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25 नवंबर 2015

पत्रकारों की सुरक्षा के लिए “पत्रकार सुरक्षा कानून”



दुनिया के कई देशों में पत्रकार सुरक्षा कानून बने हैं, जो पत्रकारों को सही और सच्ची खबर लाने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन भारत आज भी पत्रकार सुरक्षा कानून से वंचित है। अत: सरकार भारत में तुरंत प्रभाव से “पत्रकार सुरक्षा कानून” निर्माण व लागू करे।
“कानूनी सुरक्षा” हेतु
1- “पत्रकार सुरक्षा कानून” अविलम्ब लागू हो।
2- पत्रकार/मीडियाकर्मी पर कवरेज के दौरान हमले को विषेश कानून के तहत दर्ज किया जाए।
3- पत्रकार/मीडियाकर्मी को कवरेज करने से रोकने को सरकारी काम में बाधा की तरह देखा जाए।
4- पत्रकार/मीडियाकर्मी पर दर्ज हुए मामलों की पहले स्पेशल सेल के तहत जांच की जाए, मामले की पुष्टि होने पर ही केस दर्ज किया जाए।
5- पत्रकार/मीडियाकर्मी पर दर्ज हुए मामले की जांच के लिये कम से कम पीसीएस या आईपीएस अधिकारी द्वारा जांच हो।
6- यदि पत्रकार/मीडियाकर्मी पर झूठा मामला दर्ज किया जाता है और उसकी पुष्टि होती है तो झूठा मुकदमा करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास और अधिकतम जुर्माने का प्रावधान हो।
7- पत्रकार/मीडियाकर्मी की हत्या को रेयरेस्ट क्राइम के अंतर्गत रखा जाए।
8- पत्रकार/मीडियाकर्मी की कवरेज के दौरान दुर्घटना या मृत्यू होने पर नि:शुल्क बीमा प्रदान किया जाए।
9- कवरेज के दौरान घायल हुए पत्रकार/मीडियाकर्मी का इलाज सरकारी अथवा निजि अस्पताल में नि:शुल्क किया जाए।
10- यदि पत्रकार/मीडियाकर्मी के परिजनो पर रंजिशन हमला किया जाता है तो उनका इलाज सरकारी अथवा निजि अस्पताल में नि:शुल्क किया जाए।
11- कवरेज के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुए पत्रकार/मीडियाकर्मी की मृत्यु होने पर उसके परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।
12- पत्रकार/मीडियाकर्मी को आत्म सुरक्षा हेतु लाइसेंस इश्यू किया जाए।
13- सभी पत्रकार/मीडियाकर्मी को कवरेज के लिये राज्य तथा केन्द्र की ओर से आई-कार्ड जारी किया जाए।
14- प्रशासनिक व विभागीय बैठकों में पत्रकारों की उपस्थिति अनिवार्य हो।
15- पत्रकार/मीडियाकर्मी को कवरेज हेतु आवागमन के लिये आधे किराये का प्रावधान हो, तथा रेलवे में यात्रा के लिये शीघ्र आरक्षण का प्रावधान हो।
16- पत्रकार/मीडियाकर्मी के लिये टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाए।
17- यदि पत्रकार/मीडियाकर्मी को धमकियां मिले तो उसकी सुनवाई शीघ्र हो तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
सामाजिक सुरक्षा हेतु संस्तुतियां
1- राज्य एवं केन्द्र के स्तर पर “पत्रकार आर्थिक सुरक्षा निधि” योजना का संचालन हो।
2- 10,000 का नि:शुल्क बीमा सुनिश्चित हो।
3- गम्भीर बीमारी की स्थिति में अच्छे अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था हो।
4- पत्रकार/मीडियाकर्मी के लिये स्वास्थ्य बीमा योजना हो।
5- जिस तरह किसान ऋण योजना है उसी प्रकार पत्रकार/मीडियाकर्मियो हेतु ऋण योजना बैंको द्वारा संचालित हो।
6- पत्रकार/मीडियाकर्मियों हेतु कार्यालय योजना हो जिसमें सस्ते व आसान किश्तों पर कार्यालय उपलब्ध हों।
7- प्रिंटिंग प्रेस लगाने हेतु विषेश पैकेज व्यवस्था हो तथा प्रिंटिंग प्रेस पर आयत शुल्क में रियायत हो।
8- पत्रकार/मीडियाकर्मियों के बच्चों के लिये अच्छे शिक्षण संस्थानों में कोटा हो अथवा उनकी फीस में रियायत हो।
9- पत्रकार/मीडियाकर्मी हेतु आवास योजना हो, जिसमें सस्ते व आसान किश्तों पर आवास उपलब्ध हों।
जब तक लोकतंत्र के प्रहरी पत्रकार/मीडियाकर्मी की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चि नहीं हो जाती तब तक किस तरह एक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना की जा सकती है और किस तरह भारत विश्व में निष्पक्ष भयहीन और स्वतंत्र मीडिया होने का दम्भ भर सकता है। जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।

टीवी एक्ट्रेस का आरोप- एक्टर यश पंडित ने शादी का झांसा देकर कई बार किया रेप


 फाइल फोटो: पीड़ित एक्ट्रेस के साथ एक्टर यश पंडित।
फाइल फोटो: पीड़ित एक्ट्रेस के साथ एक्टर यश पंडित।
मुंबई. टीवी एक्टर और ‘स्प्लिट्सविला-8' फेम यश पंडित पर 28 साल की एक टीवी एक्ट्रेस ने रेप का आरोप लगाया है। एक्ट्रेस का आरोप है कि यश ने शादी का झांसा देकर जुहू के अपने घर में उनसे कई बार रेप किया। इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यश मशहूर म्यूजिक कंपोजर जोड़ी जतिन-ललित का भतीजा है।
> एक्ट्रेस से जब dainikbhaskar.com ने कॉन्टैक्ट किया तो उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की बात कन्फर्म की। एक्ट्रेस ने यह भी दावा किया कि यश के परिवार के हाई प्रोफाइल कनेक्शंस के चलते पुलिस उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई।
> पुलिस ने इस केस को आईपीसी की धारा 376 (रेप) के तहत दर्ज किया है। यश अब भी फरार है और मुंबई के सेशन्स कोर्ट में जमानत के लिए उसे 27 नवंबर की तारीख मिल गई है। जुहू पुलिस ने उस पर आईपीसी की धारा 406 (झूठे वादे) या 420 (धोखाधड़ी) लगाने की भी प्रोसेस शुरू कर दी है।
टीवी एक्ट्रेस ने बताई आपबीती
dainikbhaskar.com से बातचीत के दौरान पीड़ित एक्ट्रेस ने पूरी घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "एक टीवी सीरियल के सेट पर 13 सितंबर को मेरी यश से मुलाकात हुई और हम दोस्त बन गए। 7 अक्टूबर को उसने मुझे अपने अपार्टमेंट पर इनवाइट किया। हालांकि, घर जाने से पहले पार्किंग एरिया में उसने कई झूठे वादे कर मुझे ओरल सेक्स के लिए मजबूर किया। उसके बाद 29 अक्टूबर और 14 नवंबर को उसने पेरेंट्स से मिलवाने का वास्ता देकर घर पर इनवाइट किया। फिल्मी स्टाइल में माथे पर सिंदूर लगाया। बाद में उसने झांसा देकर मुझसे दो बार रिलेशंस बनाए।’
बाद में क्या हुआ?
खबरों की मानें तो इसके कुछ ही दिनों बाद यश एक्ट्रेस को अवॉयड करने लगे और उनके फोन और मैसेजेस का जवाब देना बंद कर दिया। जब उनका आमना-सामना हुआ, तब यश ने एक्ट्रेस को समझाया कि वे अब भी अच्छे दोस्त रह सकते हैं और शारीरिक रिश्ते बना सकते हैं, लेकिन शादी होनी मुश्किल है।
एक्ट्रेस का दावा- यश ने कई लड़कियों के साथ रिश्ते बनाए

> एक्ट्रेस का दावा है, "पुलिस का घटिया रवैया देख मैं सन्न रह गई थी। यश सिर्फ शारीरिक रिश्ते बनाना चाहता था। उसने मेरे सामने यह बात कबूली भी है कि वह कई लड़कियों के साथ ऐसा कर चुका है। ये लड़कियां बदनामी के डर से पुलिस तक नहीं पहुंच पाईं। लेकिन मैं उसे सबक सिखाना और उसकी असलियत लोगों तक लाना चाहती हूं।’
> एक्ट्रेस ने कहा, "देखा जाए तो पुलिस को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 377 (अननैचुरल सेक्स) लगानी थी, ताकि यह केस और मजबूत हो सके। निश्चित रूप से पुलिस पर दबाव है। यही वजह है कि वह उसे अब तक ट्रेस नहीं कर पा रही।’
> एक्ट्रेस ने बताया, ‘एफआईआर दर्ज करवाने के बाद, मैंने खुद डीसीपी सत्यनारायण चौधरी से यश और उसके असरदार फैमिली कनेक्शन्स पर बातचीत की। जब भी मुझे इस बात की खबर मिलती कि यश अपने अपार्टमेंट में छुपा है, मैं तुरंत पुलिस को बताकर वहां जांच टीम भेज छापा मारने के लिए कहती। हालांकि, यश कभी पकड़ में नहीं आ पाया, क्योंकि हर बार किसी मिस्टीरियस फोन कॉल से जरिए उसके घरवाले अलर्ट हो जाते और परिवार उन्हें फरार बता देता।’
क्या कहती है पुलिस?

इस बारे में जुहू पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुनील घोसालकर ने कहा, "इस मामले में मेमो इश्यू कर दिया गया है और जांच करने वाले अफसर को बदल दिया गया है। नए अफसर मामले की जांच कर रहे हैं। हमारी ओर से जैसी मदद की जरूरत होगी, की जाएगी।’

रिजर्वेशन का मुद्दा: BJP MP ने नाम लिए बिना जाट कम्युनिटी को दी गाली, फिर पलटे


पानीपत. हरियाणा से बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी पर सोनीपत की एक सभा में जाट कम्युनिटी को गाली देने का आरोप लगा है। बुधवार को हुई सभा में सैनी ने जाट समाज का नाम लिए बिना कहा, ‘जब भी पिछड़े वर्ग के लोगों को पार्लियामेंट जाने का मौका मिला, इन * (गाली) के बच्चों ने पार्लियामेंट नहीं जाने दिया।’ लेकिन फिर सैनी को शायद अपनी गलती का एहसास हुआ। वे अपनी बात से पलट गए और कहने लगे कि इन शूरवीरों ने हमारे लोगों को पार्लियामेंट जाने से रोका।
सैनी ने और क्या कहा?
सैनी ने यह भी कहा कि पिछड़ा वर्ग आने वाली 28 नवंबर को दिल्ली में अपनी ताकत दिखा देगा। जाट बार-बार धमकी देते हैं कि हम पानी बंद कर देंगे, दूध बंद कर देंगे। ये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है। बता दें कि इन दिनों बीजेपी के कुरुक्षेत्र से सांसद सैनी हरियाणा में जाट आरक्षण के खिलाफ जनसभाओं में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
एक दिन पहले बालियान ने भी दिया था बयान
केंद्र में कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने मंगलवार को कहा था कि जाटों को आरक्षण हर हाल में मिलेगा। उन्होंने भी सांसद राजकुमार सैनी का नाम लिए बिना कहा था कि हरियाणा की हवा ठीक नहीं है और हरियाणा की गर्म हवा से पश्चिमी यूपी भी जल रहा है। उन्होंने कहा था कि हमारे बारे में इस तरह की बातें न की जाएं। जिसे छोड़कर जाना है, चला जाए।
बीरेंद्र सिंह ने भी साधा था निशाना

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने राज्य के नेताओं पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राज हासिल करने के लिए राजनेता मीठी-मीठी बातें करते हैं और गलत रास्ते पर चलते हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि राजनीति कोई काम ही नहीं है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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