदर्शन कर रही सिख संगतों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।

7वां पे कमीशनः 23.5% तक सैलरी और 24% बढ़ सकती है पेंशन

7वां पे कमीशनः 23.5% तक सैलरी और 24% बढ़ सकती है पेंशन
नई दिल्ली. सातवें वेतन आयोग (सेवंथ पे कमीशन) ने गुरुवार शाम वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 7 हजार से बढ़कर 18 हजार हो जाएगा। वेतन में सालाना 3% इंक्रीमेंट की भी सिफारिश की गई है। दूसरी ओर, पेंशन में औसतन 24% की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। बताया जा रहा है कि कमीशन केंद्रीय सरकार के एम्पलॉइज की सैलरी 23.5% बढ़ाने की सिफारिश की है। बेसिक पे 16% बढ़ाने की बात भी कही गई है। अगर ये सिफारिश लागू की गई तो किसी भी सरकारी कर्मचारी की कम से कम सैलरी हर महीने 18 हजार रुपए हो जाएगी। पेंशन में 24 पर्सेंट बढ़ोतरी की भी सिफारिश की गई है। इन सिफारिशों का 48 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनरों को फायदा मिलेगा। सरकार पर इस बढ़ोतरी से 1.2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया- सरकार अब इम्प्लीमेंटेशन पैनल बनाएगी, जो सिफारिशों का विश्लेषण करेगी। संभवत: 1 जनवरी से सातवां वेतन आयोग लागू हो जाएगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। आयोग ने असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘वन रैंक - वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की है। दूसरी ओर, सीबीआई निदेशक का वेतन मौजूदा 80,000 रुपए से बढ़ाकर से 90,000 रुपए करने की मांग को खारिज कर दिया है। आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपए से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपए आम बजट पर जाएगा। 70 साल में सबसे कम बढ़ोतरी : मूल वेतन में 14.27 % की बढ़ोतरी पिछले 70 साल में सबसे कम है। छठे वेतन आयोग ने 20% की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने 2008 में लागू करते समय दोगुना कर दिया था।
सीधी बात- हम चाहते हैं कर्मचारी भी अच्छी लाइफ जिएं- जस्टिस एके माथुर
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद आयोग के प्रमुख जस्टिस एके माथुर से संतोष ठाकुर की बातचीत...
न्यूनतम वेतन में इजाफे के पीछे आधार क्या था?
महंगाई के मद्देनजर लाइफ स्टाइल को ध्यान में रखा है। ऐसी सैलरी का प्रस्ताव किया जिससे कर्मचारी ईमानदारी से काम करें। ये भी सिफारिश है कि 20 साल परफाॅर्म नहीं करने वाले का इंक्रीमेंट रोक दें।
20 साल का समय देने के पीछे क्या मकसद?
दो वजहें हैं। पहली- जब भी कोई नौकरी ज्वाइन करता है तो कुछ साल प्रोबेशन पर रहता है। उसीके बाद वास्तविक जिम्मेदारी शुरू होती है। दूसरी- उसे परफॉर्मेंस दिखाने का पर्याप्त समय मिले, ताकि वह कोई बहाने न बना सके।
ग्रेड, पे बैंड खत्म और एचआरए क्यों घटाया?
ताकि एक ही बैंड में रहने वाले लोगों के बीच असमान सैलरी-भत्ते खत्म हों। हाउस रेंट इसलिए घटाया क्योंकि पहले यह 30% था, जो 7 हजार की सैलरी पर काउंट होता था। जब न्यूनतम सैलरी 18000 होगी तो उस लिहाज से हमने इसे 24% करने को कहा है।
सभी को वन रैंक, वन पेंशन का सुझाव क्यों?
जो व्यक्ति आज रिटायर हो रहा है और जो दस साल पहले हुआ हो, उनकी पेंशन समान होनी चाहिए। आखिर दोनों के लिए महंगाई तो एक जैसी ही है ना।
सिफारिशों से जो बोझ बढ़ेगा, उसकी भरपाई कैसे होगी?
हमने केंद्र की बैलेंस शीट को देखते हुए ही सिफारिशें की हैं। नफा-नुकसान का पूरा आकलन किया है। सिफारिशों पर अमल से सरकार पर एक लाख 2 हजार करोड़ रुपए का बोझ आएगा। लेकिन हमने जो विश्लेषण किया है, उसके मुताबिक सरकार के पास कई विकल्प हैं, जिनसे बोझ से बचा जा सकेगा।

आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसरों को भी बड़ा फायदा पहुंचाया?
हमारे विश्लेषण के मुताबिक मिडिल लेवल के कर्मचारी को तो निजी कर्मचारी से ज्यादा वेतन-भत्ता मिलता है, पर वरिष्ठ अफसरों की तनख्वाह निजी कर्मचारी से कम ही होती है। ऐसे में सीनियर लेवल के अफसर निजी क्षेत्रों में चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए ही सिफारिश की गई है। इसीलिए कैबिनेट सचिव की सैलरी को ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। जहां तक आईपीएस और फॉरेस्ट सर्विस की बात है तो उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दो साल अतिरिक्त इंतजार करना पड़ता था। हमने कहा है कि यह खत्म किया जाए। जिसने भी राज्य में 17 साल की सेवा की है उसे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपयुक्त माना जाए। यह उनका अब तक नहीं मिला हक देने जैसा है।
क्या राज्य अपने कर्मचारियों पर ये सिफारिशें लागू करेंगी?
हमने राज्यों के बारे में नहीं सोचा। राज्य इसे मानने या न मानने को स्वतंत्र हैं। 6ठे आयोग की सिफारिशों को भी कई राज्यों ने नहीं माना था।
मेडिकल अलाउंस क्यों हटाया?
हमने सिफारिश की है कि वो मेडिकल अलाउंस से हटे। इसके बजाय सभी कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस लेने को प्रेरित करे। वेतन अच्छा-खासा बढ़ रहा है, तो स्वास्थ्य और भविष्य के लिए उन्हें इतना तो करना चाहिए। सरकार के बजाय इसका भार कर्मचारी खुद उठाएं। जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक सरकार सीजीएचएस सेवा को विस्तार दे।
7th पे कमीशन सिफारिशों की खास बातें
- सभी को एक जैसी पेंशन दिए जाने की सिफारिश की गई है।
- भत्तों में 67 पर्सेंट बढ़ोत्तरी की सिफारिश।
- सैलरी में हर साल 3 पर्सेंट बढ़ोत्तरी की सिफारिश।
- सरकार पर पड़ेगा 1 लाख 2 हजार करोड़ का भार।
- ग्रैच्युटी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जाए।
- GDP का 0.6 पर्सेंट बोझ पड़ेगा।
-पैरामिलिट्री फोर्स के जवान या अफसर की ड्यूटी के दौरान किसी वारदात में मौत होने पर उसे शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
-वन रैंक वन पेंशन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया जाएगा। इसके दायरे में 10 साल पहले रिटायर हुए कर्मचारी भी आएंगे।
-एक सैलरी, एक पोस्ट का नियम लागू किया जा सकता है।
-ग्रेड पे को खत्म किया जा सकता है।
-सरकारी कर्मचारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लागू की जा सकती है।
-सिफारिशों का फायदा, ऑटोनॉमस बॉडीज, यूनिवर्सिटीज और पीएसयू के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
-कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सिफारिशों को लागू करने में लगेंगे चार महीने।
-52 भत्तों को खत्म करने का सुझाव।
-सेंट्रल सर्विसेज में बराबरी की सिफारिश।
-सिफारिशें लागू हुईं तो यूनियन बजट पर 73650 करोड़ और रेल बजट पर 28450 करोड़ का बोझ पड़ेगा।
-आईएएस के बराबर ग्रुप ए के अफसरों को मिलेगी सैलरी।
क्या कहते हैं EXPERTS?
7th पे कमीशन की सिफारिशें लागू होने से आम बजट पर भयानक बोझ पड़ेगा और उससे महंगाई बेतहाशा बढ़ेगी। -संतोष महरोत्रा , पूर्व निदेशक, योजना आयोग
वेतन आयोग की सिफारिशें अर्थव्यवस्था के लिए डिमांड बूस्टर्स का काम करेगी। इससे अर्थव्यवस्था को 1 लाख 51 हजार करोड़ का बूस्टअप मिलने वाला है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। - डीके पंत, अर्थशास्त्री

जंगजू ,,संघर्षशील ,,हर दिल अज़ीज़ ,,निर्गुट ,,,छत्तीस क़ौमों को साथ लेकर चलने वाले भाई क्रान्ति तिवारी

कोटा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदसत् जंगजू ,,संघर्षशील ,,हर दिल अज़ीज़ ,,निर्गुट ,,,छत्तीस क़ौमों को साथ लेकर चलने वाले भाई क्रान्ति तिवारी की कांग्रेस के पक्ष में क्रान्ति आंदोलन के कारण कोटा में कांग्रेस सक्रिय और ज़िंदाबाद हो रही है ,,,,,,,,,,,,सभी के दुःख दर्दों में शामिल होना ,,हर ज़ोर ज़ुल्म के संघर्ष के खिलाफ सबसे पहली आवाज़ क्रांतिकारी बन कर उठाना जिसका स्वभाव हो उसी का नाम क्रान्ति तिवारी है ,,,जी हाँ दोस्तों क्रांति तिवारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में यूँ तो कोटा में प्रदेश में सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे है ,,,लेकिन ज़ुल्म ,,अत्याचार ,,नाइंसाफी ,,,समस्याओ के समाधान मामले में इनके संघर्ष के स्वभाव ने लोगों की इंसाफ की लड़ाई ने इन्हे इनके नाम के मुताबिक़ क्रन्तिकारी बना दिया है ,,, भाई क्रांति तिवारी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक न्याय के हर मामले में उसके संघर्ष का हिस्सा बनते है ,,,हर घटना ,,हर मुद्दे पर सक्रिय होकर क्रांतितिवारी ने कांग्रेस में खुद को अधिकतम सक्रिय साबित कर दिखाया है ,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट की टीम के प्रमुख सदस्यों में शामिल होकर कोटा सहित राजस्थान के हर हिस्से में क्रांतितिवारी कांग्रेस को मज़बूत और सक्रिय कर ज़िंदाबाद करने में जुटे है ,,,,क्रान्ति तिवारी को अभी हाल ही में अन्ता नगरपालिका चुनाव क्षेत्र का प्रभारी बनाया था ,,कठिन काम था एक तो मुख्यमंत्री वसुंधरा का क्षेत्र उनके पुत्र सांसद दुष्यंत का संसदीय क्षेत्र भाजपा के मंत्री प्रभुलाल सैनी का विधानसभा क्षेत्र भाजपा की लहर उसके बाद भी क्रान्ति तिवारी के पर्यवेक्षण में इनकी निगरानी में कार्यकर्ताओं में इन्होने जान फूंकी ,,सक्रिय चुनावी मैनेजमेंट का ही नतीजा था के विकट परिस्थितियों के बावजूद भी इनके नेतृत्व के अंता नगरपालिका क्षेत्र में कांग्रेस ज़िंदाबाद हुई ,,,,,,,,,,,,क्रान्ति तिवारी पिछले दिनों उर्दू के हमदर्दो के साथ रैली में अपने दल बल के साथ उर्दू के हमदर्दो के संघर्ष शील जांबाजों का अपने अंदाज़ में होसला अफ़ज़ाई कर रहे थे ,,,,,,,क्रांतितिवारी के लगातार जनता से जुड़ाव ,,कार्यकर्ताओं के संघर्ष के स्वभाव ने चाहे जन आनदोलन प्रदर्शनों के तहत उनके खिलाफ कई मुक़दमे दर्ज करवा दिए हो लेकिन क्रान्ति तिवारी कोटा के आम कार्यकर्ता ,,कोटा की कांग्रेस ,,कोटा के शोषित उत्पीड़ित लोगों की ज़रूरत बनते जा रहे है जो खामोश रहकर ,,खुद बिन बुलाये ,समस्या के पास जाते है और अपने साथियों के साथ मिलकर उस समस्या का समाधान करने का कामयाब प्रयास कर दिखाते है ,,कोटा के कांग्रेस कार्यर्ताओं को उनसे बहुत उम्मीदे है उनका मानना है के कांग्रेस हाईकमान ने अगर उन्हें कोटा कांग्रेस के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी सौंपी तो कोटा क्षेत्र में कांग्रेस राजस्थान की सभी कांग्रेस इकाइयों में मुखर और अव्वल रहेगी ,,,,,,,
सामजिक बदलाव ,,,,सामजिक न्याय ,,,,के मामले में लगातार संघर्षशील आधुनिक क्रान्ति के कोटा नायक क्रान्ति तिवारी ऐसी शख्सियत है जो पार्टी ,,जाती ,,,धर्म ,,समाज की बंदिशों से ऊपर उठ कर केवल इंसानियत और इन्साफ के लिए संघर्ष करते है ,,,,,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिसे कई कोंग्रेसी चुनाव का फॉर्म भरवाते वक़्त इंडियन नेशनल कांग्रेस लिखवाते है ,,इस पार्टी के क्रान्ति तिवारी संविधान के पालक है ,,पार्टी के नीति नियमों में जो लिखा है वोह काम क्रान्ति तिवारी पूरी शिद्दत के साथ करते है ,,,,क्रांतितिवारी कच्ची बस्ती की समस्या हो ,,,क़ानून व्यवस्था का मामला हो ,,लोगों पर ज़ुल्म ज़्यादती ,,नाइंसाफी से जुड़े मुद्दे हो ,,,फैक्ट्री के मज़दूरों की छटनी का मामला हो ,,मंदिर ,,मस्जिद ,,,शमशान ,,,क़ब्रिस्तान के रखरखाव का मुद्दा हो क्रांतितिवारी हर काम में अपनी फौज के साथ मौजूद रहते है ,,,,,उनके पास कोई भी पीड़ित जाए या फिर सुनकर अख़बार में पढ़ कर वोह किसी पीड़ित की खिदमत करने जाए तो वोह यह नहीं देखते के वोह किस पार्टी ,,किस समाज ,,जाती ,,किस धर्म का है बस क्रान्ति तिवारी तो केवल पीड़ित का दुःख दर्द देखते है और फिर हर सम्भव प्रयासों में जुट जाते है ,,,कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य होने के बाद भी क्रांतितिवारी किसी विशेष नेता के गुलाम नहीं है वोह कहते है के में कांग्रेस का सिपाही हूँ और कांग्रेस संगठन में आदर्शवाद है ,,सेवाभाव है ,,न्याय है इसलिए जो विधान में लिखा है ,,कांग्रेस के कर्तव्यों में लिखा है उसकी कसोटी पर मुझे खरा उतरना है ,,वोह कहते है के उनकी सर्वप्रथम जवाबदारी ईश्वर भगवान अल्लाह के प्रति है फिर दलित पीड़ितों के प्रति वोह ज़िम्मेदार है ,,वोह कहते है उनकी जवाबदारी सोनिया जी ,,,राहुल जी ,सचिन जी के प्रति है और इस मामले में वोह अपनी कसोटी पर सही है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्रान्ति तिवारी हिन्दू हो ,,,चाहे मुस्लिम हो ,,दलित हो चाहे ब्राह्मण हो सभी में ज़िंदाबाद है ,,जनसेवा कार्यों में क्रान्ति तिवारी का अंदाज़ निराला है पहले प्यार से फिर तकरार से नहीं मानने पर मुक्का लात से ,,इसीलिए क्रान्ति तिवारी के खिलाफ कुछ मुक़दमे भी दर्ज हुए है लेकिन वोह बेपरवाह है क्योंकि उन्हें अपने ईश्वर और दोस्तों जनता पर पूरा भरोसा है ,,,क्रांतितिवारी ने हाल ही में कांग्रेस हार के कारणों पर चिंतन मंथन के दौरान कांग्रेस की रीढ़ कहे जाने वाले मुस्लिम समाज को कांग्रेस से दूर होने के मामले में सोचने समझने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया , मुस्लिमों को सियासत में उचित प्रतिनितिध्त्व सम्मान देने की बात कही तो कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा छा गया कई लोग इनसे नाराज़ हुए लेकिन बाद में पार्टी इन्ही के विचार की लाइन पर चल पढ़ी है ,,,क्रान्ति तिवारी एक फोन पर लोगों के लिए उपस्थ्ति रहते है ,,,,,,,इसीलिए क्रांति तिवारी शोषित पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के मामले में एक नई क्रान्ति के महानायक के रूप में अपनी पहचान बना चुके है ,,,वोह इन्साफ की लड़ाई में यह भी ध्यान नहीं रखते के ज़ालिम उनकी अपनी पार्टी का है या अन्याय उनकी खुद की पार्टी की सरकार कर रही है वोह समझाइश असफल होने पर अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ भी संघर्ष का रास्ता अपना चुके है और इसीलिए उनके हमदर्द जो उनके एक इशारे पर जान देने और लेने पर आमादा होते है कहते है के क्रान्ति एक नई क्रान्ति है यह महानायक है इस युग के और हमारे लिए चौबीस केरेट खरा सोना है इसलिए क्रान्ति तिवारी हमारे लिए ज़िंदाबाद थे ,,ज़िंदाबाद है ,,ज़िंदाबाद रहेंगे ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानv

हाफ़िज़ अब्दुल रशीद क़ादरी

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग में कोटा संभाग के सोशल मीडिया प्रभारी के पद पर हाफ़िज़ अब्दुल रशीद क़ादरी को नियुक्त किया गया है ,,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव और प्रवक्ता तबरेज़ पठान ने बताया के प्रदेश को ऑर्डिनेटर मक़सूद अहमद के पर्वेक्षणं ,,,प्रदेश अध्यक्ष हाजी निज़ाम कुरैशी की सहमति से कोटा संभाग अध्यक्ष एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने ,,हाफ़िज़ रशीद क़ादरी को कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग में ,,सोशल मीडिया प्रमुख कोटा संभाग के पद पर नियुक्त किया है ,,,,,,,,,,,,,,हाफ़िज़ अब्दुल रशीद क़ादरी ,,सोशल मिडिया एक्टिविस्ट के अलावा ,, समाज सेवी संस्था खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन के प्रमुख है ,,वोह जिला वक़्फ़ कमेटी कोटा में वाइस प्रेसीडेंट है जबकि जेड आर यु सी सी ,,रेल यात्री सेवा समिति में भी क़ादरी सदस्य रह चुके है ,,वोह कई अन्य समाज सेवी संगठनो से जुड़े है ,,,,,,कोटा सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के हालातो पर रशीद क़ादरी ,, कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ,,प्रभारी राजस्थान कांग्रेस गुरुदास कामत सहित कई लोगों से मिलकर महत्वपूर्ण सुझाव दे चुके है ,,,,,, प्रवक्ता कोटा संभाग तबरेज़ पठान ने बताया के रशीद क़ादरी की इस नियुक्ति से सोशल मिडिया पर कांग्रेस की रीती नीतियों के प्रचार प्रसार को बल मिलेगा ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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